हिमाचल में भारी बारिश का येलो अलर्ट, पांच जिलों में बाढ़ की चेतावनी; कबतक खराब रहेगा मौसम
हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बीती रात भारी बारिश हुई। कांगड़ा जिला के बैजनाथ में सबसे ज्यादा 110 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। मंडी में 103, नगरोटा सुर्रियां में 80, नैना देवी में 72, अग्घर व सियोबाग में 52-52 और सुंदरनगर में 50 मिमी वर्षा हुई है। किन्नौर में 57 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से अंधड़ चला।
बारिश को लेकर येलो अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आगामी 24 घंटे राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही पांच जिलों के लिए बाढ़ आने की चेतावनी भी दी गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, मंडी, चम्बा, कुल्लू, शिमला और सिरमौर जिलों में फ्लैश फ्लड की ज्यादा आशंका है। इन जिलों में 21 अगस्त दोपहर एक बजे तक 24 घंटों के लिए अचानक बाढ़ के खतरे को लेकर चेतावनी जारी कर लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। इन जिलों में रहने वाले लोगों के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों को बाढ़ व भूस्खलन की आशंका को देखते हुए आगाह किया गया है कि वे अनावश्य यात्रा करने से बचें और नदी-नालों से दूरी बनाए रखें।
26 अगस्त तक खराब रहेगा मौसम
मौसम विभाग का अनुमान है कि 22 से 26 अगस्त तक मौसम खराब बना रहेगा। लेकिन इस दौरान कहीं भी भारी वर्षा होने के आसार कम हैं और इस अवधि के लिए किसी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
भूस्खलन से 107 सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मंगलवार सुबह तक प्रदेश भर में 107 सड़कें भूस्खलन से बंद हैं। शिमला जिला में 48, मंडी व कुल्लू में 24-24, कांगड़ा में सात, किन्नौर में दो और सिरमौर व ऊना में एक-एक सड़क बाधित है। हालांकि राज्य के सभी राष्ट्रीय उच्च मार्गों व राज्य उच्च मार्गों पर वाहनों की आवाजाही जारी है। भारी वर्षा से पूरे प्रदेश में 91 ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं। इनमें हमीरपुर में 61, मंडी में 21, कुल्लू में छह औऱ चम्बा में तीन ट्रांसफार्मर शामिल हैं। इसके अलावा कुल्लू में 19, चम्बा में सात, बिलासपुर व शिमला में पांच-पांच पेयजल परियोजना भी बंद है।
53 दिनों में 130 घर और 43 दुकानें गिरीं
राज्य में पिछले 53 दिनों से सक्रिय मानूसन ने कोहराम मचाया है और बड़े पैमाने पर जान-माल को क्षति पहुंची है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन में अब तक 130 घर और 43 दुकानें पूरी धराशायी हुईं। जबकि 372 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ। 382 पशुशालाएं भी बारिश से ध्वस्त हुईं। 27 घराट व श्मशान घाट सैलाब में बह गए।