Published On: Fri, May 23rd, 2025

मोहम्‍मद यूनुस को चौधरी बनने का था शौक, PM मोदी के दोस्‍त ने उतारा नशा


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Bangladesh News: शेख हसीना की सरकार का तख्‍तापलट होने के बाद से बांग्‍लादेश लगातार अंधकार के गर्त में जा रहा है. इकोनोमिक्‍स में नोबेल पुरस्‍कार जीतने वाले मोहम्‍मद यूनुस की अगुआई में देश की हालात लगातार खस्‍ता…और पढ़ें

मोहम्‍मद यूनुस को चौधरी बनने का था शौक, PM मोदी के दोस्‍त ने उतारा नशा

मोहम्‍मद यूनुस को फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने तगड़ा झटका दिया है. (फोटो: एपी/फाइल)

हाइलाइट्स

  • भारत के खिलाफ चौधराहट करने वाले मोहम्‍मद यूनुस की इंटरनेशनल बेइज्‍जती
  • फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने द्विपक्षीय वार्ता के अनुरोध को ठुकरा दिया
  • यूनुस मुंह छुपाने को हुए मजबूर, नीस में होने वाले कॉन्‍फ्रेंस में खुद नहीं जाएंगे

फरवरी 2025 की बात है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी AI एक्‍शन समिट में हिस्‍सा लेने फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचे थे. पीएम मोदी के आगमन पर फ्रांस के राष्‍ट्रपति ने X पर पोस्‍ट शेयर कर कहा था- पेरिस में आपका स्‍वागत है मेरे मित्र नरेंद्र मोदी! अब पीएम मोदी के उसी मित्र ने भारत के खिलाफ चौधराहट करने वाले बांग्‍लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्‍य सलाहकार मोहम्‍मद यूनुस को तगड़ा झटका दिया है. यूनुस एक इंटरनेशन कॉन्‍फ्रेंस में हिस्‍सा लेने के लिए फ्रांस के खूबसूरत शहर नीस की यात्रा पर जाने वाले थे. ढाका का पूरा अमला इस जुगत में जुट गया था कि किसी तरह मोहम्‍मद यूनुस और मेजबान राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच द्विपक्षीय मुलाकात हो जाए. बांग्‍लादेश में लोकतंत्र की बहाली के नाम पर सत्‍ता सुख भोग रहे यूनुस इन दिनों दुनियाभर में अपने लिए समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. मैक्रों के तेवर से उनकी कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है. अब बताया जा रहा है कि मोहम्‍मद इस इंटरनेशनल कॉन्‍फ्रेंस में हिस्‍सा लेने खुद नहीं जाएंगे, बल्कि अपने किसी प्रतिनिधि को भेजेंगे.

दरअसल, फ्रांस के नीस शहर में यूनाइटेड नेशंस ओशन कॉन्‍फ्रेंस का आयोजन होने जा रहा है. इस सम्‍मेलन की शुरुआत 9 जून 2025 को होगी, जिसमें दुनियाभर के दिग्‍गज नेता जुटेंगे. मेजबान होने के नाते इमैनुएल मैक्रों का शेड्यूल काफी व्‍यस्‍त है. ‘इकोनोमिक टाइम्‍स’ की रिपोर्ट के अनुसार, मैक्रों का कार्यक्रम पहले से ही तय है, ऐसे में जब मोहम्‍मद यूनुस की ओर से बायलेटरल मीट का अनुरोध आया तो उनके लिए इसे स्‍वीकार कर पाना संभव नहीं हो सका. बता दें कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई शेख हसीना की सरकार का तख्‍तापलट होने के बाद मोहम्‍मद यूनुस को देश को पटरी पर लाने और लोकतांत्रितक तरीके से चुनाव करवा कर नई सरकार का गठन कराने की जिम्‍मेदारी सौंपी गई. उन्‍हें अंतरिम सरकार का चीफ एडवायजर नियुक्‍त किया गया. बांग्‍लादेश में चुनाव होने की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है. दूसरी तरफ, मोहम्‍मद यूनुस इंटरनेशनल लेवल पर अपने लिए समर्थन जुटाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं.

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फ्रांस की मोहम्‍मद यूनुस को दो टूक

रिपोर्ट की मानें तो फ्रांस ने इंटरनेशनल कॉन्‍फ्रेंस से इतर मोहम्‍मद यूनुस के राष्‍ट्रपति मैक्रों संग द्विपक्षीय वार्ता के अनुरोध पर दो टूक जवाब दिया है. फ्रांस ने कहा कि वह इंटरनेशनल कॉन्‍फ्रेंस को द्विपक्षीय बातचीत का मंच न1हीं बनाना चाहता है. साथ ही यह भी कहा कि सिर्फ बातचीत करने के लिए द्विपक्षीय बैठक करना ठीक नहीं होगा. बताया जाता है कि फ्रांस के इस रवैये के बाद मोहम्‍मद यूनुस ने नीस की अपनी यात्रा को टाल दिया है. अब यूनुस की जगह पर उनका कोई प्रतिनिधि ओशन कॉन्‍फ्रेंस में बांग्‍लादेश का प्रतिनिधित्‍व करेगा. दिलचस्‍प बात यह है कि बांग्‍लादेश ने फ्रांस से सिविल एयरक्राफ्ट खरीदने की योजना बनाई थी. इस पर बातचीत भी हुई, लेकिन अभी तक यह ठंडे बस्‍ते में ही है. इस पर आगे कोई प्रगति‍ नहीं हो सकी है. इस पूरे घटनाक्रम को मोहम्‍म्‍द यूनुस के लिए झटका माना जा रहा है.

मोहम्‍मद यूनुस की मानसिकता

बांग्‍लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत का करीबी माना जाता था. शेख हसीना के कार्यकाल में यूनुस पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए गए थे, ऐसे में शेख हसीना के साथ उनका छत्‍तीस का आंकड़ा था. अब जब मोहम्‍मद यूनुस को पिछले दरवाजे से बांग्‍लादेश की सत्‍ता पर काबिज होने का मौका मिला तो वह बदले की भावना के साथ काम करने लगे और भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण रवैया अपना लिया. भारत के साथ जिन देशों के रिश्‍ते उतने मजबूत नहीं हैं, मोहम्‍मद यूनुस वहां जाकर भारत को चुभने वाले फैसले लेने लगे. पाकिस्‍तान आर्मी के टॉप कमांडर और आईएसआई के शीर्ष अधिकारी का ढाका दौरा उनके रवैये को बताने के लिए काफी हैं. इसके अलावा बांग्‍लादेश के टॉप आर्मी कमांडर ने भी इस्‍लामाबाद का दौरा किया था. इसे देखते हुए फ्रांस के कदम को यूनुस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. वहीं, यह पूरा घटनाक्रम भारत के बढ़ते रसूख को भी दिखाता है.

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Manish Kumar

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