सालों से अटकी है पेंशन, थक-हारकर भैंस के पास पहुंचे कर्मचारी, बीन बजाकर की अनोखी फरियाद

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जोधपुर में एक अनोखा ही नजारा देखने को मिला, जहां जेएनवीयू के पूर्व कर्मचारियों ने भैंस के सामने बीन बजाने वाली कहावत को धरातल पर उतार दिया. लंबित पेंशन को लेकर उन्होंने अनोखा प्रदर्शन किया. क्या है पूरा मामला, …और पढ़ें

पेंशन के लिए गुहार लगा थक गए कर्मचारी (इमेज- फाइल फोटो)
जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) के पूर्व कर्मचारियों ने अपनी लंबित पेंशन के लिए एक अनोखा और प्रतीकात्मक प्रदर्शन कर प्रशासन का ध्यान खींचने की कोशिश की. कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय परिसर में ‘भैंस के आगे बीन बजाना’ कहावत को धरातल पर उतारते हुए भैंस के सामने बीन बजाकर अपनी नाराजगी जाहिर की. यह प्रदर्शन बकाया पेंशन और रिटायरमेंट लाभों में देरी के खिलाफ था, जो वर्षों से अटके हुए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रहा है, ठीक उसी तरह जैसे भैंस के सामने बीन बजाने का कोई असर नहीं होता.
जेएनवीयू के पूर्व कर्मचारी, जिनमें शिक्षक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ शामिल हैं, लंबे समय से पेंशन भुगतान में देरी की शिकायत कर रहे हैं. कुछ कर्मचारियों ने दावा किया कि उनकी पेंशन 2 से 5 साल तक अटकी हुई है, जिसके कारण उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. प्रदर्शनकारी रामस्वरूप शर्मा, जो 2019 में रिटायर हुए, ने बताया, “हमने विश्वविद्यालय को अपनी पूरी जिंदगी दी लेकिन रिटायरमेंट के बाद हमें अपने हक के लिए भटकना पड़ रहा है. प्रशासन हमारी बात नहीं सुनता इसलिए हमें यह अनोखा तरीका अपनाना पड़ा.”
कैंपस में लाए भैंस
प्रदर्शन के दौरान, कर्मचारियों ने एक भैंस को विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर लाया और उसके सामने बीन बजाई, यह दर्शाने के लिए कि प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा. इस अनोखे प्रदर्शन ने स्थानीय लोगों और मीडिया का ध्यान खींचा और सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हो गई. प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां भी प्रदर्शित कीं, जिन पर लिखा था, “पेंशन दो, सम्मान दो” और “भैंस के आगे बीन बजाना बंद करो.”
सालों से नहीं मिली पेंशन
पेंशन में देरी का मुद्दा केवल जेएनवीयू तक सीमित नहीं है. हाल के महीनों मे पेंशन भुगतान में देरी की शिकायतें देशभर में सामने आई हैं. उदाहरण के लिए, अमर उजाला की एक रिपोर्ट में बताया गया कि उत्तर प्रदेश में दिव्यांग और विधवा पेंशन योजनाओं में तकनीकी समस्याओं के कारण लाभार्थियों को परेशानी हो रही है. इसी तरह, सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2024 में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों को मिलने वाली कम पेंशन को “दयनीय” बताया था, जिससे सरकारी तंत्र में पेंशन प्रणाली की खामियां उजागर हुई.
जेएनवीयू है मौन
जेएनवीयू के प्रशासन ने इस प्रदर्शन पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है लेकिन सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पेंशन मामलों को सुलझाने के लिए एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया है. हालांकि, कर्मचारियों का कहना है कि ऐसे आश्वासन पहले भी दिए गए लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. एक अन्य प्रदर्शनकारी, शांति देवी, ने कहा, “हमें हर बार कागजों और बैठकों का हवाला दिया जाता है लेकिन पेंशन का पैसा हमारे खाते में नहीं आता.”

न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
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