3 साल में पूरा होना था काम, 10 साल गुजरे: समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड का काम नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद, दो पुल का निर्माण बाकी – Samastipur News

समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड दोहरीकरण के चौथे चरण में है। ये काम 3 साल में पूरा होना था। लेकिन, 10 साल गुजर चुके है। रामभद्रपुर- हायाघाट- थलवारा करीब 12 किलोमीटर में युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। रेलखंडों के बीच पांच बड़े पुल 14,15, 15ए, 16 व 17 नंबर में से
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पांचों पुलों को मिलाकर कुल 28 गाटर चढ़ाया जाना था, जिसमें से 17 गाटर का काम पूरा कर लिया गया है। शेष 11 गाटर पर काम चल रहा है, जिसके अगामी नवंबर माह तक पूरा होने की उम्मीद है।
अर्थ वर्क लगभग पूरा हो चुका है। ऐसी स्थिति में सब ठीक रहा तो अगले साल से समस्तीपुर- दरभंगा दोहरीलाइन पर ट्रेनों का चलना शुरू हो जाएगा। जिसे ट्रेनों की स्पीड तो बढ़ेगी ही, साथ ही यात्री जाम में नहीं फसंगे। डीआरएम विनय श्रीवास्तव का कहना है कि दोहरीकरण का काम युद्धस्तर पर जारी है। अगले साल से दोहरी लाइन पर पूरे रूप से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा।

पुल नंबर 16 पर काम चल रहा है।
तीन साल में पूरा होना था काम, 10 साल गुजरे
समस्तीपुर-दरभंगा 40 किलोमीटर दोहरीकरण का काम तीन सालों में पूरा होना था। लेकिन 10 साल गुजर गए अब तक मात्र 28 किलोमीटर का ही काम हो पाया है। 12 किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाना अभी भी बाकी है।
रामभद्रपुर- हायाघाट, हायाघाट-थलवारा रेलवे स्टेशनों के बीच चौथे चरण में योजना पर काम चल रहा है। इस खंड के पांच बड़े पुलों में से तीन का निर्माण काम पूरा हो चुका है। अभी दो पुलों का निर्माण होना बांकी है। रेलवे के निर्माण विभाग के अभियंता बताते है कि नवंबर महीने तक निर्माण काम पूरा कर लिया जाएगा।
साल 2015 में 519 करोड़ की लागत से दोहरीकरण का कार्य शुरू हुआ, जिसमें रेलवे ट्रैक और पुल के लिए 491 करोड़ व 28 करोड़ रुपए इलेक्ट्रिक वायरिंग के लिए आवंटित हुई थी। इस काम को 3 साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य था।

गाटर चढ़ाने का कार्य चल रहा है।
10 सालों में 28 किलोमीटर का रेलवे ने सफर किया तय
10 सालों में 28 किलोमीटर रेलवे सफर तय कर पाई है। जबकि काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए योजना को तीन चरणों में बांटा गया था। रेलवे के निर्माण विभाग की ओर से इस खंड पर पहले चरण में समस्तीपुर-किशनपुर 10.50 किलोमीटर और दूसरे चरण में दरभंगा-थलवाड़ा 9.50 किलोमीटर में दोहरीकरण का काम पूरा हुआ है।
तीसरे चरण में किशनपुर-रामभद्रपुर के बीच काम पूरा हो चुका है। काम में देरी को देखते हुए इस योजना को फिर से शेष बचे रेलखंड को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में रामभद्रपुर- हायाघाट व दूसरे चरण में हायाघाट- थलवारा के बीच काम को पूरा करना है।
रामभद्रपुर-हायाघाट के बीच पुल नंबर 14, 15 व 15 ए का निर्माण होना है। पुल नंबर 14 और 15 व 15 ए में से 15 व 15ए पुल पर काम पूरा कर लिया गया है। जबकि, पुल नंबर 14 पर काम शेष बचा हुआ था। इसी तरह हायाघाट- थलवारा के बीव बागमती व करेह नदी पर पुल नंबर 16 व 14 पर अभी काम चल रहा है।

ट्रैक की मजबूती के पानी पटाते मजदूर।
नवंबर महीने तक काम पूरा करने का दावा
रेलवे के निर्माण विभाग के अधिकारियों का दावा है कि सभी पुलों का निर्माण नवंबर महीने तक पूरा कर लिया जाएगा। 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, पुलों के निर्माण में देरी हो सकता है।
पुल बनने के बाद ही दोहरी लाइन पर परिचालन संभव है। हालांकि, रेलवे के निर्माण विभाग के अभियंताओं का दावा है कि पुलों का निर्माण जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद दोहरी लाइन पर ट्रेनें दौड़ने लगेगी।
DRM विनय श्रीवास्तव ने कहा कि पहले इस योजना को तीन चरणों में बांटा गया था, लेकिन काम में हो रही देरी को देखते हुए पूरी योजना को पांच चरणों में बांटा गया। अभी रामभद्रपुर- थलवारा के बीच काम चल रहा है। काम में देरी के पीछे कोराना मुख्य कारण रहा। दो सालों तक काम सही से नहीं हो पाया। उम्मीद है कि नवंबर महीने तक रामभद्रपुर से हायाघाट- थलवारा काम पूरा कर लिया जाएगा।