Published On: Tue, Nov 19th, 2024

जदयू नेता ने ऑब्जर्वर संग मिल परीक्षा में की सेंधमारी: कई दिनों तक हुई थी जालसाजी, माफियाओं की तलाशी में छापेमारी कर रही है पुलिस – Patna News



एसएससी एमटीएस की परीक्षा में फर्जीवाड़ा की साजिश कई महीने पहले से रची जा रही थी। इसके पीछे ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर चलाने वाले का एक गिरोह पटना में सक्रिय है, जो 3 से 5 लाख लेकर किसी सेंटर को केंद्र आवंटित करती है।

एसएससी एमटीएस की परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के मास्टर माइंड की तलाश में पुलिस पटना सहित कई जिलों में छापेमारी कर रही है। पूर्णिया के जिस ऑनलाइन परीक्षा सेंटर पर छापेमारी में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था, उस केंद्र के मालिक कटिहार के खोटा मिल

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छापेमारी के दौरान पूर्णिया डिजिटल और टीसीएस के सात कर्मी पकड़े गए थे। इन कर्मियों ने अपने बयान में कहा कि रोशन मंडल, विवेक सिंह और राहुल राज की इजहार आलम के साथ सांठगांठ है। इजहार आलम को ही पूर्णिया डिजिटल का फ्लाइंग ऑब्जर्वर बनाया गया था। इन लोगों ने एक-दूसरे से सेटिंग कर परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया है। अब पुलिस माफियाओं रोशन मंडल, विवेक सिंह, राहुल की तलाश में छापेमारी कर रही है। इस मामले में शुभम आनंद, कृष्णा और कन्हैया की संलिप्तता की जांच भी की जा रही है। पूर्णिया पुलिस पटना, कटिहार, वैशाली सहित कई जिलों में छापेमारी कर रही है। इसके पहले दानापुर पुलिस मुजफ्फरपुर और गया के ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर पर छापेमारी कर चुकी है।

3 लाख में परीक्षा सेंटर हासिल किया

एसएससी एमटीएस की परीक्षा में फर्जीवाड़ा की साजिश कई महीने पहले से रची जा रही थी। माफियाओं तक जानकारी पहुंच गई थी कि परीक्षा टीसीएस लेने जा रही है। इसके बाद विवेक, रोशन और राहुल ने अपने गिरोह के साथ पटना में मीटिंग की थी। सूत्रों की मानें तो एसएससी एमटीएस की परीक्षा का सेंटर पूर्णिया डिजिटल में भी पड़े। इसके लिए रोशन मंडल और विवेक ने 3 लाख रुपए खर्च किए थे। पूर्णिया पुलिस को भी इसकी जानकारी मिली है।

ऑब्जर्वर के खिलाफ भी साक्ष्य जुटा रही पुलिस

इस मामले में टीसीएस के कुछ कर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध है। वहीं, पुलिस एसएससी के ऑब्जर्वर इजहार आलम के खिलाफ भी साक्ष्य जुटा रही है। 13 नवंबर को पुलिस ने पूर्णिया डिजिटल में कार्रवाई की। इस दौरान वहां का सीसीटीवी फुटेज चेक किया। फुटेज में दिख रहा है कि फ्लाइंग ऑब्जर्वर इजहार आलम की टीम जांच के लिए पूर्णिया डिजिटल पहुंची। महज खानापूर्ति कर आधे घंटे में ही चली गई।

ऑनलाइन सेंटर चलाने वाले गिरोह पटना में भी

ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर चलाने वाले का एक गिरोह पटना में सक्रिय है। यह गिरोह बिहार के कई जिलों में सक्रिय है। गिरोह के साथ परीक्षा कराने वाली एजेंसी भी मिली होती है। एजेंसी 3 से 5 लाख लेकर किसी सेंटर को केंद्र आवंटित करती है। 2023 में अमीन बहाली में गड़बड़ी को लेकर अगमकुआं थाने में एक परीक्षा केंद्र पर केस हुआ था। मार्च 2023 में बिहार एसएफसी की परीक्षा में खगौल के ऑनलाइन सेंटर में गड़बड़ी की गई थी।

साॅल्वर ने कहा- छह बार फर्जी अभ्यर्थी बना

एसएससी एमटीएस की परीक्षा देश भर में 30 सितंबर से 14 नवंबर तक हुई। इस अवधि में कुल 22 दिन परीक्षा हुई। इससे पहले की कई परीक्षाओं में पूर्णिया डिजिटल में फर्जीवाड़ा हो चुका था। इसका गवाह पकड़े गए सॉल्वर ही हैं। एक सॉल्वर में अपने बयान में कहा कि वह इससे पहले छह बार पूर्णिया डिजिटल सेंटर पर सॉल्वर बन चुका है। दूसरे ने कहा कि वह चार बार सॉल्वर बना है। मालूम हो कि माफियाओं ने एक अभ्यर्थी से 10 से 12 लाख में एसएससी एमटीएस की परीक्षा में सफल करा देने का झांसा दिया था।

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