Preparations Are Being Made To Relax Many Rules For Compassionate Dependents Of Himachal Pradesh – Amar Ujala Hindi News Live


करुणामूलक संघ, हिमाचल प्रदेश।
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हिमाचल प्रदेश के करुणामूलक आश्रितों के लिए सरकारी नौकरी की राह आसान करने के लिए कई नियमों में छूट देने की तैयारी है। इसके तहत वार्षिक आयसीमा में बढ़ोतरी की जा सकती है। एक बार रिजेक्ट केस पर दोबारा विचार न करने की शर्त को भी वापस लिया जा सकता है। वित्त विभाग के पास यह प्रस्ताव पहुंच गया है। जल्द ही कैबिनेट बैठक में इसका एजेंडा लाया जाएगा। बीते कई वर्षों से सरकारी नौकरी के लिए करुणामूलक आश्रित संघर्ष कर रहे हैं। आश्रितों की मांगों पर विचार करने के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी की ओर से भी सिफारिशें की गई हैं। वन टाइम सेटलमेंट के तहत हजारों आश्रितों को राहत देने की कमेटी ने योजना बनाई है।
सरकारी नौकरी में रहते किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उस परिवार को करुणामूलक आधार पर नौकरी देने की व्यवस्था है। करुणामूलक आधार पर योग्यता के आधार पर सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में इस प्रकार के 3234 मामले लंबित पड़े हैं। विभागों में 1531 और निगम-बोर्ड में 1703 मामलों में आश्रित उच्च शिक्षा प्राप्त होने के कारण उच्च पदों पर नियुक्तियों की मांग कर रहे हैं। उच्च अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने करुणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों का विभागों से ब्योरा तलब किया है। सरकार एक नई करुणामूलक रोजगार नीति बनाने पर विचार कर रही है। सेवा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले लोगों को रोजगार देने के लिए उदार और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण से कार्य किया जा रहा है। उच्च अधिकारियों ने बताया कि करुणामूलक आश्रितों को नौकरी देने के लिए तय 62,500 रुपये एक व्यक्ति की सालाना आय शर्त को खत्म किया जा सकता है। आय सीमा को 2.50 लाख रुपये तक तय किया जा सकता है।