Published On: Mon, Nov 11th, 2024

4 धाम में बारिश-लैंडस्लाइड से 10 लाख श्रद्धालु कम पहुंचे: केदारनाथ सड़क भी 1 महीने बंद रही, अब तक 46 लाख लोगों ने दर्शन किए


देहरादून37 मिनट पहलेलेखक: मनमीत

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3 नवंबर को केदारनाथ धाम के गेट बंद हुए थे। तब मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। - Dainik Bhaskar

3 नवंबर को केदारनाथ धाम के गेट बंद हुए थे। तब मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था।

सर्दियों के लिए उत्तराखंड के चार‎धामों में कपाट बंद होने लगे हैं।‎ केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की‎ यात्रा पूरी हो चुकी है। 17 नवंबर को‎ बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के ‎साथ ही यात्रा का समय पूरा हो‎ जाएगा। अब तक 46.74 लाख ‎यात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं।‎

चारधाम के दर्शन करने वाले ‎यात्रियों की संख्या में इस साल 10 ‎लाख से ज्यादा की गिरावट देखी‎ गई। इसकी वजह बारिश के कारण‎ लैंडस्लाइड जैसी आपदाओं के दिन बढ़ना है। इस बार ‎चारधाम यात्रा मार्ग पर बारिश 20 ‎दिन ज्यादा रही। इस कारण सामान्य ‎से 12% अधिक बारिश दर्ज की गई।‎

सामान्य तौर पर 1121 एमएम बारिश‎ दर्ज होती है पर इस बार 1230 ‎एमएम बारिश हुई। 2023 में यात्रियों ‎की संख्या 56 लाख से अधिक थी।‎ ये यात्रा के इतिहास में सबसे अधिक‎यात्रियों की संख्या होने का रिकॉर्ड है।‎

केदारनाथ के कपाट बंद करने के दौरान सेना के बैंड और पारंपरिक वाद्य बजाए गए।

केदारनाथ के कपाट बंद करने के दौरान सेना के बैंड और पारंपरिक वाद्य बजाए गए।

केदारनाथ की सड़क एक महीना बंद रही‎ मई से लेकर जुलाई मध्य तक करीब 31‎ लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा कर चुके थे।‎ इसके बाद मॉनसून की जोरदार बारिश के ‎कारण प्राकृतिक आपदाओं का कहर टूट ‎पड़ा। 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल‎मार्ग में बादल फटने के बाद सोन प्रयाग‎के पास करीब 150 मीटर हाईवे बंद हो‎ गया। हाइवे दोबारा तैयार होने में एक‎ महीने से अधिक समय लगा।‎

16 लाख श्रद्धालु केदारनाथ,‎12 लाख बद्रीनाथ पहुंचे‎ चार धामों में सबसे अधिक‎ श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच रहे हैं। इस‎ साल 16.52 लाख श्रद्धालुओं ने ‎केदारनाथ के दर्शन किए। वहीं,‎12.98 लाख बद्रीनाथ, 8.15 लाख‎ गंगोत्री और 7.14 लाख श्रद्धालुओं‎ ने यमुनोत्री धाम के दर्शन किए। ‎1.83 लाख श्रद्धालु श्री हेमकुंट‎साहिब भी दर्शन को पहुंचे।‎

आदि कैलाश की यात्रा भी‎ बंद, 40 हजार श्रद्धालु पहुंचे‎ पिथौरागढ़ जिले में स्थित आदि‎कैलाश के कपाट भी श्रद्धालुओं के ‎लिए बंद हो गए हैं। इस साल आदि‎कैलाश में करीब 40 हजार से ‎अधिक श्रद्धालु पहुंचे। जो यहां ‎पहुंचने वाले यात्रियों की आज तक ‎की सबसे बड़ी संख्या है। आदि‎कैलाश तक सड़क बनने से यहां‎ पहुंचना काफी आसान हो गया।‎

पहली बार श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रही, केदारनाथ में रोज 15 हजार ही दर्शन कर पाए

  • चारों धाम में पिछले साल रिकॉर्ड 56 लाख लोग पहुंचे थे, जिससे व्यवस्थाएं बिगड़ गई थीं। उत्तराखंड पुलिस और पर्यटन विभाग ने इस बार चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की प्रतिदिन की संख्या सीमित रखी।
  • पिछले साल चारों धामों में रोजाना 60 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे रहे थे। पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे के मुताबिक इस बार केदारनाथ में एक दिन में 15 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की लिमिट रखी गई।
  • इस साल बद्रीनाथ धाम में 16 हजार लोगों को, यमुनोत्री में 9 हजार वहीं, गंगोत्री में 11 हजार लोगों को प्रतिदिन दर्शन की अनुमति थी। यानी चारों धाम में रोजाना 51 हजार लोग दर्शन कर सके।
  • पहली बार चार धाम यात्रा मार्ग पर 400 से ज्यादा डॉक्टरों को तैनता किया गया। इनमें 256 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर थे।

चार धाम की विशेषता और रूट मैप

1. यमुनोत्री

उत्तराखंड के गढ़वाल का सबसे पश्चिमी मंदिर यमुनोत्री है। यमुनोत्री यमुना नदी का उद्गम स्थल है। यह देवी यमुना मंदिर और जानकी चट्टी के पवित्र तापीय झरनों के लिए जाना जाता है। यमुना मंदिर का निर्माण टिहरी गढ़वाल के महाराजा प्रताप शाह ने करवाया था।

फेमस जगह और मंदिर: यमुनोत्री मंदिर, सप्तऋषि कुंड, सूर्य कुंड, दिव्य शिला, हनुमानचट्टी, खरसाली।

2. गंगोत्री

उत्तरकाशी में समुद्र तल से 3200 मीटर की ऊंचाई पर गंगोत्री है। यहां पवित्र नदी गंगा का मंदिर है। जहां लोग स्नान के बाद दर्शन करते हैं।

फेमस जगह और मंदिर: भोजबासा, गंगनानी, केदारताल, गौमुख, गंगोत्री मंदिर, भैरोंघाटी, जलमग्न शिवलिंग, तपोवन।

3. केदारनाथ

भगवान शिव का मंदिर केदारनाथ में है। यह समुद्र तल से 3,584 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां मंदाकिनी नदी है। केदारनाथ धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

फेमस जगह और मंदिर: गांधी सरोवर, फाटा, सोन प्रयाग, त्रियुगी नारायण मंदिर, चंद्रपुरी, कालीमठ, वासुकी ताल, शंकराचार्य समाधि, गौरीकुंड।

4. बद्रीनाथ

बद्रीनाथ अलकनंदा नदी के बाएं से समुद्र तल से 3133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां भगवान विष्णु का मंदिर है।

फेमस जगह और मंदिर: पांडुकेश्वर, योगध्यान बद्री मंदिर, माणा गांव, सतोपंथ झील, तप्त कुंड, नीलकंठ शिखर, चरण पादुका, माता मूर्ति मंदिर, नारद कुंड, भीम पुल, गणेश गुफा, ब्रह्म कपाल, शेषनेत्र, व्यास गुफा आदि।

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