दिल्ली प्रदूषण- देर रात निरीक्षण करने निकले राज्य पर्यावरण मंत्री: GRAP-4 उपायों की समीक्षा की; हल्के सुधार के बाद फिर गंभीर श्रेणी में पहुंचा AQI
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नई दिल्ली3 मिनट पहले
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![दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार देर रात नरेला/सिंघु बॉर्डर पर GRAP-4 प्रावधानों का जायजा लिया। - Dainik Bhaskar](https://net4newsonline.in/wp-content/uploads/2024/11/दिल्ली-प्रदूषण-देर-रात-निरीक्षण-करने-निकले-राज्य-पर्यावरण-मंत्री.gif)
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार देर रात नरेला/सिंघु बॉर्डर पर GRAP-4 प्रावधानों का जायजा लिया।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार देर रात दिल्ली की सीमाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) के तहत लागू किए गए प्रदूषण रोधी उपायों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि हर दिन 135 से 165 ट्रक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उन्हें दिल्ली में एंट्री करने से रोका जा रहा है।
गोपाल राय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘आज देर रात, नरेला/सिंघु बॉर्डर पर पहुंचकर GRAP-4 के क्रियान्वयन की जांच की। हमें शिकायतें मिली थीं कि बगैर अनुमति के कुछ वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने दिया जा रहा है। इसी शिकायत के बाद हम स्थिति का निरीक्षण करने आए हैं।’
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दिल्ली की एयर क्वालिटी फिर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंची, AQI 401 दिल्ली की हवा की गुणवत्ता हल्के सुधार के बाद फिर गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। शुक्रवार शाम 6 बजे 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 401 दर्ज किया गया। इससे पहले लगभग एक हफ्ते तक ‘गंभीर’ और ‘अति गंभीर’ श्रेणी में रहने के बाद, शुक्रवार सुबह एयर क्वालिटी में मामूली सुधार देखा गया। शुक्रवार सुबह AQI 371 दर्ज किया गया था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
![दिल्ली-एनसीआर में आने वाले गुरुग्राम में शुक्रवार को छाई धुंध की तस्वीर।](https://net4newsonline.in/wp-content/uploads/2024/11/दिल्ली-प्रदूषण-देर-रात-निरीक्षण-करने-निकले-राज्य-पर्यावरण-मंत्री.jfif.jpeg)
दिल्ली-एनसीआर में आने वाले गुरुग्राम में शुक्रवार को छाई धुंध की तस्वीर।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बोला- क्लाउड सीडिंग दिल्ली में कारगर नहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने कहा है कि उत्तर भारत के प्रदूषण पर काबू पाने के इमरजेंसी उपाय के तौर पर कृत्रिम बारिश यानी क्लाउड सीडिंग कारगर नहीं होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि क्लाउड सीडिंग के लिए हवा में पर्याप्त नमी नहीं है। इसके अलावा क्लाउड सीडिंग के लिए पहले से मौजूद बादलों पर निर्भरता होती है।
IIT कानपुर ने CPCB को दिल्ली के प्रदूषण पर काबू पाने के लिए क्लाउड सीडिंग कराने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के जवाब में CPCB ने यह बात कही है। इसका खुलासा एक RTI के जरिए हुआ है। अमित गुप्ता नाम के एक एक्टिविस्ट ने 24 अक्टूबर को यह RTI इंक्वायरी की थी, जिसका जवाब अब सामने आया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि IIT कानपुर के मुताबिक, क्लाउड सीडिंग के लिए जरूरी शर्त है कि बादलों में पर्याप्त नमी हो, यानी आसमान में 50% या उससे ज्यादा नमी वाले बादल हों। उत्तर भारत में सर्दियों के दौरान बादल पश्चिमी विक्षोभ से प्रभावित होते हैं, जिससे हवा में नमी की मात्रा कम हो जाती है। ऐसी स्थिति में सफल क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
![शुक्रवार को दिल्ली में एंटी-स्मॉग गन के जरिए पानी का छिड़काव किया गया।](https://net4newsonline.in/wp-content/uploads/2024/11/दिल्ली-प्रदूषण-देर-रात-निरीक्षण-करने-निकले-राज्य-पर्यावरण-मंत्री.jpg)
शुक्रवार को दिल्ली में एंटी-स्मॉग गन के जरिए पानी का छिड़काव किया गया।
दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से क्लाउड सीडिंग कराने की मांग की दरअसल, दिल्ली सरकार ने शहर में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए आपातकालीन उपायों की मांग की है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को चार बार पत्र लिखकर क्लाउड सीडिंग को प्रदूषण रोकने के संभावित उपाय के तौर पर अपनाने का अनुरोध किया है। साथ ही इसे लेकर बैठक करने को भी कहा है।
CPCB ने बताया है कि प्रस्तावित क्लाउड सीडिंग प्रयोग पर लगभग ₹3 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस प्रयोग के तहत कम से कम 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर किया जाएगा और पांच उड़ानों के जरिए क्लाउड सीडिंग की जाएगी।