10वीं में कैसे पाएं पूरे अंक? 600 में 599 लाने वाली लड़की ने बताया, मोबाइल से रखना है इतना फासला

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हर स्टूडेंट की लाइफ में बोर्ड्स एग्जाम काफी महत्वपूर्ण होते हैं. RBSE के दसवीं बोर्ड के रिजल्ट आ चुके हैं. इसकी टॉपर मेवात की चंचल मेहता ने छह सौ में पांच सौ निन्यानवें अंक लेकर इतिहास रच दिया है. अगर आपको भी ज…और पढ़ें

मजदूर की बेटी ने बोर्ड एग्जाम में गाड़ दिए झंडे (इमेज- फाइल फोटो)
राजस्थान के एक छोटे से गांव पाण्डेका की चंचल मेहरा ने वह कर दिखाया जो लाखों छात्रों के लिए एक सपना है. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) की 10वीं परीक्षा 2025 में चंचल ने 600 में से 599 अंक हासिल कर 99.83 प्रतिशत के साथ पूरे राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया. यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि पूरे मेवात क्षेत्र और राजस्थान के लिए गर्व का विषय है. मजदूर पिता धर्मपाल और गृहणी माता के सहयोग से चंचल ने साबित कर दिया कि मेहनत और अनुशासन के सामने कोई बाधा टिक नहीं सकती.
चंचल मेहरा, जो विजय श्री उच्च माध्यमिक विद्यालय, गोपालगढ़, पहाड़ी की छात्रा हैं, ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया. उनके पिता धर्मपाल मजदूरी करते हैं और मां घर संभालती हैं. आर्थिक तंगी के बावजूद चंचल के परिवार ने उनकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी. चंचल ने बताया कि उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया और हर कदम पर उनका साथ दिया. उनके शिक्षकों ने भी उन्हें सही दिशा दिखाई और कठिन विषयों को आसान बनाने में मदद की.
बनी मिसाल
चंचल की कहानी इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता हासिल की बल्कि यह भी दिखाया कि सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखे और पूरे किए जा सकते है. उन्होंने अपनी सफलता के पीछे का राज साझा करते हुए कहा, “पढ़ाई, परिवार, और मनोरंजन—तीनों को संतुलित करना जरूरी है. मैंने हमेशा हर चीज के लिए एक निश्चित समय तय किया. सोशल मीडिया और मोबाइल से मैंने हमेशा दूरी बनाए रखी क्योंकि यह पढ़ाई में बाधा डालता है.” चंचल का मानना है कि 10वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए इंटरनेट से ज्यादा शिक्षकों का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण है.
कल ही आया रिजल्ट
इस साल RBSE 10वीं परीक्षा में 10.7 लाख से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया था और कुल पास प्रतिशत 93.6% रहा. लड़कियों ने एक बार फिर लड़कों को पछाड़ते हुए 94.08% पास प्रतिशत हासिल किया जबकि लड़कों का पास प्रतिशत 93.16% रहा. इस कड़ी प्रतिस्पर्धा में चंचल का 99.83% अंक लाना एक असाधारण उपलब्धि है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने 28 मई 2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में टॉपर्स की घोषणा की, जिसमें चंचल मेहरा का नाम सबसे ऊपर रहा.
बनना चाहती है IAS
चंचल का सपना केवल इस सफलता तक सीमित नहीं है. वह भविष्य में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहती हैं. उनकी यह महत्वाकांक्षा न केवल उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाती है बल्कि उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो छोटे शहरों या गांवों से आते हैं और बड़े लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं. चंचल ने कहा, “मैंने हमेशा यह माना कि मेहनत और समय का सही उपयोग आपको कहीं भी पहुंचा सकता है. मेरे लिए यह शुरुआत है और मैं अपने सपनों को पूरा करने के लिए और मेहनत करूंगी.”
परिजनों में ख़ुशी की लहर
उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके गांव पाण्डेका बल्कि पूरे मेवात क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ा दी. स्थानीय लोग और उनके स्कूल के शिक्षक चंचल की तारीफ करते नहीं थक रहे. उनके स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि चंचल हमेशा से एक मेहनती और अनुशासित छात्रा रही है. वह कक्षा में हमेशा सवाल पूछती थी और हर विषय को गहराई से समझने की कोशिश करती थी. उनकी यह लगन और शिक्षकों का समर्पण इस सफलता का आधार बना. चंचल की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए संसाधनों की कमी कोई बाधा नहीं है. सही मार्गदर्शन, कठिन परिश्रम और समय का प्रबंधन आपको सबसे ऊंचे मुकाम तक पहुंचा सकता है. सोशल मीडिया की चकाचौंध से दूर रहकर चंचल ने यह साबित कर दिया कि आज के दौर में भी पारंपरिक मेहनत और शिक्षकों का मार्गदर्शन सबसे बड़ा हथियार है.

न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.
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