Published On: Fri, Dec 20th, 2024

Bihar: UP के 30 मजदूरों को ईंट भट्ठा पर बंधक बनाकर काम कराने का आरोप, जांच में सामने आई हैरान करने वाली सच्चाई


Siwan: 30 workers from UP accused of being held hostage, forced to work at brick kiln, Human Rights Commission

मानवाधिकार आयोग ने मजदूरों को मुक्त कराया
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


सीवान के बड़हरिया थाना क्षेत्र के मीर सुरहिया गांव स्थित सोनू ईंट उद्योग में बंधक बनाकर मजदूरों से जबरन काम कराने का मामला सामने आया है। दिल्ली मानवाधिकार आयोग और अति पिछड़ा वर्ग आयोग की सक्रियता और जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से इन मजदूरों को मुक्त कराया गया। इस घटना ने न केवल मजदूरों की दयनीय स्थिति को उजागर किया, बल्कि ठेकेदारों की मनमानी और शोषण के नए पहलुओं को भी सामने रखा है।

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शिकायत पर शुरू हुई कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक, यह मामला तब उजागर हुआ जब यूपी के बरेली थाना क्षेत्र के नवाबगंज गांव निवासी अबरार अहमद ने दिल्ली मानवाधिकार आयोग और अति पिछड़ा वर्ग आयोग में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि ईंट भट्ठा मालिक मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराने के लिए मजबूर कर रहा है। आयोग के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी ने बड़हरिया के अंचलाधिकारी सरफराज अहमद, थाना प्रभारी रूपेश कुमार और लेबर ऑफिसर की टीम को कार्रवाई करने का आदेश दिया।

 

बंधक मजदूरों की मुक्ति और उनके हालात

टीम ने मौके पर पहुंचकर 30 मजदूरों को मुक्त कराया, जिनमें कई छोटे बच्चे भी शामिल थे। सभी मजदूरों को उनका बकाया भुगतान दिलवाया गया और सुरक्षित उनके घर भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि पूरे मामले की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई है ताकि कार्रवाई में पारदर्शिता बनी रहे।

 

आरोप की जांच पर सामने आई सच्चाई

बड़हरिया अंचलाधिकारी सरफराज अहमद ने बताया कि प्रारंभिक जांच में चिमनी मालिक पर लगाए गए आरोप गलत पाए गए। जांच में यह भी सामने आया कि चिमनी मालिक ने ठेकेदार को दो लाख रुपये देकर मजदूर बुलाए थे। ठेकेदार द्वारा मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराने का आरोप लगाकर मजदूर वापस बुलाने का एक सुनियोजित रैकेट चलाने की संभावना भी सामने आई है।

 

क्या था आरोप?

मजदूरों का आरोप था कि उन्हें बंधक बनाकर काम कराया जा रहा है और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। हालांकि, जांच में यह स्पष्ट हुआ कि चिमनी मालिक ने ठेकेदार को मजदूरों की व्यवस्था के लिए पूरा भुगतान किया था।

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