हिमाचल से मॉनसून की विदाई, इस सीजन 18 फीसदी कम हुई बारिश; लेकिन 5 अक्टूबर से फिर बिगड़ेगा मौसम

हिमाचल प्रदेश में तीन महीने से अधिक समय तक सक्रिय रहे दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून की बुधवार को विदाई हो गई। मौसम विभाग की तरफ से पूरे हिमाचल से मॉनसून की विदाई की आधिकारिक घोषणा कर दी गई। प्रदेश में मॉनसून के विदा होने की सामान्य तिथि 25 सितंबर मानी जाती है। इस बार मॉनसून एक हफ्ता देरी से विदा हुआ है। पिछले वर्ष मॉनसून की विदाई छह अक्टूबर को हुई थी।
18 फीसदी कम हुई बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने मॉनसून के विदा होने की पुष्टि करते हुए बताया कि मॉनसून सीजन में सामान्य से 18 फीसदी कम बारिश हुई है। जून, जुलाई और अगस्त के महीने में मॉनसून की सामान्य से कम जबकि सितंबर के महीने में सामान्य से ज्यादा वर्षा दर्ज की गई। मॉनसून ने 27 जून को राज्य में दस्तक दी थी।
सितंबर में मॉनसून रहा मेहरबा
उन्होंने बताया कि मॉनसून के दौरान राज्य में 600.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि 734.4 मिमी वर्षा को सामान्य माना गया है। जून में सामान्य से 54 फीसदी कम बरसात रही। इसी तरह जुलाई में सामान्य से 29 फीसदी और अगस्त में सामान्य से पांच फीसदी कम बारिश हुई। सितंबर में मॉनसून मेहरबान रहा और सामान्य से चार फीसदी ज्यादा बारिश हुई। उन्होंने बताया कि पूरे मॉनसून सीजन के दौरान धर्मशाला में छह जुलाई, पालमपुर में पहली अगस्त और धौलाकुआं में 26 सितंबर को अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई।
छह जिलों में सामान्य से कम वर्षा
उन्होंने कहा कि छह जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई। इनमें लाहौल-स्पीति, किन्नौर, हमीरपुर, ऊना, सोलन और चम्बा जिले शामिल हैं। लाहौल स्पीति में सामान्य से 70 फीसदी कम बरसात रही। शिमला, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और बिलासपुर जिलों में मॉनसून की सामान्य वर्षा हुई।
पहाड़ी इलाकों में पांच अक्टूबर से बिगड़ेगा मौसम
मॉनसून की विदाई के बाद भी राज्य में बारिश के आसार बन रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, मैदानी इलाकों में आगामी आठ अक्टूबर तक मौसम साफ रहेगा। इसी तरह पहाड़ी इलाकों में चार अक्टूबर तक धूप खिलेगी। पांच से आठ अक्टूबर तक पहाड़ी इलाकों में बारिश होने की संभावना है। इससे राज्य में लोगों को हल्की ठंड का सामना करना पड़ेगा।
मॉनसून सीजन में गई 342 लोगों की जान
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून ने इस बार भी कहर बरपाया और जगह-जगह तबाही नजर आईं। बादल फटने, बाढ़ आने व भूस्खलन की 100 से ज्यादा घटनाओं ने कई लोगों को काल के आगोश में समा दिया। मॉनसून सीजन में 203 घर, 67 दुकानें और 537 पशुशालाएं पूर्ण रूप से ध्वस्त हुईं। 574 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ। वर्षा से जुड़े हादसों में 342 लोगों की जान गई। इनमें सड़क हादसों में 150 लोग मारे गए। बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन की 101 घटनाओं में 37 लोगों की मौत हुई और 33 अभी तक लापता हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक मानसून से राज्य में 1360 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। लोकनिर्माण विभाग को सबसे ज्यादा 633 करोड़ का नुकसान हुआ।