हिमाचल में बाढ़ जैसे हालत, कई जिलों में रात से हो रही भारी बारिश; किस दिन से मौसम होगा साफ
हिमाचल प्रदेश में भीषण गर्मी के बाद अब जमकर बारिश देखने को मिली है। येलो अलर्ट के बीच कई जिलों में बीती रात से भारी वर्षा हो रही है। सबसे ज्यादा वर्षा सिरमौर जिला में हुई है। इसके अलावा चम्बा, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, ऊना और मंडी जिलों में भी झमाझम बारिश हुई है। सिरमौर जिला के विभिन्न हिस्सों में पिछले दो दिन से बादल बरस रहे हैं। लगातार हो रही वर्षा से जिले की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। इसे देखते हुए आज तड़के श्री रेणुकाजी में गिरी नदी पर बने जतोन डैम के दो गेट खोलकर पानी की निकासी की गई। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए नदी किनारे रह रहे लोगों को सचेत रहने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षण संस्थानों में आज छुट्टी
वहीं गुरुवार को गरज-चमक के साथ हो रही वर्षा के कारण सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में सभी शिक्षण संस्थानों में आज छुट्टी कर दी गई है। पांवटा साहिब के एसडीएम गुंजित चीमा ने इस सम्बंध में आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा और बांध से पानी छोड़ने के कारण पांवटा साहिब के सभी शिक्षण संस्थानों को आज एक दिन के लिए बंद रखा गया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि गिरी नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद गिरी जटोन बांध से पानी छोड़ा गया है।
हिल्स स्टेशनों में हल्की ठंड
मौसम के मिजाज बदलने से अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट आने से गर्मी का असर कम हुआ है। मैदानी इलाकों में जहां मौसम सुहावना हो गया है, वहीं हिल्स स्टेशनों में सुबह-शाम हल्की ठंड महसूस की जा रही है। पिछले दिनों राज्य के कई भागों में गर्मी का रौद्र रूप देखने को मिला। शिमला में गर्मी ने पिछले तीन दशक के रिकॉर्ड तोड़ा, वहीं कांगड़ा सहित मैदानी हिस्सों में भी कई सालों बाद सितंबर में जबरदस्त गर्मी का प्रकोप रहा।
आज भी बारिश का अलर्ट, कल से कमजोर होगा मॉनसून
मौसम विज्ञान केंद्र का पूर्वानुमान है कि मॉनसून की सक्रियता से 26 सितंबर को राज्य के कई हिस्सों में जोरदार वर्षा होगी। इसको लेकर मौसम केंद्र ने येलो अलर्ट जारी किया है। मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में मेघ गर्जना व आसमानी बिजली कड़कने की चेतावनी दी गई है।
किस दिन से मौसम होगा साफ
मौसम विभाग के मुताबिक, 27 सितंबर से इसका असर कम होगा। 27 से 29 सितंबर तक कहीं-कहीं हल्की वर्षा होने के आसार हैं। 30 सितंबर से मौसम साफ हो जाएगा। अक्टूबर के पहले हफ्ते मानसून के राज्य से विदा होने की संभावना है।
मॉनसून सीजन में गई 333 लोगों की जान
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी। इस बार मानसून की सामान्य से करीब 19 फीसदी कम बरसात हुई, लेकिन बादल फटने, बाढ़ आने व भूस्खलन से जगह-जगह तबाही देखने को मिली। मानसून सीजन में 202 घर, 67 दुकानें और 530 पशुशालाएँ पूर्ण रूप से ध्वस्त हुईं। 568 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ। वर्षा से जुड़े हादसों में 333 लोगों की जान गई। इनमें सड़क हादसों में 150 लोग मारे गए। बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन की 98 घटनाएं हुईं, जिनमें 36 लोगों की मौत हुई और 33 अभी तक लापता हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक मानसून से राज्य में 1332 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। लोकनिर्माण विभाग को सबसे ज्यादा 633 करोड़ का नुकसान हुआ। जलशक्ति विभाग को 513 करोड़ का नुकसान आंका गया है।