होटलों तक सीमित हुआ राजस्थान के राज्य लोक वाद्य यंत्र अलगोजा का सफर, आज की पीढ़ी नहीं दिखा रही रुचि

जैसलमेर. अलगोजा राजस्थान का लोक वाद्य यंत्र है. लेकिन अब लगता इसके सुरों पर संकट मंडराने लगा है. जहां पहले राजस्थान में मांगलिक कार्यक्रमों में पारंपरिक संगीत का पारंपरिक लोक वाद्य यंत्र के साथ का गायन और वादन किया जाता था वहीं अब शादी -ब्याह मांगलिक कार्यक्रमों में डीजे की धुनों ने इन लोक वाद्य यंत्रों की आवाज को दबा दी है.
जैसलमेर के कनोई गांव में रहने वाले 70 साल के पूनमाराम अपने बचपन से अलगोजा बजा रहे हैं वे कहते हैं कि उन्होंने अपने बचपन में भेड़ों को चराते हुए इसे बजाना सीखा था, पहले लोगों के यहां शादी और भजन जैसे कार्यक्रमों में जाते थे तो गुजारा हो जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से लोगों ने बुलाना बहुत कम कर दिया है. अब पूनमाराम जैसलमेर के होटलों में अलगोजा बजाकर पर्यटकों का मनोरंजन करते हैं, जिसके बदले में पर्यटक उन्हें भेंट स्वरूप कुछ रुपए दे देते है.
आज की पीढ़ी नहीं दिखा रही रुचि
पूनमाराम का कहना है कि इससे उनका घर खर्च भी नहीं चलता. पूनमाराम की पीढ़ी जैसलमेर में अलगोजा को बजाने वाली शायद अंतिम पीढ़ी है. अलगोजा के वादन में आज की पीढ़ी की रुचि नहीं होने पर 33 वर्षीय लोकलाकार मेहराम खान का कहना है कि लोक वाद्य यंत्रों में भी लोकप्रिय इंस्ट्रूमेंट की ही मांग रहती है जैसे कि खड़ताल, ढोलक, हारमोनियम इनकी अभी भी मांग है तो कलाकारों के नई पीढ़ी इसे सीख रही है लेकिन अलगोजा जिसे बजाना एक मुश्किल काम है यह इतना लोकप्रिय नहीं रहा इसलिए अब कलाकार इसे सीखने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. मेहराम खान का कहना है कि जैसलमेर में अब 4 से 5 लोग ही है जो अलगोजा बजा लेते है. उनमें से एक पूनमाराम भी है. कभी राजमहलों तक अलगोजा के सुरों की गूंज ले जाने वाले जैसलमेर के मांगणियार और लंगा जाति के लोक कलाकार अब जैसलमेर के होटलों तक सिमट कर रह गए है जहां उन्हें अपनी कला का पूरा मूल्य भी नहीं मिल पाता. जिसकी वजह से लोकलाकारों की नई पीढ़ी पारंपरिक कला को छोड़कर शहरों में नौकरी या मजदूरी के रास्ते की तरफ बढ़ रही है. पूनमाराम जैसे लोक कलाकार का जीवन चुनौतियों से भरा इसके बावजूद वे अपनी कला को जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं. पूनमाराम और उनके जैसे कई कलाकार सरकार से लोक कला के संरक्षण हेतु योजनाओं को बनाने की मांग करते हैं.
FIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 17:45 IST