SC बोला-गुजारा भत्ते के नाम पर संपत्ति बराबर बांटना गलत: कानून महिलाओं के कल्याण के लिए, इसका मकसद पति से जबरन वसूली नहीं

नई दिल्ली12 मिनट पहले
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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि गुजारा भत्ता किसी महिला की आर्थिक स्थिति पुरुष (पति) के समान बनाने के लिए नहीं, बल्कि बेहतर जीवन स्तर देने के लिए है।
शीर्ष कोर्ट ने ये भी कहा-

महिलाओं को इस बात के प्रति सावधान रहना चाहिए कि कानून उनके कल्याण के लिए बनाए गए हैं। इनका इस्तेमाल पतियों को सजा देने, धमकाने, उन पर हावी होने या उनसे जबरन वसूली करने का साधन नहीं होना चाहिए।
जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने ये टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब देश में AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस को लेकर गुस्सा है। अतुल सुभाष ने सुसाइड करने से पहले राष्ट्रपति के नाम एक वीडियो संदेश और पत्र जारी किया था, जिसमें उन्होंने महिलाओं के हित लिए बनाए गए कानूनों के गलत इस्तेमाल पर सवाल उठाए थे।

पत्नी ने कोर्ट में दावा किया था- पति के पास 5 हजार करोड़ की संपत्ति
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक दंपति ने तलाक के लिए अर्जी लगाई थी। जानकारी में सामने आया कि दोनों की शादी साल 2021 हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच झगड़े शुरू हो गए। महिला ने अपने 80 साल के ससुर पर दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौन संबंध का मामला भी दर्ज कराया था। व्यक्ति अमेरिका का नागरिक था और वहां आईटी कंसल्टेंसी का बिजनेस करता था।
इस मामले में पत्नी ने कोर्ट में दावा किया था कि उसके पति का 5 हजार करोड़ रुपए बिजनेस है। साथ ही अमेरिका और भारत में कई प्रॉपर्टी हैं। महिला ने कोर्ट में ये भी बताया कि पति ने अपनी पहली पत्नी से अलग होते समय 500 करोड़ की प्रॉपर्टी और वर्जेनिया में घर दिया था।
SC ने तलाक को मंजूरी दी
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों का तलाक इस आधार पर मंजूर किया कि दोनों के रिश्ते को अब सुधारा नहीं जा सकता। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा पति फुल एंड फाइनल सेटलमेंट करे और पत्नी को एक महीने के भीतर 12 करोड़ रुपए दे।
कोर्ट ने कहा-

हमें दूसरे पक्ष को भरण-पोषण या गुजारा भत्ता के नाम पर संपत्ति के बराबर बांटे जाने के तरीके पर आपत्ति है। अक्सर देखा जाता है कि भरण-पोषण या गुजारा भत्ता के लिए अपने आवेदन में पार्टियां अपने जीवन साथी की संपत्ति, स्थिति और आय को उजागर करती हैं। फिर अपने पार्टनर से आधी संपत्ति चाहती हैं।
कोर्ट ने ये सवाल भी किया कि अलग होने के बाद अगर पति कंगाल हो गया तो क्या पत्नी पूर्व पति को अपनी संपत्ति में से बराबरी का हक देगी?
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