Published On: Sat, May 24th, 2025

केरल में 16 साल बाद… मानसून ने मचाई तबाही, 11 में रेड और 3 में ऑरेंज अलर्ट


तिरुवनंतपुरम. केरल में शनिवार को मानसून के समय से पहले पहुंचने के बीच भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण घरों और फसलों को नुकसान पहुंचा, बिजली आपूर्ति बाधित हुई और सड़कों पर जलभराव हो गया. राज्य के विभिन्न भागों में उखड़े हुए पेड़ों और टूटी शाखाओं के कारण घरों और वाहनों को नुकसान पहुंचा तथा बिजली के खंभों के उखड़ जाने से कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई. राज्य में दिनभर भारी बारिश जारी रहने के कारण कई ग्रामीण और शहरी इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गईं.

राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि कुछ स्थानों पर बिना किसी चेतावनी के थोड़े समय में भारी बारिश हो सकती है, जिससे अचानक बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा हो सकती है. भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने राज्य में मानसून के समय से पहले पहुंचने की घोषणा की है. विभाग ने कहा कि राज्य में 16 साल के अंतराल के बाद मानसून का आगमन समय से पहले हुआ है.

आईएमडी के अनुसार, मानसून सामान्य से आठ दिन पहले आया और पिछली बार ऐसा 23 मई 2009 को हुआ था. इससे पहले, 1975 के बाद 19 मई 1990 को मानसून का जल्दी आगमन देखा गया था. आईएमडी ने कहा कि मानसून के आगमन के साथ पूरे केरल में भारी बारिश जारी रहने की उम्मीद है और अगले कुछ दिनों के लिए राज्य के कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

उसने कन्नूर और कासरगोड जिलों में रेड अलर्ट तथा राज्य के शेष 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया. इसके अलावा रविवार के लिए पांच जिलों में रेड अलर्ट और नौ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया. सोमवार के लिए केरल के 11 जिलों में रेड अलर्ट तथा शेष तीन में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया.

मानसून के आगमन और आईएमडी द्वारा जारी रेड अलर्ट के मद्देनजर केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार अगले एक सप्ताह तक अलर्ट पर रहेगी. उन्होंने ‘फेसबुक’ पोस्ट में कहा, ‘राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई गई है और बारिश से संबंधित तैयारियां तुरंत पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं.’ उन्होंने यह भी कहा कि सभी जिलों में मानसून पूर्व समीक्षा बैठकें और तैयारी पूरी कर ली गई हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की नौ टीम की तैनाती के लिए केंद्र को पत्र भेजा गया है. उन्होंने कहा, ‘भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. राज्य के सभी तालुका कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं.’

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड के जिलाधिकारियों से बात कर उनके जिलों में आपदा तैयारियों का आकलन किया. वायनाड में जिलाधिकारी ने भारी बारिश और रविवार को जिले में रेड अलर्ट के कारण रेड जोन और अन्य आपदा संभावित क्षेत्रों के निकट सभी साहसिक पर्यटन केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया.

जिला प्रशासन ने बताया कि वायनाड में सभी खनन गतिविधियां भी निलंबित कर दी गई हैं. पथानामथिट्टा में भी जिला प्रशासन ने 24 मई से 28 मई तक पर्वतीय स्थलों पर खनन और रात्रि यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिला प्रशासन ने आपदा संभावित क्षेत्रों के निकट रहने वाले लोगों को भी वहां से हटाने का आदेश दिया है.

सुबह राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि तेज हवाएं और भारी बारिश राज्य में मानसून के जल्द आगमन का संकेत है. उन्होंने यह भी कहा कि कोझिकोड, इडुक्की और पथानामथिट्टा के उत्तरी जिलों में बारिश अधिक होगी. एक टीवी चैनल से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि मानसून के आगमन के मद्देनजर उससे पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिये तैयारियां कर ली गई हैं.

राजन ने कहा कि मानसून की तैयारियों के संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं और वह प्रत्येक जिले में स्थिति का आकलन करने के लिए दिन में उनके साथ ऑनलाइन बैठक करेंगे. उन्होंने आम जनता को भारी बारिश के मद्देनजर सावधानी बरतने और केवल सुरक्षित स्थानों तक यात्रा करने की सलाह दी.

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