Published On: Sun, May 25th, 2025

करनाल में आंधी से पोल्ट्री फार्म के दो शेड गिरे: 3 हजार चूजों की मौत, 10 लाख का कर्ज लेकर किया था बिजनेस – Gharaunda News

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गांव फुरलक में आंधी से टूटा शेड।

करनाल में घरौंडा के गांव फुरलक में शनिवार देर रात तेज आंधी और बारिश ने तबाही मचा दी। इस दौरान पोल्ट्री फार्म के दो बड़े शेड गिर गए। शेड का मलबा गिरते ही उसमें रखे हजारों चूजे दब गए। फार्म मालिक ने बताया कि करीब 2500 से 3000 चूजों की मौत हो चुकी है, ब

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जानकारी के अनुसार फुरलक गांव के बलराज पान्नू बीते 15 सालों से पोल्ट्री फार्म चला रहे हैं। उन्होंने बादशाहपुर रोड पर तीन शेड बनाए थे, जिनमें एक सिंगल स्टोरी और दो डबल स्टोरी के थे। फार्म में कुल 8 हजार चूजे रखे गए थे। शनिवार और रविवार की रात जब तेज हवा और बारिश आई, तो उसका एक सिंगल स्टोरी और एक डबल स्टोरी शेड पूरी तरह गिर गया। उस समय चूजे इन्हीं शेड में थे।

सुबह पहुंचा तो उजड़ा हुए थे शेड

बलराज जब सुबह फार्म पर पहुंचा तो वहां का मंजर देख उसका दिल बैठ गया। दो शेड पूरी तरह जमींदोज थे और चूजे मलबे के नीचे दबे हुए थे। करीब 2 हजार चूजे वहीं मर चुके थे, बाकी इधर-उधर भाग रहे थे। बचे हुए चूजों को जैसे-तैसे एकत्र किया गया और बचे हुए तीसरे डबल स्टोरी शेड में शिफ्ट किया गया। लेकिन ये चूजे भी घायल हैं और धीरे-धीरे उनकी भी मौत हो रही है।

20 दिन के थे चूजे, कीमत 31 रुपए प्रति पीस बलराज ने बताया कि उसने यह 8 हजार चूजे 31 रुपए प्रति पीस के हिसाब से खरीदे थे। सभी चूजे मात्र 20 दिन के थे। अभी उनका विकास होना बाकी था और उन्हीं से पूरी आमदनी की उम्मीद थी। लेकिन अब उसका पोल्ट्री बिजनेस पूरी तरह ठप हो गया है। चूजों की कीमत, शेड की लागत और बाकी सामान को मिलाकर उसे लगभग 20 से 25 लाख रुपए तक का नुकसान हुआ है।

10 लाख का कर्ज, अब दोबारा खड़ा होना मुश्किल बलराज ने बताया कि उसने पोल्ट्री बिजनेस को खड़ा करने के लिए 10 लाख रुपए का कर्ज भी ले रखा है। अब उसके पास इतनी सामर्थ्य नहीं कि वो दोबारा शेड बनाकर काम शुरू कर सके। पीड़ित ने सरकार से गुहार लगाई है कि उसे उचित मुआवजा दिया जाए ताकि वह अपने कारोबार को फिर से खड़ा कर सके।

स्थानीय प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली घटना के बाद अभी तक कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है। बलराज का कहना है कि गांव में सभी को इस नुकसान की जानकारी है, लेकिन अभी तक न कोई मुआवजे की बात हुई है और न ही कोई सर्वे हुआ है। उसने सरकार से अपील की है कि प्राकृतिक आपदा के कारण हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक सहायता दी जाए।



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