Published On: Fri, Nov 22nd, 2024

14 airstrips of Rajasthan will be developed, big planes will land | राजस्थाान की 14 हवाई पटि्टयां विकसित होंगी, बड़े विमान उतरेंगे: नजदीकी एयरपोर्ट बनेंगे मेंटर; आबूरोड में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की संभावना तलाशेंगे – Kishangarh News


केंद्र सरकार राजस्थान में 14 हवाई पटि्टयों को विकसित करेगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के जरिए उत्तर भारत के राज्यों में छोटी हवाई पटि्टयों को विकसित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके तहत तहत राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्

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यह योजना नेशनल एयरपोर्ट डेवलप प्लान 2047 के तहत शुरू की जा रही है। नजदीकी एयरपोर्ट को मेंटर एयरपोर्ट बनाकर सर्वे करने और रिपोर्ट सब्मिट करने का जिम्मा दिया गया है। मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन इस रिपोर्ट के आधार पर इन हवाई पट्‌टियों पर काम करेगा।

इसके तहत इन्हें एटीआर 72, एयरबस 320 जैसे बड़े विमानों के साथ 19 सीटर ऑपरेशनल विमानों के संचालन के लिए तैयार किया जाएगा।

किशनगढ़ एयरपोर्ट को दो हवाई पटि्टयों का मेंटर बनाया गया है।

किशनगढ़ एयरपोर्ट को दो हवाई पटि्टयों का मेंटर बनाया गया है।

बड़े विमानों के संचालन की सुविधा विकसित करने की कवायद

नॉर्दन रीजन में राजस्थान की 14, उत्तर प्रदेश की 12, हरियाणा की 4, जम्मू कश्मीर की 2 और पंजाब की 1 हवाईपट्‌टी का चयन किया गया है।

मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन इन हवाई पटि्टयों को विकसित कर यहां बड़े विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ करने की सुविधाओं को विकसित करना चाह रहा है। इसका मकसद हवाई सुविधाओं के विकास और एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही के बीच चार्टर्ड प्लेन के बढ़ते फेरों की एयरपोर्ट पर निर्भरता कम करने की है।

योजना के तहत सिरोही, आबूरोड (सिरोही), नून (जालोर) और बांसवाड़ा हवाईपट्‌टी का जिम्मा उदयपुर एयरपोर्ट, फलोदी का जैसलमेर, अलवर और तारपुरा (सीकर) का जयपुर, सवाईमाधोपुर और झालावाड़ का कोटा, भरतपुर का आगरा, लालगढ़ जाटान (श्रीगंगानगर) का भटिंडा एयरपोर्ट, सोजत (पाली) हवाई पट्‌टी का जोधपुर, नागौर और पड़िहारा (चूरू) हवाईपट्‌टी का जिम्मा किशनगढ़ एयरपोर्ट को दिया गया है।

ये एयरपोर्ट हवाई पटि्टयों का सर्वे कर रिपोर्ट बनाएंगे।

किशनगढ़ एयरपोर्ट हवाई अड्‌डा। इसे नागौर और पड़िहारा हवाई पट्‌टी का मेंटर एयरपोर्ट बनाया गया है।

किशनगढ़ एयरपोर्ट हवाई अड्‌डा। इसे नागौर और पड़िहारा हवाई पट्‌टी का मेंटर एयरपोर्ट बनाया गया है।

एयरपोर्ट प्रशासन की टीम करेगी सर्वे

किशनगढ़ एयरपोर्ट निदेशक बीएल मीणा ने बताया- भारत सरकार की नेशनल एयरपोर्ट डवलपमेंट प्लान 2047 स्कीम के तहत किशनगढ़ एयरपोर्ट की तरफ से नागौर हवाई स्ट्रिप का दौरा किया है।

फिजिबलिटी स्टेटस जांचने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा की है। हवाई पट्‌टी को एयरबस 320 के उपयुक्त माना गया है। स्थानीय प्रशासन से आगामी प्लान को धरातल पर उतारने के लिए जमीन मुहैया कराने के लिए चर्चा की है।

किशनगढ़ एयरपोर्ट को नागौर और पड़िहारा हवाई पट्‌टी के लिए मेंटर बनाया गया है। शुक्रवार को परिहारा हवाई स्ट्रिप का जायजा लेकर वहां भी बड़े विमानों की आवाजाही के लिए संभावनाएं तलाशी जाएगी।

19 सीटर से लेकर बड़े विमान उतारने की योजना…

आबूरोड (सिरोही) हवाई पट्टी- इसका मौजूदा रनवे 1150 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ा है। यहां से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट 115 किलोमीटर दूर उदयपुर में है। इसी प्रकार एक अहमदाबाद का हवाई अड्‌डा यहां से करीब 195 किमी दूर है।

इस हवाई पट्‌टी के आसपास घनी आबादी के कारण इसके विस्तार में समस्या आ रही है। हालाकि यहां अभी छोटे विमान उतर सकते हैं, लेकिन भविष्य की योजना को देखते हुए यहां ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए संभावना तलाशने के लिए भी कहा गया है। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पहले से खाली और अविकसित जमीन पर बनाया जाता है। ये शहर से बाहर बनाए जाते हैं।

अलवर हवाई पट्टी– इसका मौजूदा रनवे 1020 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ा है। यहां से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट 70 किलोमीटर दूर जयपुर में है। इसके अलावा करीब 171 किमी दूर दिल्ली का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्‌डा भी है। रनवे के अंत में पहाड़ी और हाईवे होने के कारण विस्तार करना कठिन है। इसको 19 सीटर विमान के लिए डवलप करने की संभावना तलाशी जा रही है।

लालगढ़ जाटान (श्रीगंगानगर) हवाई पट्टी-इसका मौजूदा रनवे 1300 मीटर लंबा और 80 मीटर चौड़ा है। यहां रनवे के समाप्त होने पर घनी बस्ती और हाईवे होने के कारण विस्तार में समस्या आ रही है। श्रीगंगानगर के पास स्थित होने से इसे छोटे विमानों के लिए विकसित किए जाने की संभावना तलाशी जा रही है। यहां से सबसे पास का एयरपोर्ट पंजाब के बंठिडा एयरपोर्ट है।

सवाई माधोपुर हवाई पट्टी-इसका मौजूदा रनवे 1139 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा है। इसको छोटे विमानों के लिए विकसित करने की संभावना तलाशी जा रही है, लेकिन अभी हवाई पट्टी क्षेत्र के पास बस्ती होने से समस्या आ रही है। यहां से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट 100 किलोमीटर दूर कोटा एयरपोर्ट है।

सोजत (पाली) हवाई पट्टी– इस हवाई पट्टी की लंबाई 1170 मीटर और चौड़ाई 30 मीटर है। जोधपुर एयरपोर्ट से 72 किलोमीटर दूर इस हवाई पट्टी पर अभी ATR 72 जैसे विमान उतरने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं है। इसे छोटे विमानों के लिए विकसित करने की संभावना देखी जा रही है। अभी जो चुनौती सामने आ रही है वह इसके आसपास की बस्तियां और रनवे के दूसरे छोर पर स्थित ब्यावर-पिंडवाड़ा हाईवे है।

तारपुरा (सीकर) हवाई पट्टी-एयरबस विमानों के लिए परिचालन के लिए अभी इसके पास पर्याप्त जमीन नहीं है, लेकिन अभी छोटे विमानों के लिए इसको विकसित करने की संभावना तलाशी जा रही है। इससे एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्टेट हाईवे स्थित है। जिससे इसके विस्तार में समस्या आ रही है। यहां से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट 116 किलोमीटर दूर जयपुर में है।

कोलाना (झालावाड़) हवाई पट्टी-इसका मौजूदा रनवे 1710 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा है। ये हवाई पट्टी कोटा एयरपोर्ट से 75 किलोमीटर दूर स्थित है। इसे अभी छोटे विमानों के लिए विकसित करने की संभावना देखी जा रही है। कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के पास स्थित होने के कारण इसको भविष्य में और विकसित करने की योजना है।

पड़िहारा (चूरू) हवाई पट्टी-यहां मौजूदा रनवे 1500 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा है। यहां से नजदीकी किशनगढ़ एयरपोर्ट की दूरी 150 किलोमीटर है। यहां हवाई पट्टी के एक तरफ रेलवे लाइन और दूसरी तरफ राजमार्ग है। साथ ही रनवे पट्टी के पास जल निकाय मौजूद है। यहां एटीआर 72 विमान के लिए विकसित किए जाने की संभावना देखी जा रही है।

बांसवाड़ा हवाई पट्टी-यहां मौजूदा रनवे 1888 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा है। यहां से नजदीकी एयरपोर्ट 122 किलोमीटर दूर है। हवाई पट्टी को ऑपरेशनल एयरपोर्ट के लिए विस्तार किए जाने की संभावना देखी जा रही है।

भरतपुर हवाई पट्टी-हवाई पट्टी का मौजूदा रनवे 1097 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर है। यहां से नजदीकी एयरपोर्ट आगरा की दूरी 60 किलोमीटर है। हवाई पट्टी के पास बर्ड सेंचुरी है। यदि पर्याप्त भूमि उपलब्ध हो और पास में पक्षी अभयारण्य होने के कारण पर्यावरणीय मंजूरी मिल जाए तो इसको विकसित करने की संभावना तलाशने के लिए कहा है।

नागौर की हवाई पट्टी-इस हवाई पट्टी की लंबाई 1527 मीटर और चौड़ाई 30 मीटर है। यहां से नजदीकी एयरपोर्ट किशनगढ़ की दूरी 126 किलोमीटर है। इसको फुली ऑपरेशनल एयरपोर्ट के रूप में डवलप करने की संभावना देखी जा रही है। यहां रनवे के एक तरफ सड़क और बस्ती है। इसलिए दूसरी तरफ इसके विस्तार की संभावना देखने के लिए कहा गया है।

नून (जालोर) हवाई पट्टी-इसका मौजूदा रनवे 1500 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा है। यहां से नजदीकी एयरपोर्ट उदयपुर की दूरी 150 किलोमीटर है। इसको फुली ऑपरेशनल एयरपोर्ट के रूप में डवलप करने की संभावना देखी जा रही है।

सिरोही हवाई पट्टी-इसका मौजूदा रनवे 1793 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा है। इसको फुली ऑपरेशनल एयरपोर्ट के रूप में डवलप करने की संभावना देखी जा रही है, लेकिन इसके रनवे के एक तरफ बस्ती और सड़कें है।

फलौदी हवाई पट्टी-इसका मौजूदा रनवे 1705 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा है। यहां से नजदीकी एयरपोर्ट जैसलमेर की दूरी 152 किलोमीटर है। यहां मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस और राज्य सरकार पर्याप्त जमीन उपलब्ध करवा देती है तो यहां सिविल एन्कलेव विकसित करने की संभावना देखी जा रही है। इसके लिए कुछ घरों और प्रतिष्ठानों को भी ट्रांसफर करने की आवश्यकता जताई गई है।

(सिविल एन्क्लेव किसी हवाई अड्डे पर आवंटित वह क्षेत्र होता है जहां से वायु परिवहन सेवाएं ली जा सकती हैं। इसमें हवाई अड्डे से जुड़े भवन और संरचनाएं भी शामिल होती हैं।)

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