Published On: Sun, Jun 9th, 2024

Modi Cabinet 3.0: पिछली बार चूके, अब मोदी सरकार में मिला मौका; पहली बार मंत्री ललन सिंह का प्रोफाइल भारी है


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राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को बिहार के सियासी गलियारों का बड़ा जानकार माना जाता है। जनता दल यूनाइटेड में नीतीश कुमार के बाद इन्हें बड़ा कद्दावर नेता माना जाता है। वह जेडीयू के सदस्य के रूप में 17वीं लोकसभा में मुंगेर का प्रतिनिधित्व करने वाले सासंद हैं। जुलाई 2021 से लेकर दिसंबर 2023 तक जेडीयू के राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष भी रहे हैं। जेडी (यू) बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं। नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 में ललन सिंह भी केंद्रीय मंत्री बनने जा रहे हैं। आइए जानते हैं बिहार और देश में अब तक के इनके राजनीतिक योगदान को ।

कॉलेज के दौरान ही कूद पड़े राजनीति में

राजीव रंजन सिंह जिन्हें बिहार में ललन सिंह के नाम से जाना जाता है। उन्हें बिहार की राजनीति का बड़ा जानकार भी माना जाता है। इनका जन्म साल 1955 में पटना में हुआ था। इनके पिता का नाम ज्वाला प्रसाद सिंह और माता का नाम कौशल्या देवी था। भूमिहार परिवार में जन्म लेने वाले ललन सिंह ने इतिहास विषय में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। ललन सिंह की शादी रेणू देवी से हुई है।

     पढ़ाई-लिखाई के दरमियान ही इन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कर दी थी। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ये कॉलेज छात्र संघ के महासचिव थे। इसी के साथ उन्होंने जेपी आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। उन्होंने नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, सुशील कुमार मोदी, रविशंकर प्रसाद जैसे दिग्गज लोगों के साथ जेपी आंदोलन में भाग लिया था। 

ललन सिंह का सियासी सफर

ललन सिंह साल 2014 में लोकसभा चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्हें बिहार विधान परिषद के सदस्य के रुप में निर्वाचित किया गया था। वह 15 वीं लोकसभा के सदस्य थे और बिहार की मुंगेर लोकसभा से संसद में प्रतिनिधी थे। 14 वीं लोकसभा में बिहार के बेगुसराय को प्रतिनिधित्व किया था। ललन सिंह को साल 2014 में जीतनराम मांझी की कैबिनेट में सड़क निर्माण मंत्री बनाया गया था। 

क्लासरूम की दोस्ती सियासी सफर में भी जारी

बहुत कम लोग जानते हैं कि नीतीश और ललन सिंह क्लासमेट रह चुके हैं। उनकी यह हिट जोड़ी सियासी गलियारों में भी दिखाई देती है। लेकिन जब पार्टी की तरफ से ललन सिंह पर आरोप लगने लगे तो दोनों के बीच के मतभेद उभरकर सामने आने लगे। आरोप लगा कि ललन सिंह ने पार्टी के फंड को गलत तरीके से इस्तेमाल किया है। साल 2010 के विधानसभा चुनाव में लल्लन सिंह ने कांग्रेस के लिए प्रचार-प्रसार किया था। उस समय मतभेद और उभरे, तब उन्होंने नीतीश के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी। 

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