Published On: Fri, Jun 20th, 2025

2 करोड़ की लागत, तांबे की परत… यहां बन रही भगवान विष्णु सबसे बड़ी प्रतिमा, देखने वालों की बढ़ी भीड़!


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Sikar News: सीकर जिले के डूकिया गांव में भगवान विष्णु की 70 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण धार्मिक पर्यटन को नया आयाम दे रहा है. महालक्ष्मी मंदिर परिसर में कई देवी-देवताओं के मंदिर और सुविधाएं विकसित हो रही हैं. इ…और पढ़ें

2 करोड़ की लागत, तांबे की परत...  यहां बन रही भगवान विष्णु सबसे बड़ी प्रतिमा!

भगवान विष्णु की प्रतिमा 

हाइलाइट्स

  • भगवान विष्णु की 70 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण डूकिया गांव में हो रहा है.
  • महालक्ष्मी मंदिर परिसर में राधा-कृष्ण और भगवान अग्रसेन के मंदिर भी बन रहे हैं.
  • श्रद्धालुओं के लिए इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई है.

सीकर. विश्व प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर से 14 किलोमीटर दूर स्थित डूकिया गांव अब धार्मिक पर्यटन का नया केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है. यहां महालक्ष्मी मनोकामनापूर्ण मंदिर ट्रस्ट की ओर से भगवान विष्णु की 70 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है. यह प्रतिमा देशभर में अपनी तरह की पहली और सबसे ऊंची मानी जा रही है. इसका निर्माण पिछले दो महीनों से चल रहा है और इसके पूरा होने के बाद यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए एक नया आस्था केंद्र बन जाएगा.

हरियाणा के नारनौल क्षेत्र से आए दो दर्जन से अधिक कुशल कारीगर इस प्रतिमा का निर्माण सीमेंट, बजरी और केमिकल से कर रहे हैं. प्रतिमा पर तांबे की परत चढ़ाई जाएगी, जिससे इसका स्वरूप और अधिक दिव्य व भव्य दिखाई देगा. इस पूरी परियोजना की अनुमानित लागत करीब दो करोड़ रुपये है. इसे 15 फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित किया जाएगा, जिसके चारों ओर आकर्षक सीढ़ियां, सुंदर लाइटिंग और एक सुव्यवस्थित गार्डन भी बनाया जा रहा है. इससे यह जगह केवल धार्मिक नहीं, बल्कि प्राकृतिक आकर्षण का केंद्र भी बन जाएगी.

राधा-कृष्ण से लेकर भगवान अग्रसेन के दर्शन
डूकिया में महालक्ष्मी मंदिर की ख्याति पहले से ही फैली हुई है, और अब इसी परिसर में राधा-कृष्ण मंदिर भी वृंदावन की तर्ज पर बनकर तैयार हो गया है. इसके अलावा भगवान अग्रसेन का मंदिर भी तेजी से बन रहा है, जिसे शीघ्र ही श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा. मंदिरों की इस श्रृंखला से यह स्थान धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है. श्रद्धालु अब एक ही स्थान पर अनेक देवी-देवताओं के दर्शन कर सकेंगे, जिससे उनकी धार्मिक यात्रा और अधिक समृद्ध हो सकेगी. मंदिर परिसर इतना विस्तृत है कि एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में दिक्कत हो सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट ने बिजली से चलने वाली ट्रेन चलाने की योजना बनाई है. यह विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों के लिए सहूलियतभरी सुविधा होगी. ट्रेन के संचालन से श्रद्धालुओं को आरामदायक और व्यवस्थित दर्शन व्यवस्था मिलेगी और उनकी यात्रा सुखद हो सकेगी.

बढ़ता रियल एस्टेट और मिल रहे नए रोजगार के अवसर
डूकिया की धार्मिक प्रसिद्धि अब स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति देने लगी है. खाटू, सालासर, जीणमाता जैसे प्रसिद्ध तीर्थों के निकट स्थित होने के कारण डूकिया में रियल एस्टेट का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. अलादा, गोवटी, खाटू और सीकर एनएच-52 बायपास तक जमीनों के भाव कई गुना बढ़ चुके हैं. यहां नए होटल, गेस्ट हाउस और दुकानें खुल रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर मिल रहे हैं. धार्मिक पर्यटन के इस विकास ने गांवों की आर्थिक स्थिति को भी सशक्त बनाना शुरू कर दिया है. निकट भविष्य में डूकिया न केवल श्रद्धा का केंद्र होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों का भी एक नया हब बन सकता है.

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