Published On: Sun, Jun 8th, 2025

1.65 लाख किताबें, गांधी साहित्य से लेकर डिजिटल ग्रंथ तक, जयपुर की यह लाइब्रेरी बनी युवाओं की पहली पसंद


जयपुर. राजधानी जयपुर में लाखों स्टूडेंट्स स्कूल, कॉलेज और लाइब्रेरी में दिन-रात पढ़ाई कर रहे हैं. शहर में हजारों लाइब्रेरियां हैं, जहां राजस्थान के विभिन्न जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे पढ़ते हैं. आमतौर पर लाइब्रेरियों में 700 से 1500 रुपये तक की फीस होती है, लेकिन जयपुर के मालवीय नगर में स्थित जैन लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स बिना किसी फीस के सभी सुविधाओं के साथ पढ़ सकते हैं. यह लाइब्रेरी वर्षों से संचालित हो रही है और अब तक हजारों स्टूडेंट्स यहां से पढ़ चुके हैं. आज भी सैकड़ों स्टूडेंट्स यहां पढ़ने आते हैं और यह जयपुर की एकमात्र ऐसी लाइब्रेरी है जहां स्टूडेंट्स खुले और बंद दोनों वातावरण में पढ़ सकते हैं.

लोकल 18 की टीम ने जैन लाइब्रेरी का दौरा किया और वहां के स्टॉफ और मैनेजमेंट से बात की. डॉ. रीना बेद ने बताया कि प्राकृत भारती अकादमी युवाओं की शिक्षा के लिए समर्पित है, इसलिए यहां स्टूडेंट्स को पढ़ने के लिए किसी प्रकार की फीस नहीं देनी पड़ती. बल्कि, यहां अन्य फीस लेने वाली लाइब्रेरियों से ज्यादा सुविधाएं हैं. लाइब्रेरी का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मुफ्त में पढ़ने की सुविधा देना है. यहां टेबल-कुर्सी, एसी, पानी जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.

स्टूडेंट्स के लिए 1.65 लाख किताबें बिल्कुल मुफ्त

जैन लाइब्रेरी जयपुर की एक अनोखी लाइब्रेरी है, जहां फ्री में पढ़ने की सुविधा के साथ 1.65 लाख किताबों का भव्य संग्रह है. डॉ. रीना बेद ने बताया कि इस लाइब्रेरी में आजादी से लेकर अब तक की छपी हर विषय और अलग-अलग भाषाओं की लाखों किताबें हैं. यहां किताबों का संग्रह इतना भव्य है कि देश के विभिन्न राज्यों से पीएचडी स्कॉलर्स यहां अध्ययन करने आते हैं. लाइब्रेरी में हिंदी, उर्दू, संस्कृत, फारसी, प्राकृत, अंग्रेजी, चीनी भाषाओं की किताबें हैं, जिनमें विज्ञान, दर्शन, साहित्य, धर्म, ज्योतिष, आयुर्वेद, जीवनियां, चित्रकथा जैसी हजारों किताबें शामिल हैं. हर साल लाखों रुपये की किताबें दुनियाभर के विश्वविद्यालयों और प्रकाशन संस्थानों से खरीदी जाती हैं. अकादमी ने लगभग 524 ग्रंथों और 62 चित्रकथाओं का प्रकाशन भी किया है.

महात्मा गांधी की किताबों का यहां है भव्य संग्रह

जैन लाइब्रेरी में लाखों किताबें हैं, लेकिन खासतौर पर महात्मा गांधी पर केंद्रित करीब 7 हजार किताबें, गांधीजी की आवाज में भाषण, पोस्टर, पिक्चर आदि उपलब्ध हैं. साथ ही, लाइब्रेरी में 50 साल पुरानी करीब 5 हजार किताबों का डिजिटलाइजेशन किया जा चुका है. धार्मिक ग्रंथों में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए रामायण, महाभारत, वेद-पुराण जैसी किताबें भी अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध हैं. यह लाइब्रेरी सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुली रहती है, जहां बिना किसी रजिस्ट्रेशन और फीस के स्टूडेंट्स पढ़ सकते हैं.

पद्म विभूषण डीआर मेहता ने रखी थी नींव

जैन लाइब्रेरी की शुरुआत प्राकृत भारती अकादमी के रूप में पद्म विभूषण डीआर मेहता ने की थी, जो सेबी के पूर्व चेयरमैन रह चुके हैं. उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में पद्म विभूषण भी मिल चुका है. अब लाइब्रेरी में पढ़कर कई स्टूडेंट्स आईएएस, आईपीएस जैसे बड़े पदों पर पहुंच चुके हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि यहां हर क्षेत्र की शिक्षा के लिए इतना मटेरियल उपलब्ध है, जो बड़ी-बड़ी लाइब्रेरियों में भी नहीं मिलता है.

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