संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोपियों पर UAPA के तहत चलेगा केस, एलजी ने दी मंजूरी
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दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के छह आरोपियों पर UAPA के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। राज निवास के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के एलजी ने साल 2023 में देश की संसद की सुरक्षा में सेंध लगाकर उपद्रव मचाने के 6 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन चलाने (मुकदमा चलाने) को मंजूरी दे दी है। इन सभी को UAPA के तहत आरोपी बनाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने उपराज्यपाल से यूएपीए की धाराओं 16 और 18 के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध किया था। उन्होंने बताया कि उपराज्यपाल ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। राजनिवास के एक अधिकारी ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत आवश्यक मंजूरी के लिए अनुरोध किया था और इस वर्ष 30 मई को समीक्षा समिति ने भी जांच एजेंसी द्वारा एकत्र किये गये संपूर्ण साक्ष्यों की पड़ताल की थी और मामले में आरोपियों की संलिप्तता पाई थी।’ उन्होंने कहा, ‘इसके अनुसार समीक्षा समिति ने टिप्पणी की कि प्रथमदृष्टया आरोपियों के विरुद्ध यूएपीए के तहत मामला बनता है।’
आपको बता दें कि संसद पर हमले की बरसी के दिन 13 दिसंबर को देश की संसद की सुरक्षा में सेंध लगाया गया था। इस मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम रानोलिया, ललित झा और महेश कुमावत शामिल हैं। इनपर संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने तथा लोकसभा के अंदर तथा बाहर सुरक्षा घेरे को तोड़ पीले रंग का सप्रे करने का आरोप है।
13 दिसंबर, 2023 को संसद के अंदर उपद्रव किया गया था। इस दिन सागर शर्मा और मनोरंजन डी संसद सत्र के शून्यकाल के दौरान संसद में मौजूद थे और अचानक यह दोनों सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद में पड़े थे। इसके बाद उन्होंने यहां पीले रंग का स्प्रे किया था। इसके अलावा दो आरोपियों शिंदे और नीलम आजाद ने संसद परिसर के बाहर ‘तानाशाही नहीं चलेगा’ के नारे लगाए थे और पीले रंग का स्प्रे किया था।
इस मामले में पुलिस सभी आरोपियों का पॉलीग्राफी, नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट भी करवा चुकी है। पुलिसिया जांच में पता चला था कि सभी आरोपियों ने मशहूर होने के लिए ऐसा किया था। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की मंशा कुछ बड़ा करने की थी लेकिन वो अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके। जांच में यह भी पता चला था कि यह सभी सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में रहते थे। पुलिस को शक है कि मनोरंजन डी इस कांड का मास्टरमाइंड है।