KCR ‘भगवान’ की तरह जो कुछ ‘राक्षसों’ से घिरे हुए हैं, BRS नेता ने क्यों कहा?

हैदराबाद. भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के भीतर आंतरिक कलह शुक्रवार को उस समय सामने आ गई जब पार्टी की विधानपरिषद सदस्य के. कविता ने अपने पिता एवं पार्टी अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव (केसीआर) को लिखे पत्र के सार्वजनिक होने पर आपत्ति जताई. कविता ने यह भी कहा कि पार्टी में कुछ साजिशें चल रही हैं. उन्होंने कहा कि केसीआर ‘भगवान’ की तरह हैं जो कुछ ‘राक्षसों’ से घिरे हुए हैं. अमेरिका से लौटने के बाद शुक्रवार शाम यहां राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय (आरजीआई) हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने आश्चर्य जताया कि एक आंतरिक पत्र कैसे सार्वजनिक हो गया.
कविता ने कहा, ‘‘दो सप्ताह पहले मैंने केसीआर जी को एक पत्र लिखा था. मैंने पहले भी पत्रों के माध्यम से अपनी राय व्यक्त की थी. मैंने हाल में कहा था कि षड्यंत्र हो रहे हैं. केसीआर जी को मेरे द्वारा आंतरिक रूप से लिखा गया पत्र सार्वजनिक हो गया. पार्टी में हम सभी और तेलंगाना के लोगों को इस बारे में सोचना होगा कि क्या हो रहा है.’’
कविता ने कहा कि उन्होंने तेलंगाना के आधे हिस्से का दौरा करने के बाद ही अपने पत्र में लोगों की राय को व्यक्त किया है और उनका कोई व्यक्तिगत एजेंडा नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि उनके पत्र को सार्वजनिक करने के पीछे कौन है.
कविता से पूछा गया कि जिस साजिश की बात वह कर रही हैं उसके पीछे कौन है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘केसीआर जी भगवान हैं. लेकिन, उनके आसपास कुछ राक्षस हैं. उनके कारण बहुत नुकसान हो रहा है. मैं केसीआर की बेटी हूं. अगर मेरे द्वारा आंतरिक रूप से लिखा गया पत्र सार्वजनिक हो गया, तो पार्टी में अन्य लोगों के भाग्य के बारे में बहस होनी चाहिए.’’
कविता ने कहा कि वह नियमित रूप से पार्टी प्रमुख को इस तरह की प्रतिक्रिया देती रहती हैं. पत्र सार्वजनिक होने के बाद बीआरएस के आंतरिक मामलों पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कविता ने कहा कि राव उनके नेता हैं.
उन्होंने कहा कि केसीआर के नेतृत्व में बीआरएस आगे बढ़ेगी और पार्टी लंबे समय तक फलती-फूलती रहेगी, बशर्ते पार्टी के भीतर की ‘छोटी-मोटी खामियों’ को दूर कर दिया जाए और अन्य पार्टियों की गुप्त रूप से मदद करने वाले नेताओं को हटा दिया जाए. कविता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और भाजपा दोनों तेलंगाना में विफल रहे हैं और केसीआर का नेतृत्व उनका विकल्प है.
बीआरएस की नेता के. कविता ने पार्टी की हालिया बैठक के नकारात्मक और सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए अपने पिता एवं पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को कथित रूप से एक पत्र लिखा जिसने तेलंगाना के राजनीतिक हलकों में अटकलों को जन्म दे दिया है.
कविता ने तेलुगु और अंग्रेजी में लिखे पत्र में कहा, ‘‘जैसा कि आपने (केसीआर ने) सिर्फ दो मिनट बात की, कुछ लोगों ने अटकलें लगानी शुरू कर दीं कि भविष्य में भाजपा के साथ गठबंधन होगा. यहां तक कि मुझे भी व्यक्तिगत रूप से लगा कि आपको (भाजपा के खिलाफ) मजबूती से बोलना चाहिए था. ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि मुझे (भाजपा की वजह से) तकलीफ हुई. पिता जी, आपको भाजपा पर और निशाना साधना चाहिए था.’’
बीआरएस ने 27 अप्रैल को वारंगल में अपनी रजत जयंती मनाई थी. कविता ने पिछड़े वर्गों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण, अनुसूचित जातियों का वर्गीकरण और वक्फ संशोधन अधिनियम जैसे कई प्रमुख मुद्दों पर राव की चुप्पी को नकारात्मक प्रतिक्रिया का कारण बताया.
पत्र में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जमीनी स्तर पर अपना समर्थन खो दिया है और कुछ बीआरएस कार्यकर्ता अब भाजपा को एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में देखते हैं. कविता ने कहा कि बीआरएस ने जब हाल में विधान परिषद चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया तो इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में एक मजबूत संकेत गया कि वे भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं.