4 people tried to save a deer and died | हिरण को बचाने निकले 4 लोग, मौत: मृतकों में वन्य जीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई समेत एक वन विभाग का कर्मचारी भी शामिल – Jaisalmer News

जैसलमेर के लाठी थाना इलाके में एक ट्रक और कैम्पर गाडी की आमने सामने भिड़ंत में कैम्पर में सवार 4 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसा रात करीब 10 बजे हुआ। टक्कर के बाद लोग मौके पर पहुंचे और लाठी थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची।
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हादसे में कैम्पर गाडी बुरी तरह से पिचक गई जिसके कारण लोग उसमें फंस गए। शवों को क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया। एम्बुलेंस की मदद से सभी को पोकरण हॉस्पिटल पहुंचाया गया है।

राधेश्याम विश्नोई व श्याम विश्नोई
हिरन शिकार की सूचना पर निकले थे राधेश्याम
बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात करीब 10 बजे के आसपास हिरन शिकार की सूचना पर वन्य जीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई अपने साथियों व एक वन विभाग के कर्मचारी के साथ लाठी इलाके के जंगलों की तरफ गाडी लेकर निकले थे। लाठी में गैस एजेंसी के पास सामने से आ रहे ट्रक से कैम्पर की भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सभी गाडी में फंस गए।
गाडी में राधेश्याम विश्नोई के अलावा श्याम प्रसाद पुत्र बगदूराम विश्नोई, कवराजसिंह भादरिया, व वन विभाग का कर्मचारी सुरेंद्र चौधरी मौजूद थे। सभी की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर लाठी थाना प्रभारी राजेंद्र खदाव टीम के साथ मौके पर पहुंचे और सभी को एम्बुलेंस की सहायता से पोकरण पहुंचाया।
वन्य जीव प्रेमी थे राधेश्याम विश्नोई
राधेश्याम विश्नोई (28) पुत्र खिंया राम बचपन से ही वन्य जीवों की सेवा में रहे। उनको हिरणों को शिकार से बचाने, घायल जानवरों का इलाज करवाने व गोडावण समेत कई दुर्लभ प्रजातियों के लिए हमेशा तैयार रहने वाले वन्य जीव प्रेमी के रूप में जाना जाता था। उन्होंने 1 हजार से भी ज्यादा हिरणों को रेस्क्यू कर बचाया और उनका इलाज करवाया।
गिद्धों को रेलवे ट्रैक से रेस्क्यू करने व जंगल में वन्य जीवों के लिए पानी की व्यवस्था करवाने के लिए भी याद किया जाएगा। वन्य जीवों की सेवा करने के मामले में जिला प्रशासन से विश्नोई को सम्मानित किया जा चुका है। इसके साथ ही सेंचुरी एशिया यंग नेचरिस्ट अवॉर्ड, विश्नोई समाज द्वारा सम्मानित करने के साथ साथ कई अवॉर्ड मिल चुके हैं। इनकी मौत से सभी वन्य जीव प्रेमी काफी दुखी है।

28 साल के राधेश्याम विश्नोई वन्य जीव प्रेमी के तौर पर जाने जाते थे।