आधी रात फिर पाकिस्तान से उड़ता आया ड्रोन, लटका था पीले रंग का पैकेट, दौड़ती-भागती आई BSF!

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राजस्थान के श्रीगंगानगर में बीएसएफ ने भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से एक किलो हेरोइन का पैकेट जब्त किया है. नशे की इस खेप को पाकिस्तान से भेजा गया था. ड्रोन के जरिये पैकेट को बॉर्डर क्रॉस करवाया गया था.

पाकिस्तान से नशे की खेप को यूं भेजा जाता है भारत (इमेज- फाइल फोटो)
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 1 किलोग्राम हेरोइन और एक ड्रोन जब्त किया है. इस हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये आंकी गई है. यह घटना अनूपगढ़ क्षेत्र में कैलाश पोस्ट और शेरपुरा पोस्ट के बीच की है, जहां शुक्रवार, 23 मई 2025 की सुबह एक खेत में ड्रोन और हेरोइन का पैकेट पड़ा मिला. इस खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड पर ला दिया है और क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है.
घटना की जानकारी सबसे पहले स्थानीय ग्रामीणों को मिली, जिन्होंने खेत में एक संदिग्ध ड्रोन और पीले रंग का पैकेट देखा. ग्रामीणों ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस और BSF की टीमें मौके पर पहुंची. BSF ने ड्रोन और पैकेट को अपने कब्जे में ले लिया. जांच में पाया गया कि पीले रंग के पैकेट में 1 किलोग्राम हेरोइन थी, जिसे पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा में भेजा गया था. यह पैकेट सीमा पर तारबंदी के बेहद करीब मिला, जिससे साफ है कि यह तस्करी का एक सुनियोजित प्रयास था.
पाकिस्तान कर रहा नशे की सप्लाई
BSF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ड्रोन का उपयोग सीमा पार से नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए किया जा रहा है, जो एक नई और गंभीर चुनौती है. ड्रोन को तकनीकी जांच के लिए भेजा गया है ताकि इसके मॉडल, निर्माण और उड़ान पथ का पता लगाया जा सके. प्रारंभिक जांच में संदेह है कि यह ड्रोन पाकिस्तान से उड़ाया गया था और इसका उद्देश्य हेरोइन को भारतीय सीमा में डिलीवर करना था. BSF ने इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य संदिग्ध सामान या व्यक्ति क्षेत्र में मौजूद न हो.
कई बार पकड़े हैं ड्रोन
यह पहली बार नहीं है जब भारत-पाक सीमा पर ड्रोन के जरिए तस्करी की कोशिश पकड़ी गई है. पिछले कुछ वर्षों में पंजाब और राजस्थान की सीमाओं पर ड्रोन के माध्यम से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के कई मामले सामने आ चुके हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रोन का उपयोग तस्करों के लिए एक आसान और कम जोखिम वाला तरीका बन गया है क्योंकि यह सीमा पर तारबंदी और गश्त को चकमा दे सकता है. हालांकि, BSF ने ड्रोन-रोधी तकनीकों और सतर्कता के जरिए ऐसी कोशिशों को बार-बार नाकाम किया है.
तेज हुई जांच
सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले की जांच तेज कर दी है. खुफिया एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस तस्करी के पीछे कौन सा नेटवर्क काम कर रहा है और क्या स्थानीय स्तर पर कोई इस साजिश में शामिल था. स्थानीय पुलिस और BSF संयुक्त रूप से उन लोगों की तलाश कर रही हैं जो इस ड्रोन को रिसीव करने वाले थे. साथ ही, सीमा पर निगरानी को और सख्त कर दिया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
लोगों में आक्रोश
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गुस्सा और चिंता का माहौल है. अनूपगढ़ के निवासी रामलाल ने कहा, “हमारी सीमा पर ऐसी घटनाएं चिंताजनक है. नशीले पदार्थ हमारे युवाओं को बर्बाद कर रहे हैं. BSF और पुलिस को और सख्ती से काम करना होगा.” सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस घटना की निंदा की है और मांग की है कि नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ और कठोर कदम उठाए जाएं.

न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
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