मनीष कश्यप पहले नहीं, PMCH में मारपीट का रिकॉर्ड पुराना: पुलिस बुलाने के बजाए गार्ड खुद मारपीट कर रहे; वीडियो बनाने पर मनाही

बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल ‘पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल’ (PMCH) में बीजेपी नेता मनीष कश्यप से मारपीट की गई। हालांकि, PMCH में इस तरह का ये पहला मामला नहीं है, बल्कि यहां अक्सर मारपीट की घटनाएं होते रहती हैं। मरीजों से लेकर विधायक तक से विवाद
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मारपीट का मामला या तो थाने पहुंचता ही नहीं है और अगर पहुंचता है तो बस शिकायत लिखाकर फाइल में दर्ज हो जाता है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने कहा, ‘मरीजों की भीड़ ज्यादा है, डॉक्टर्स कम हैं। जब तक स्टाफ पूरा नहीं होगा, ये हालात बने रहेंगे।’ वहीं, इस पूरे मामले पर सरकार ने चुप्पी साध ली है।
भास्कर की पड़ताल में ये बात सामने आई कि PMCH कैंपस के भीतर अपना एक स्वघोषित नियम है। मरीजों और उनके परिजनों के साथ बदतमीजी और मारपीट के मामले में ज्यादातर जूनियर डॉक्टर शामिल होते हैं या अस्पताल में तैनात निजी कंपनी के सुरक्षा गार्ड्स। पढ़िए, संडे बिग स्टोरी में PMCH पर रिपोर्ट…
PMCH में मारपीट के 4 चर्चित मामले
केस-1ः मरीज से मिलना चाहा तो गार्ड ने पीट दिया
20 मई 2025, रात 10.30 बजे
आरा के बिरजू पासवान ने अपने रिलेटिव राजकुमार पासवान को एडमिट करवाया था। वे उनसे मिलना चाहते थे, लेकिन गार्ड ने रोक दिया। जिद किया तो पूरे परिवार के साथ मारपीट की। इस दौरान उन्होंने महिला सदस्यों के साथ भी गलत बिहेवियर किया।
बिरजू पासवान ने बताया, ‘गार्ड्स खुलेआम धमकी देते हैं कि एडमिट मरीज की छुट्टी करा देंगे। पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ेगी। अगर पुलिस में शिकायत की तो उल्टा हम ही लोगों पर कार्रवाई हो जाएगी।’

केस-2ः नाबालिग का इलाज कराने गए कश्यप को पीटा
19 मई 2025, दोपहर- 1.30 बजे
भाजपा नेता मनीष कश्यप एक नाबालिग लड़की का इलाज कराने PMCH पहुंचे थे। लड़की को जीबीएस नाम की बीमारी थी। इस बच्चे को एक इंजेक्शन लगना था जो काफी किफायती था। ये अधीक्षक के परमिशन से ही लगता। PMCH पहुंचकर कश्यप ने डॉक्टर से बच्ची का इलाज शुरू नहीं होने का कारण पूछा। इसके बाद लेडी डॉक्टर और मनीष कश्यप के बीच तू-तू.. मैं-मैं हो गई।
इसके बाद जूनियर्स डॉक्टर ने मनीष कश्यप की जमकर धुलाई कर दी। बुरी तरह पीटा। इसके बाद महिला डॉक्टर के नाम पर माफीनामा लिखवाया। तीन घंटे तक बंधक रखा। माफी लिखने के बाद छोड़ा। 3 घंटे तक उन्हें बंधक बना कर रखा गया था।
केस-3ः महिला विधायक से किया गया दुर्व्यवहार
8 अगस्त 2023
कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास अपने क्षेत्र के एडमिट मरीज को देखने के लिए PMCH गई थीं। यहां जूनियर डॉक्टर ने अभद्र व्यवहार किया गया। प्रतिमा दास ने कहा, ‘तब उनसे पूछा जाने लगा कि किसकी अनुमति से अंदर आईं? गार्ड से बोला गया इनको बाहर करो। मेरे गार्ड्स को घसीटा जाने लगा। गुंडागर्दी पर उतर आए।’
दास ने कहा, ‘एक माननीय सदस्य अपने क्षेत्र के लोगों से मिलने जाएगा और डॉक्टर गुंडागर्दी करेगा तो पेशेंट के साथ ये लोग क्या करते होंगे? तब इन्होंने स्वास्थ्य विभाग के मंत्री से लेकर थाने तक शिकायत भी की थी। मामला बस आश्वासन और शोकॉज तक सीमित होकर रह गया।’

कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास के साथ भी किया गया था दुर्व्यवहार।
केस-4ः कंबल बांटने गए यूट्यूबर का हाथ तोड़ दिया
दिसंबर 2020, रात 12 बजे
यूट्यूबर प्रशांत राय आधी रात को PMCH में कंबल बांटने गए थे। वे कंबल बांट रहे थे इसी दौरान उन्हें इमरजेंसी वार्ड की सीढ़ियों पर बिखरी दो लाश दिखीं। बाथरूम से आती बदबू और ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी सोते हुए दिखे। मरीज परेशान भटक रहे थे। वे इन सबको रिकॉर्ड करने लगे, तो गार्ड ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया। उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। लाठी-डंडे से इतना मारा कि उनके हाथ तोड़ दिए । वे कहते हैं कि उनकी हाथ आज तक सही से सीधी नहीं हुई है। पैर पूरा छिल गया था।
इतना ही नहीं कंबल बांटने में इनके साथ रहे इनके तीन दोस्तों को पकड़कर बच्चा चोर का आरोप लगा दिया। रात भर इन्हें थाने की हाजत में गुजरानी पड़ी।

उपाधीक्षक बोले- मारपीट की छूट किसी को नहीं
PMCH में बार-बार मारपीट की घटना पर अस्पताल के उपाधीक्षक अशोक कुमार झा ने बताया, ’कारण तो फिलहाल स्पष्ट तौर पर नहीं बताया जा सकता है। इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है।’
सवाल- क्या सिक्योरिटी स्टाफ को मारपीट की छूट दी गई है?
जवाब- मारपीट की छूट तो किसी को नहीं है।
सवाल- इसे रोकने के लिए कोई कदम उठाया जा रहा है?
जवाब- बीच-बीच में सभी को ब्रीफ किया जाता है। सुरक्षाकर्मियों से लेकर मेडिकल स्टाफ तक सभी को जानकारी दी जाती है। अभी हाल में भी गार्ड्स और सभी के साथ मीटिंग की गई है। सभी को बताया गया है कि पुराने नियम का सख्ती से पालन कराएं।
जूनियर डॉ. एसोसिएशन बोला- हमारी समस्या कोई नहीं समझता
पूरे प्रकरण पर PMCH के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. फूलकांत ने बताया, ‘अस्पताल में कई सारी चीजों की कमियां हैं। पेशेंट का लोड ज्यादा है और डॉक्टर कम हैं। लोगों के बिहेविर के कारण भी कई बार परेशानी होती है।’

हॉस्पिटल के बेड लगातार बढ़ाए जा रहे हैं लेकिन स्टाफ की नियुक्ति नहीं की जा रही है। जब तक डॉक्टर्स की संख्या नहीं बढ़ाई जाएगी, ये सब होते रहेगा। डॉक्टर लोगों की जान बचाते हैं, हमलोग आगे बढ़कर पहले किसी से नहीं उलझते हैं। ये सब हमलोगों को बदनाम करने की साजिश है।
वर्कलोड के तनाव से बनती है ऐसी स्थिति
PMCH में मारपीट की घटना पर यहां के पूर्व अधीक्षक राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि PMCH के भीतर मारपीट की नौबत आने के मुख्य रूप से 4 कारण हैं।
- डॉक्टर पर वर्कलोड बहुत ज्यादा है। इसके कारण डॉक्टर तनाव में रहते हैं।
- जो मिनिमम स्ट्रक्चरल सपोर्ट (ECG, एक्सरे, सोनोग्राफी आदि ) जितना चाहिए, उतना उपलब्ध नहीं रहता है। इसके कारण डॉक्टर चिढ़ते हैं।
- डॉक्टर्स को सोशल ओरिएंटेशन दिया जाना चाहिए, ताकि तनाव की स्थिति में भी लोगों के साथ ठीक व्यवहार करें। यह काम नहीं हो रहा है, इस कारण मारपीट की स्थिति बन जाती है।
- एक कारण ये भी है कि कभी–कभी लोग खासकर नेता अपनी सीमाओं को तोड़ते हुए दबाव डालते हैं।

PMCH एक सरकारी कॉलेज, नियम से चलना जरूरी
क्या पीएमसीएच का अपना कोई स्वघोषित नियम है? इसमें कितनी सत्यता है? इस सवाल पर पूर्व अधीक्षक राजीव रंजन प्रसाद बताते हैं, ‘पीएमसीएच एक सरकारी अस्पताल है। जहां साढे़ चार के लिए मेडिकल और 3 साल के लिए पीजी छात्र जाते हैं। फिर निकल जाते हैं।
पीएमसीएच एक श्रेष्ठ अस्पताल है। मेडिकल कॉलेज के तौर पर पटना मेडिकल कॉलेज की अपनी एक पहचान है। इसका अपना कोई अलिखित कानून नहीं है। कोई अलग से रूल होने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। मेडिकल में बस एक ही चीज सिखाई जाती है कि मरीज को ठीक कैसे किया जाए।’
पीरबहोर थाना ने रिकॉर्ड मांगने पर कहा- RTI कीजिए
PMCH में मारपीट की शिकायत पुलिस दर्ज नहीं करती है। पीरबहोर थानेदार से जब हमने ये पूछा कि पिछले एक या दो साल में PMCH के कितने मामले दर्ज हुए हैं? जो मामले दर्ज हुए हैं, उसमें जांच की स्थिति क्या है?
इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं था। उन्होंने कहा, ‘ये बताना मेरा काम नहीं है। आप RTI कीजिए तभी आपको जानकारी मिलेगी।’
3 दिन की कोशिश के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री का जवाब नहीं आया
इस पूरे मामले पर हमने हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय से बात करने की कोशिश की। इसके लिए हमने 21 से 23 मई के बीच 5 बार फोन किया। दो बार उनके पीएम ने फोन उठाया।
उन्होंने कहा कि कॉल बैक करेंगे, लेकिन अभी तक फोन नहीं आया है। जवाब मिलते ही खबर में अपडेट कर देंगे।

19 मई को भाजपा नेता मनीष कश्यप के साथ मारपीट की गई थी।
सिक्योरिटी एजेंसी ने कहा- हम हॉस्पिटल मैनेजमेंट का निर्देश मानते हैं
PMCH में होमगार्ड के 50 जवान तैनात किए गए हैं। इनके अलावा एलाइट फलकॉन नाम की प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी की लगभग 250 गार्ड को तैनात किया गया है। अस्पताल के भीतर मारपीट और मनमानी का आरोप इनके ऊपर भी लगते हैं।
सिक्योरिटी एजेंसी के मैनेजर गुंजन कुमार ओझा ने बताया, ‘गार्ड हॉस्पिटल प्रबंधन के नियम के मुताबिक काम करते हैं। उन्हें मारपीट करने का कोई निर्देश नहीं दिया जाता है। वे सहूलियत के हिसाब से काम करते हैं। वे अपने दायरे में काम करते हैं। मारपीट के लिए कंपनी कभी नहीं कहती है। गार्ड मारपीट करने के लिए नहीं लोगों की मदद के लिए होते हैं।’
अंग्रेजों ने बनाया था हॉस्पिटल
PMCH की स्थापना 1925 में हुई थी। पहले ‘प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज’ था। बाद में इसका नाम बदलकर पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल किया गया। यह एक इंडिपेंडेंट इंस्टीच्यूशन (स्वायत्त संस्थान) है। पहले यहा पटना विश्वविद्यालय से संबद्ध था, लेकिन अब बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध है।
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PMCH में हुई मारपीट के बाद भाजपा नेता मनीष कश्यप को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। सोमवार रात 9.30 बजे से गुरुवार शाम 5 बजे तक वे अस्पताल में एडमिट रहे। उन्होंने कहा, ‘मैं वहां एक 16 साल की नाबालिग का इलाज कराने गया था। बच्ची एक लाइलाज बीमारी से पीड़ित थी। तीन दिन से जांच के कारण उसका ट्रीटमेंट टाला जा रहा था। पूरी खबर पढ़िए