22 KM का ट्रैक, 22 तेंदुए… सेलिब्रिटी भी इस जगह पर हुए फिदा, जानें जयपुर की नई सफारी का अनोखा राज!

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Jaipur Leopard Safari News: जयपुर अब तीन लैपर्ड सफारियों वाला देश का पहला शहर बन गया है, जिसमें झालाना, आमागढ़ और बीड़ पापड़ प्रमुख हैं. बीड़ पापड़ में हाल ही में शुरू हुई नई सफारी 22 किलोमीटर के ट्रैक और घने ज…और पढ़ें

विद्याधर नगर के बीड़ पापड़ में क्षेत्र में जयपुर की तीसरी लैपर्ड सफारी शुरू।
हाइलाइट्स
- विद्याधर नगर में तीसरी लैपर्ड सफारी शुरू हुई.
- पर्यटक सुबह 5:30-8:00 और शाम 5:30-7:00 बजे तक सफारी कर सकते हैं.
- सफारी टिकट की दर 834 रुपए रखी गई है.
जयपुर. जयपुर जितना अपनी ऐतिहासिक इमारतों और किलो-महलों के लिए प्रसिद्ध है, उतना ही यहां की सफारियों के लिए भी जाना जाता है. जयपुर देश का एकमात्र ऐसा शहर है जहां लोग लैपर्ड और टाइगर सफारी के साथ-साथ ऊंट और हाथी की सवारी का भी आनंद ले सकते हैं. हाल ही में जयपुर में तीसरी लैपर्ड सफारी की शुरुआत विद्याधर नगर स्थित बीड़ पापड़ में की गई है. इसकी घोषणा बजट 2025 में की गई थी. अब जयपुर में झालाना, आमागढ़ और बीड़ पापड़ की पहाड़ियों में तीन स्थानों पर लैपर्ड सफारी का लुत्फ उठाया जा सकता है.
शिकार ओदी और ऐतिहासिक इमारतें हैं आकर्षण का केंद्र
बीड़ पापड़ लैपर्ड सफारी में झालाना की शिकार ओदी की तरह माइला बाग पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. इस क्षेत्र में पेड़ों के साथ-साथ जयपुर के महाराजा द्वारा बनाई गई ऐतिहासिक इमारतें भी देखने को मिलती हैं. विद्याधर नगर की यह सफारी आमजन के लिए खोल दी गई है. पर्यटक यहां सुबह 5:30 से 8:00 बजे तक और शाम 5:30 से 7:00 बजे तक सफारी कर सकते हैं. इस सफारी के टिकट की दर फिलहाल 834 रुपए निर्धारित की गई है.
जयपुर की सफारियों को देखने देश-विदेश से पर्यटक सालभर आते हैं. इनमें बॉलीवुड सेलिब्रिटी और क्रिकेटर्स भी शामिल हैं. हाल ही में अभिनेता अक्षय कुमार और क्रिकेटर सूर्यकुमार यादव अपने परिवार के साथ झालाना लैपर्ड सफारी पहुंचे थे. जयपुर देश का पहला ऐसा शहर बन गया है जहां तीन लैपर्ड सफारी, एक एलिफेंट सफारी और एक लॉयन सफारी मौजूद हैं.
नाहरगढ़ सफारी में एक साथ दिखेंगे चार प्रमुख वन्यजीव
जयपुर आने वाले पर्यटक अब नाहरगढ़ सफारी में तेंदुए, शेर, बाघ और हाथी को एक ही स्थान पर देख सकेंगे. यह सफारी लगभग 7 किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है. वर्तमान में प्रदेश में कुल 3 नेशनल पार्क, 26 वन्यजीव अभयारण्य, 36 कंजर्वेशन रिजर्व और 4 बायोलॉजिकल पार्क हैं. इनमें कुल 130 बाघ मौजूद हैं. जयपुर की सफारियों ने न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा दिया है, बल्कि राजस्थान की जैव विविधता को भी सामने लाने का कार्य किया है.