new-strict-guidelines-issued-for-coaching-industry-for-misleading-advertisements-heavy-fine-imposed-of-fifty-lakhs – News18 हिंदी

सीकर. राजस्थान में कोटा और सीकर को शिक्षा नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां पर हजारों कोचिंग संस्थान है जिसमें सरकारी नौकरियों के अलावा जेईई और नीट की तैयारी करवाई जाती है. हर साल तैयारी के लिए यहां लाखों स्टूडेंट आते हैं. विज्ञापनों के कारण कई बार स्टूडेंट्स और उनके माता पिता इन कोचिंगों के चंगुल में फंस जाते हैं. इसके अलावा भ्रामक विज्ञापन के कारण अंधे कंपटीशन की भावना के चलते स्टूडेंट आत्महत्या भी कर लेते हैं. इस वजह से भी कोटा और सीकर में स्टूडेंट्स की आत्महत्या के मामले बढ़े हैं. मामले को संज्ञान में लेते हुए सीसीपीए ने सख्त गाइडलाइंस जारी की है.
भ्रामक विज्ञापन वाली कोचिंगों की खैर नहीं
भ्रामक विज्ञापन देने वाले कोचिंग संस्थानों की अब खैर नहीं होगी. भ्रमित करने वाले इन विज्ञापनों पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने बेहद सख्त गाइडलाइंस जारी की है. सीसीपीए ने इस तरह के मामलों में अब 50 लाख तक का जुर्माना लगाया है और जरूरत पड़ने पर लाइसेंस भी रद्द करने का प्रावधान किया है. सीसीपीए को यह जानकारी मिली थी कि कुछ कोचिंग संस्थान जानबूझकर सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम, पाठ्यक्रम की अवधि और उम्मीदवारों द्वारा भुगतान की गई फीस के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर उपभोक्ताओं को गुमराह करते हैं. इस तरह के मामलों को रोकने के मकसद से ये गाइडलाइंस जारी की गई हैं.
54,60,000 रुपए का जुर्माना लगाया
सीसीपीए ने 45 कोचिंग सेंटरों के खिलाफ खुद संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की है. इन कोचिंग सेंटरों को भ्रामक विज्ञापनों के लिए 18 कोचिंग संस्थानों पर 54,60,000 रुपए का जुर्माना लगाया है. ऐसे में अब सभी कोचिंग संस्थानों द्वारा लगाए गए भ्रामक विज्ञापन हटाना शुरू कर दिया है.
ये है गाइडलाइन
गाइडलाइंस में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर, उनके एंडोर्समेंट, विज्ञापन और क्लेम्स की पूरी परिभाषा स्पष्ट होनी चाहिए. इसके अलावा कोर्स से जुड़े फर्जी क्लेम, कोर्स की समय अवधि, फ्री इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम, कोर्स छोड़ने के नियम और शर्तें, सक्सेस से जुड़े गलत क्लेम, अलग-अलग परीक्षाओं से जुड़े अस्पष्ट और भ्रामक क्लेम, ‘सीट भरने वाली है’ जैसी फॉल्स एजेंसी का विज्ञापन आदि ऐसे तमाम दावे अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस हैं.
साझा करनी होगी हर छोटी जानकारी
सफल बच्चों के फोटो और डाटा को इस्तेमाल कर रहे हैं तो लिखित कंसेंट ज़रूरी होगा. डिस्क्लेमर को स्पष्ट रूप से दिखाने के साथ पहली स्लाइड पर ये जानकारी देना अनिवार्य होगा. कोचिंग सेंटर, उसके डि टेल्स, मौजूद सुविधाएं, सेफ्टी से जुड़े उपाय, वहां का माहौल और सुरक्षा, एक समय में कितने छात्र बैठने की सुविधा है, आदि जानकारी देनी होगी. किसी आपात स्थिति में एग्जिट की क्या सुविधा है, क्या लोकल अथॉरिटी से सभी जरूरी अनुमति मिली है या नहीं, ये सब कुछ बताना जरूरी होगा. कंज्यूमर शिकायत को डील करने और सॉल्यूशन देने के लिए सिस्टम होना जरूरी होगा.
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FIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 18:06 IST