72 घंटे बाद भी नहीं लगा अपहृत राकेश का सुराग: हम नेता, किडनैप करने वाले बदमाशों का सुराग बताने वाले को 1.15 लाख का इनाम – Begusarai News

साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के संदलपुर गांव से शनिवार की देर शाम अगवा किए गए हम के प्रखंड अध्यक्ष और 20 सूत्री सदस्य राकेश कुमार उर्फ विकास का 72 घंटे बाद भी कुछ पता नहीं चल सका है। वहीं, पुलिस ने अपहृत युवक एवं अपहरणकर्ताओं का सुराग बताने वाले को इना
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डीआईजी आशीष भारती ने बताया कि अपहरण मामले में वांछित ज्ञान टोल निवासी डब्लू यादव, रोशन कुमार, उमा यादव, राजीव यादव, टीकर यादव, रॉबिन यादव, परशुराम कुमार, सतीश यादव तथा गौरव कुमार के संबंध में सूचना देकर गिरफ्तारी में सहयोग करने वाले को 10-10 हजार रुपए प्रति आरोपी के हिसाब से इनाम दिया जाएगा।

इश्तेहार तामिला कराने पहुंची पुलिस
नाम, पता बताने वाले की जानकारी गुप्त रखी जाएगी
डीआईजी ने कहा है कि सूचना देने वाले के संबंध में नाम-पता सहित सभी जानकारी गुप्त रखी जाएगी। उपरोक्त सभी नौ आरोपियों के संबंध में कोई भी जानकारी बेगूसराय एसपी के मोबाइल नंबर 9431800011, बेगूसराय पुलिस कंट्रोल रूम 9264429701 तथा साहेबपुर कमाल थाना के मोबाइल नंबर 9431822838 पर दी जा सकती है।
इधर, अपहृत राकेश कुमार उर्फ विकास की बरामदगी कराने वाले को 25 हजार का इनाम दिया जाएगा। एसपी मनीष ने बताया कि राकेश कुमार की बरामदगी के लिए बलिया डीएसपी के नेतृत्व में साहेबपुर कमाल थाना की पुलिस ने अनुसंधान करते हुए घटना में शामिल नामजद अभियुक्त संदलपुर के सरपंच सीता देवी एवं फुलमलिक निवासी रानी देवी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।

शनिवार देर शाम 7 बजे के बाद किया गया किडनैप
घटना में शामिल अन्य वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। इनके संबंध में न्यायालय से वारंट प्राप्त कर तामिला कराया गया है। न्यायालय से इश्तिहार भी प्राप्त कर तामिला कराया जा रहा है। राकेश की बरामदगी के लिए लगातार खोजबीन तथा सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। अपहृत राकेश कुमार की बरामदगी कराने के लिए 25 हजार रूपए का इनाम घोषित किया गया है।
संदलपुर निवासी इंद्रदेव साह के बेटे राकेश कुमार उर्फ विकास का शनिवार की देर शाम करीब 7:30 बजे गांव से ही अपहरण कर लिया गया। फायरिंग करते हुए बदमाश उसे लेकर दियारा की ओर चले गए। उसी समय से पुलिस की कई टीम अलग-अलग जगह पर लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। राजनीतिक दल से जुड़े रहने के कारण एक ओर पुलिस प्रशासन हलकान है तो दूसरी ओर ग्रामीण और कार्यकर्ताओं में भी आक्रोश है।