Published On: Sun, Dec 1st, 2024

Sanwaliyaji’s Unique Public Awareness Fasting March Started From Kekri – Amar Ujala Hindi News Live


Sanwaliyaji's unique public awareness fasting march started from Kekri

केकड़ी से शुरू हुई सांवलियाजी की अनूठी जनजागृति उपवास पदयात्रा
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर साइंटिफिक स्पिरिचुअलिज्म मेरठ के तप सेवा सुमिरन परिवार एवं केकड़ी के बढ़ते कदम संस्थान की ओर से आयोजित केकड़ी से चित्तौड़गढ़ जिले के मण्डफिया स्थित सुप्रसिद्ध धर्मस्थल सांवलियाजी मंदिर की जनजागृति उपवास पदयात्रा आज रविवार को केकड़ी से रवाना हुई। पदयात्रा में 8 प्रांतों के 116 पदयात्री शामिल हुए हैं। संकल्प व इच्छाशक्ति से जुड़े इस अनूठे आयोजन की सबसे खास बात यह है कि इन पदयात्रियों में अधिकांश 70 साल व इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग व कई महिलाएं भी शामिल है।

केकड़ी में सुबह 6 बजे सभी पदयात्री महेश वाटिका से घण्टाघर स्थित निर्मलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे। जहां दर्शन व पूजा अर्चना के बाद सांवलिया सेठ के जयकारों के साथ नाचते-गाते यह पदयात्रा विधिवत प्रारंभ हुई। इस पदयात्रा की सबसे अचरज की बात यह है कि इसमें पदयात्री बिना कुछ खाए सात दिन में 225 किमी की दूरी तय करेंगे। इस दौरान वे सुबह शाम केवल नींबू पानी व शहद का सेवन करेंगें। यह पदयात्रा मेरठ के डॉ गोपाल शास्त्री के निर्देशन व केकड़ी के सुविख्यात अंतर्राष्ट्रीय हास्य कवि बुद्धिप्रकाश दाधीच के संयोजन में निकाली जा रही है।

इससे पूर्व डॉ गोपाल शास्त्री ने शनिवार को रात्रि महेश वाटिका में पदयात्रियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उपवास की पद्धति वैज्ञानिक तरीके से कई जटिल व असाध्य रोगों को ठीक करने में पूर्णतया कारगर है।

पदयात्रा संयोजक कवि बुद्धिप्रकाश दाधीच ने बताया कि यह पदयात्रा केकड़ी से कादेड़ा, बीड के बालाजी, शाहपुरा, मिन्डोलिया, महुआ कलां, भीलवाड़ा, क्यारा के बालाजी पुर, नौगांवा, राशमी, कपासन शनि महाराज मंदिर होती हुई 7 दिसंबर को चित्तौड़गढ़ जिले में मण्डफिया स्थित धर्मस्थल सांवलियाजी मंदिर पहुंचकर पूर्ण होगी। पदयात्रा में राजस्थान के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश सहित आठ प्रांतों के साधक शामिल हैं। उन्होनें बताया कि ये पदयात्री प्रतिदिन लगभग 30-32 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। पदयात्रा के समापन पर सांवलियाजी मंदिर में भगवान सांवलिया सेठ बांके बिहारी के दर्शन के बाद साधक अपने व्रत-उपवास का पारणा करेंगे।

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