Published On: Thu, Dec 26th, 2024

Bihar News: मिथिल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से मांगा फिटनेस सर्टिफिकेट, प्रभार वापस लेने पहुंचे तो ऐसा हुआ


Bihar News: Fitness certificate sought from Registrar of Lalit Narayan Mithila University, LMNU, Darbhanga

एलएमएनयू।
– फोटो : सोशल मीडिया।

विस्तार


ललित नारायण मिथिला विश्विद्यालय हमेशा अपने किसी न किसी मामले को लेकर सुर्खियों में बना रहता है। ताजा मामला एलएमएनयू के रजिस्ट्रार डॉ अजय कुमार पंडित से जुड़ा है। उन्होंने अपना इलाज कराने के लिए विश्विद्यालय से 30 अक्टूबर से अवकाश लिया था। विश्विद्यालय का काम प्रभावित न हो, इस कारण उन्होंने अपना प्रभार प्रो. विजय कुमार यादव को दिया था। अब वह स्वास्थ्य जांच करवाकर लौटे है तो उनसे फिटेनस सर्टिफिकेट मांग लिया गया। कहा गया कि आप दरभंगा के सिविल सर्जन से फिटनेस टेस्ट करवाएं।

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मस्तिष्क की गतिविधियों का पता लगाने के लिए कहा

इतना ही नहीं जब डॉ. अजय कुमार ने सिविल सर्जन की ओर से मिला फिटनेस सर्टिफिकेट विश्वविद्यालय में जमा कर दिया तो दोबारा उन्हें न्यूरोसर्जन द्वारा दिया जाने वाला फिटनेश प्रमाण पत्र मांगा गया और प्रभारी रजिस्टार प्रो. विजय कुमार यादव ने प्रभार देने से इनकार कर दिया। अब यह मामला पूरे विश्विद्यालय में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि इस पूरे मामले पर कुलपति ने चुप्पी साध रखी है।  वहीं सिविल सर्जन द्वारा दिये गए रिपोर्ट को पुनः कार्यकारी रजिस्ट्रार प्रो. यादव ने सिविल सर्जन को पत्र भेजा है जिसमें डीएमसीएच या पीएमसीएच के सीनियर न्यूरो सर्जन से डॉ. पंडित की पुन स्वास्थ्य जांच कराने का अनुरोध किया गया है। जबकि सिविल सर्जन को भेजे पत्र में कार्यकारी कुलसचिव प्रो. यादव ने विशेष रूप से डॉ. पंडित द्वारा बताई गई तीव्र न्यूरो संबंधी बीमारी के आलोक में डीएमसीएच अथवा पीएमसीएम में वरिष्ठ न्यूरो विशेषज्ञ की सलाह लेने का अनुरोध किया है। पत्र के अनुसार डॉ. पंडित के चिकित्सक डॉ. ए कुमार ने सुझाव दिया है कि डॉ.  अजय कुमार पंडित को मस्तिष्क की गतिविधियों का पता लगाने के लिए ईईजी परीक्षण से गुजरना होगा, जिसकी चर्चा उनके पांच नवंबर के चिकित्सीय प्रिस्क्रिप्शन में है।

कार्यकारी रजिस्ट्रार ने फिर से मांगी जांच रिपोर्ट

कार्यकारी रजिस्ट्रार ने कहा कि सिविल सर्जन कार्यालय से प्राप्त रिपोर्ट में तथ्यों की पूरी तरह से चिकित्सा जांच नहीं पाई गई थी। यह  जांच तरह से डॉ. पंडित की ओर से प्रस्तुत प्रिस्क्रिप्शन और फिटनेस रिपोर्ट पर आधारित थी। मेदांता अस्पताल में प्रारंभिक उपचार पर विचार नहीं किया गया था और डॉ. पंडित को 30 अक्टूबर के बजाय पांच नवंबर से बीमार पाया गया था, जब उन्होंने पहली बार इमरजेंसी चिकित्सा की सूचना दी और उनका इलाज किया गया। इन तथ्यों के आलोक में डॉ. पंडित की चिकित्सा स्थिति की फिर से जांच कराने का अनुरोध किया गया है।

मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं, कुलपति के आदेश का इंतजार कर रहा

डॉ अजय कुमार पंडित ने कहा कि मैंने 21 दिसंबर को अपना योगदान विश्विद्यालय में दे दिया है। मैं कुलपति डॉ संजय कुमार चौधरी के आदेश पर मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होकर अपना स्वास्थ्य सम्बंधित रिपोर्ट लेकर उपस्थित हुआ तो अब दुबारा जांच कराने का पत्र दिया गया है। मैं विश्विद्यालय में उपस्थित हूं। पूरी तरह स्वस्थ्य हूं कुलपति के आदेश मिलते ही काम काज शुरू कर दूंगा। 

भाजपा विधायक बोले- पहली बार ऐसा हो रहा

इस पूरे मामले पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य और भाजपा विधायक संजय सरावगी ने कहा कि राजभवन के पत्र के अनुसार डॉ. पंडित को मुख्यालय पहुंचते ही प्रभार सौंपा जाना चाहिए था। उनके स्वास्थ्य जांच का अड़ंगा लगाकर उन्हें प्रभार ग्रहण करने से रोकने का प्रयास हो रहा है। ऐसा विवि के इतिहास में पहली बार हो रहा है। इससे पूर्व कर्नल निशीथ कुमार राय को चिकित्सा अवकाश के कारण पद छोड़ना पड़ा था। लेकिन उनके साथ इस तरह का घटनाक्रम सामने नहीं आया था।

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