Published On: Sat, Nov 9th, 2024

Austrahind: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू, आतंकी और ड्रोन हमलों का जवाब देने की तैयारी


Joint military exercise Austrahind between India and Australia started in Maharashtra

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ऑस्ट्राहिंद के दौरान सेना के जवान
– फोटो : ANI/@adgpi

विस्तार


भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ऑस्ट्राहिंद का तीसरा संस्करण शुक्रवार को महाराष्ट्र के पुणे में शुरू हुआ। सैन्य अभ्यास के दौरान आतंकी और ड्रोन हमलों का जवाब देने पर विशेष जोर रहेगा। दोनों पक्ष संयुक्त अभ्यास के तहत सामरिक संचालन करने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपने सर्वोत्तम तरीके साझा करेंगे। वार्षिक सैन्य अभ्यास 21 नवंबर तक चलेगा।

ऑस्ट्राहिंद का आयोजन भारत और ऑस्ट्रेलिया में बारी-बारी से किया जाता है। दिसंबर, 2023 में ऑस्ट्रेलिया में इसका आयोजन किया गया था। यह अभ्यास दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच भाईचारा और सौहार्द विकसित करने में भी सहायक होगा। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, संयुक्त सैन्य अभ्यास में 140 कर्मियों वाले भारतीय दल का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से डोगरा रेजिमेंट की एक बटालियन और भारतीय वायु सेना के 14 जवान कर रहे है। 120 कर्मियों वाले ऑस्ट्रेलियाई सेना दल का प्रतिनिधित्व द्वितीय डिवीजन की 10 वीं ब्रिगेड की 13 वीं लाइट हॉर्स रेजिमेंट कर रही है।

ऑस्ट्राहिंद का उद्देश्य सेना की संचालन क्षमता बढ़ाना

ऑस्ट्राहिंद का उद्देश्य अर्ध-रेगिस्तानी और अर्ध-शहरी वातावरण में अभ्यास कर सेना की संचालन क्षमता को बढ़ाना व भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सैन्य सहयोग को प्रोत्साहन देना है। अभ्यास में उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और संयुक्त सामरिक अभ्यास पर ध्यान दिया जा रहा है। इस दौरान आतंकी कार्रवाई का जवाब देना, संयुक्त संचालन केंद्र स्थापित करना, छापा मारने के दौरान आतंक रोधी संयुक्त अभियान चलाना, हेलिपैड की सुरक्षा करना व ड्रोन का इस्तेमाल और ड्रोन रोधी कार्रवाई का अभ्यास किया जाएगा।

तीनों सेनाओं का संयुक्त अभ्यास पूर्वी प्रहार कल से

भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना पूर्वी क्षेत्र में 10 से 18 नवंबर तक संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास करेंगी। इसका उद्देश्य पर्वतीय इलाकों में संयुक्त अभियानों को अंजाम देने के लिए सेना को प्रशिक्षित करना है।

एक रक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि पूर्वी प्रहार अभ्यास के दौरान, अधिक परिष्कृत सामान्य परिचालन विकसित करने पर जोर रहेगा। इसके तहत उपग्रह संचार और एआई-संचालित विश्लेषण पर निर्भर उपकरणों को अनुकूलित करने के लिए संयुक्त नियंत्रण प्रक्रियाओं का अभ्यास किया जाएगा।

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>