Published On: Thu, May 22nd, 2025

भुजिया, रसगुल्ला, हवेलियां…धोरों के शहर बीकानेर में क्या-क्या फेमस, तस्वीरों में देखें


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बीकानेर के दौरे पर थे. उन्होंने यहां प्रसिद्ध करनी माता मंदिर के दर्शन के साथ ही पलाना गांव में एक जनसभा को संबोधित किया है. बीकानेर भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर है. यहां की भ…और पढ़ें

बीकानेर अपने स्वाद और भुजिया के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, लेकिन बीकानेर का डूंगर शाही भुजिया भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है और इस भुजिया की डिमांड भी बहुत ज्यादा रहती है. बीकानेर के 20वें महाराजा डूंगर सिंह थे जो 1872 से 1887 तक बीकानेर के महाराजा रहे थे. इन महाराजा के नाम से भुजिया मिलना शुरू हुआ.

बीकानेरी भुजिया अनूठे चटपटे और कुरकुरे स्वाद के लिए जाना जाता है. इसे मोठ की दाल और बेसन से तैयार किया जाता है. इसमें लाल मिर्च, धनिया, काली मिर्च, इलायची और अदरक का भी डाला जाता है. बीकानेर में सिर्फ भुजिया का ही कारोबार करोड़ों रुपये में हैं.

बीकानेर का रसगुल्ला भी काफी प्रसिद्ध है. हालांकि पश्चिम बंगाल में इस मिठाई का जन्म हुआ है लेकिन अब रसगुल्ला को व्यापार ओर नाम बीकानेर से मिल रहा है. हर साल अकेले बीकानेर में करोड़ो को कारोबार होता है. रसगुल्ले की इतनी डिमांड है की यह देश के कोने कोने में जाता है तो वही 20 से अधिक देश में इसकी सप्लाई होती है. बीकानेर में रसगुल्ले दो तरह के है.इसके भी बीकानेर में बनने पर अलग ही स्वाद होने का दावा किया जाता है. एक तो खुरमानी रसगुल्ला यानी छोटा आकार और दूसरा सामान्य रसगुल्ला बनता है. इसमें स्पंजी रसगुल्ला बोलते है.

बीकानेर में दो तरह के रसगुल्ले पाए जाते हैं. यहां के खुरमानी और स्पंजी रसगुल्ला बंगाल को भी टक्कर देते हैं. खुरमानी छोटे आकार का होता है जबकि स्पंजी बड़ा है. यहां के रसगुल्ले दूध से बनी छेने की गोलियों से तैयार होते हैं. यहां के रसगुल्ले कई देशों में निर्यात किए जाते हैं और कारोबार भी करोड़ों रुपये में हैं.

बीकानेर के धोरे पूरी दुनिया में काफी प्रसिद्ध है. यहां के धोरे जैसलमेर की तरह है और सबसे अलग भी है. इन धोरों को देखने विदेशों से लोग आते है. इन धोरों पर रेत के टीले और प्राकृतिक सुंदरता को अपने कैमरे में कैप्चर करते है. इन धोरों पर केमल राइडिंग, जीप सफारी, नाइट लोक नृत्य, कैंप फायर और सन सेट प्वाइंट का लुत्फ उठाते है

बीकानेर के सुनहरे टीले सूर्यास्त और सूर्योदय के समय रंग बदलते हैं. जैसलमेर की तरह यहां भी विदेशियों पर्यटकों का जमावड़ा लगता है. यहां की ऊंट सफारी और जीप सफारी सैलानियों का आकर्षण है. यहां का कैमल फेस्टिवल भी लोगों को पसंद आते हैं.

बीकानेर को हजार हवेलियों का शहर कहा जाता है. इन हवेलियों के पत्थर पर शानदार नक्काशीदार काम है, जो इन्हें हेरिटेज लुक देता है. इस तरह की कारीगरी की देश और दुनिया में काफी डिमांड है. दुल्मेरा के पत्थर से यह हवेलियां बनाई गई है. यहां हवेलियों पर बीकानेर की रामपुरिया हवेली जहां स्थित है, उस जगह को भी हेरिटेज रूट का नाम दिया गया है.

बीकानेर में लालगढ़ पैलेस और जूनागढ़ किला भी है. यह राजस्थानी वास्तुकला और संस्कृति का बेजोड़ नमूना है. इसे देखने हर साल लाखों विदेशी सैलानी आते हैं.

बीकानेर से 30 किलोमीटर दूर जोधपुर हाइवे के पास देशनोक स्थित विश्व प्रसिद्ध करणी माता का मंदिर है. जहां 25 हजार से अधिक चूहे रहते है. करणी माता मंदिर में हजारों काले और भूरे रंग के चूहे पाए जाते हैं जो मंदिर के प्रांगण में स्वतंत्र रूप से घूमते हैं. इन चूहों को ‘काबा’ कहा जाता है और इन्हें करणी माता की संतान माना जाता है. मंदिर में इन चूहों को किसी भी प्रकार का नुकसान पहुंचाना घोर पाप माना जाता है. यहां तक कि भक्तों को भी पैर घसीटकर चलने की सलाह दी जाती है ताकि अनजाने में भी किसी चूहे को चोट न लगे. मंदिर में कुछ सफेद चूहे भी दिखाई देते हैं जिनके दर्शन को अत्यंत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि सफेद चूहे करणी माता और उनके पुत्र के प्रतीक है. मजे की बात है कि यहां लोग चूहों का झूठन भी प्रसाद के रूप में लेते है.

बीकानेर से 30 किमी दूर देशनोक में स्थित करणी माता मंदिर है. यहां आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी माता के दर्शन किए. इसे ‘चूहों का मंदिर’ भी कहा जाता है. इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप महाराजा गंगा सिंह ने बनवाया था. महाराज गंगा सिंह बीकानेर रियासत के 21वें महाराजा थे.

जूनागढ़ किला पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. इस किले को जमीन का जेवर भी कहते है. 15वीं सदी में महाराजा राव बीका ने बनवाया था. इस किले पर लाल रंग के पत्थरों का काम और राजस्थानी राजपूत शैली देखी जा सकती है. महाराजा ने राजधानी को सुरक्षित बनाने के लिए किले का निर्माण करवाया था. किले के अंदर खुफिया गेट और कई गुफाएं देखी जा सकती हैं ताकि दुश्मन चाहकर भी हमला ना कर सकें. किले में फूल महल, रानियों का महल, अनूप महल, मोती महल और गर्भ गंगा विलास जैसे कुछ 9 महल यहां देखे जा सकते हैं.

बीकानेर के इस किले के अंदर कई खुफिया गेट और कई गुफाएं देखी जा सकती. इस किले को भी लोग दूर-दूर से देखने आते हैं

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