Published On: Sat, May 24th, 2025

rbsc result 2025 Vikas became Arts topper by working as a labourer


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कहते हैं कि मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे. यही वाक्या बाड़मेर के विकास कुमार के साथ हुआ है. विकास के जीवन की शुरुआत ही मुश्किलों से भरी थी और इन्हीं से गुजरकर विकास ने 12वी कला वर्ग में जिला टॉप क…और पढ़ें

सरकारी स्कूल से सफलता की हासिल

धूप तपती थी, हथौड़े की चोटें गूंजती थीं, हाथों में छाले और पैरों में थकान होती थी. लेकिन इन सबके बीच एक सपना पल रहा था कुछ कर दिखाने का. मां-बाप की मेहनत को कामयाबी में बदलने का. ये कहानी है बाड़मेर जिले के छोटे से गांव भीमड़ा के विकास कुमार की, जो दिन में मजदूरी करता था और रात में पढ़ाई और आज उसने 12वीं कला वर्ग में टॉप किया है.

माता-पिता है निरक्षर

विकास के रास्तों में कई कठिनाइयां आईं, लेकिन इन्होंने हर चुनौतियों को पार कर सफलता की कहानी लिखी है. विकास आज उन युवाओं के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत हैं, जो गरीबी या आर्थिक स्थिति को अपने रास्ते का बाधा मानते हैं. विकास अपने माता-पिता के साथ कच्चे घर में रहते हैं. विकास की एक बहन छठीं क्लास में पढ़ती हैं.

किसान परिवार से होने के बावजूद खुद ने की मजदूरी

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भीमड़ा में पढ़ने वाले विकास कुमार ने हिंदी में 100, अंग्रेजी में 99, राजनीति विज्ञान में 98, इतिहास में 94 और हिंदी साहित्य में 100 अंक हासिल किए हैं. उन्होंने 500 में से 491 अंक हासिल कर 98.20 फीसदी अंक के साथ कला वर्ग में जिला टॉप किया है.

विकास की सफलता पर उन्हें बधाई देने के लिए लगा तांता

विकास कुमार के पिता बाबूलाल मेघवाल अनपढ़ हैं, जबकि माता दरिया देवी गृहणी हैं. वहीं किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले विकास कुमार लोकल 18 को बताते हैं कि उनके पिता के साथ-साथ उन्होंने भी मजदूरी कर अपनी पढ़ाई जारी रखी है. घर के हालात ठीक नही होने की वजह से मजदूरी पर भी जाना पड़ता था. विकास बताते हैं कि वह बीपीएल परिवारों की सूची में शामिल हैं.

बीपीएल परिवार से तालुक रखते है विकास

विकास कुमार के मुताबिक, उन्होंने 15-16 घण्टे नियमित रूप से पढ़ाई की, जिसके बाद उन्होंने12वीं कला वर्ग में 98.20 फीसदी अंक के साथ जिला टॉप किया है. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि 10वीं में महज 56 फीसदी अंक हासिल हुए थे. इसके बाद उन्होंने पढ़ाई में अपनी जी जान लगा दी.

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