Published On: Sat, May 24th, 2025

हरियाणा के 5 प्राइवेट हॉस्पिटल ने PMJAY में की गड़बड़ी: दो खिलाफ क्रिमिनल केस की सिफारिश; 63 लाख जुर्माना लगाया, पैनल से बाहर हुए – Haryana News

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हरियाणा में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत हेराफेरी करने वाले अस्पतालों के खिलाफ प्रदेश सरकार सख्त हो गई है। हाल ही स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में 6 जिलों के हॉस्पिटल को अपने पैनल से हटा दिया है।

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जिन जिलों में कlर्रवाई हुई है उनमें कुरुक्षेत्र, जींद, भिवानी, कैथल और महेंद्रगढ़ है। दो हॉस्पिटल पर संबंधित अथॉरिटी के द्वारा क्रिमिनल केस चलाए जाने की सिफारिश की जा चुकी है। इसके साथ ही हॉस्पिटल प्रबंधन पर 62 लाख 94 हजार 770 लाख रुपए के जुर्माने के नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं।

हेल्थ डिपार्टमेंट के एसीएस सुधीर राजपाल ने इस हॉस्पिटल्स के द्वारा की गई अपीलों को सुनने के बाद खारिज कर दिया है। साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पैनल से भी बाहर कर दिया गया है।

यहां पढ़िए किस हॉस्पिटल ने क्या की गड़बड़ी …

1. भिवानी: मलिक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर

इस हॉस्पिटल को पीएमजेएवाई योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया था। हॉस्पिटल में गड़बड़ी मिलने पर हरियाणा स्टेट हॉस्पिटल अथॉरिटी (HSHA) के द्वारा सात कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। प्रबंधन ने सिर्फ दो का ही जवाब दिया। अथॉरिटी ने प्रबंधन पर 81 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। अस्पताल ने एक ही मामले में अप-कोडिंग, अन-बंडलिंग, अनावश्यक प्रक्रिया के तीन अपराध किए, जिसमें एक्सेलरेटेड हाइपरटेंशन (त्वरित उच्च रक्तचाप) का पैकेज बुक किया गया था और मरीज को एचडीयू में भर्ती कराया गया, लेकिन टारगेट ऑर्गन के खराब होने का कोई सबूत अस्पताल प्रबंधन के द्वारा नहीं दिया गया। एनएचए के दिशा-निर्देशों के अनुसार सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन के बाद अस्पताल को पैनल से हटा दिया गया।

2. सिद्धार्थ हॉस्पिटल, कुरुक्षेत्र

एसएचए हरियाणा की ओर से एसएएफयू डेस्क ऑडिटरों ने सिद्धार्थ अस्पताल के 56 संदिग्ध केसों की जांच की। ये जांच एनएचए के पैरामीटर पर की गई। वित्तीय गड़बड़ी मिलने पर हॉस्पिटल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया। साथ ही सख्त चेतावनी के साथ 2 लाख 40 हजार 120 रुपए का जुर्माना नोटिस जारी किया गया। अपीलीय अधिकारी हेल्थ डिपार्टमेंट के एसीएस सुधीर राजपाल ने इस पूरे मामले के सभी तथ्यों को देखने और सुनने के बाद अस्पताल की सभी तथ्यों को खारिज करते हुए पैनल से बाहर कर दिया गया।

3. विजय हॉस्पिटल, महेंद्रगढ़

SHA हरियाणा रिकॉर्ड के अनुसार, विजय अस्पताल, महेंद्रगढ़ पर अब तक 285 पुष्ट धोखाधड़ी के मामले (पुराने TMS 1.0 पोर्टल पर 114 और नए TMS 2.0 पोर्टल पर 171) के संबंध में 12 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। 40 पुष्ट धोखाधड़ी मामलों के संबंध में पहले 5 कारण बताओ नोटिस दिए गए। इसके बाद दो बार जुर्माने की कार्रवाई क्रमशः 4 लाख 50 हजार रुपए और 43 लाख 56 हजार 900 रुपए की कार्रवाई की गई।

गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए राज्य सरकार के कानूनों और किसी भी अन्य लागू केंद्र सरकार के अधिनियमों के नियमों के अनुसार, धोखाधड़ी करने के लिए विजय अस्पताल और उसके प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई। इसके अलावा हॉस्पिटल का EHCP का रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस रद्द करने की भी सिफारिश की गई। सुनवाई के बाद एसीएस सुधीर राजपाल ने इसे पैनल से बाहर कर दिया।

4. सिग्नस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, कैथल

सिग्नस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, कैथल हरियाणा में PMJAY योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया था। सिग्नस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के वर्तमान मामले के अनुसार 6 धोखाधड़ी वाले दावों के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था अस्पताल पर 6 लाख 02 हजार 450 रुपए का जुर्माना लगाया गया। इन 6 धोखाधड़ी दावों में से 3 दावे एक ही श्रेणी के अपराध से संबंधित थे, यानी प्रदान नहीं की गई सेवाओं के लिए बिलिंग की गई। एनएचए दिशा निर्देशों के अनुसार, एक ही श्रेणी के मामले में तीसरा अपराध होने पर अस्पताल को पैनल से बाहर कर दिया गया।

5. श्री ज्ञानी राम मेमोरियल चैरिटेबल अस्पताल, जींद

श्री ज्ञानी राम मेमोरियल चैरिटेबल अस्पताल के चार संदिग्ध केसों के बारे में फ्लाइंग स्क्वायड, जिला कार्यान्वयन इकाई (डीआईयू) जींद से फील्ड जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई थी। इसकी गहन समीक्षा के बाद और एनएचए के एसएएफयू दिशानिर्देशों के अनुसार, दोषी अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद चार मामलों के संबंध में दोषी अस्पताल को 5 लाख 64 हजार 300 रुपए का जुर्माना नोटिस भी जारी किया गया था।

सिविल सर्जन जींद के जरिए से फ्लाइंग स्क्वायड टीम द्वारा संदिग्ध मामलों के वेरिफिकेशन के संबंध में ब्लैक लिस्ट करने, नामजद करने और अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के संबंध में एक लेटर जारी किया गया। अपराधों की प्रवृत्ति को देखते हुए इसे भी पैनल से बाहर कर दिया गया।



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