हिमाचल में फिर रफ्तार पकड़ेगा मॉनसून, इन जिलों में भारी बारिश के आसार; येलो अलर्ट जारी

हिमाचल प्रदेश में कहर बरपा रहे दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के तेवर पिछले कुछ दिनों ने नरम पड़े हैं और बारिश में कमी आई है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में शुक्रवार को बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग के पूर्वनुमान के मुताबिक 25 अगस्त से मानसून फिर रफ्तार पकड़ेगा और कई हिस्सों में जोरदार बारिश देखने को मिल सकती है। विभाग ने 26, 27 और 28 अगस्त को प्रदेश के मैदानी औ मध्यपर्वतीय इलाकों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर और कुल्लू और चम्बा जिलों के ऊपरी क्षेत्रों को छोड़कर अन्य जिलों में जोरदार बारिश होने का अनुमान है। 29 अगस्त को बिजली चमकने की आशंका है।
मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे यानी शनिवार दोपहर 12 बजे तक शिमला और सिरमौर जिलों में फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बाहर से आने वाले सैलानियों को भूस्खलन संभावित इलाकों के साथ-साथ उफनते बरसाती नालों व नदियों के समीप न जाने की हिदायत दी है। अगस्त महीने में राज्य में जमकर बरसात हुई और सामान्य से आठ फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई। हालांकि पिछले तीन-चार दिनों से मानसून के धीमे पड़ने से व्यापक बारिश में गिरावट आई है।
गुरुवार अपरान्ह 4 बजे से शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में सबसे ज्यादा 11 मिली मीटर बारिश रिकार्ड की गई। इसके अलावा जोगिंदर नगर में नौ डलहौजी में छह, गौहर में पांच और बजुआरा में 2 एमएम बारिश हुई। इस दौरान किन्नर के रिकांगपिओ और कुल्लू में क्रमशः 62 और 38 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं।
बारिश के कारण राज्य में अभी भी कई सड़कें भूस्खलन से अवरुद्ध हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार सुबह तक प्रदेश की 49 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप है। मंडी में 16, शिमला में 13, कुल्लू व कांगड़ा में आठ-आठ, किन्नौर में दो और सिरमौर व ऊना में एक-एक सड़क अवरुद्ध है।
शिमला में डॉक्टरों के आवास से सटे मकान की रिटेनिंग वाल गिरी
राजधानी शिमला में पिछले दिनों हुई भारी बारिश से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। दो दिन पहले उपनगर बालूगंज में पहाड़ी दरकने से दो रेनशेल्टर तबाह हुए हैं और उपनगर को जाने वाली मुख्य सड़क बंद हैं। शनिवार सुबह लक्कड़ बाजार क्षेत्र में तीन मंजिला भवन की रिटेनिंग वॉल ध्वस्त हो गई। इससे पूरा भवन खतरे की जद में आ गया है। यह भवन आईजीएमसी डॉक्टरों के आवास से सटा है और प्रशासन ने इसे पहले ही खाली करवा दिया था।
मानसून से 1200 करोड़ का नुकसान, 243 मौतें
हिमाचल प्रदेश में मानसून से 1200 करोड रुपए का नुकसान हो चुका है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा 540 करोड़ का नुकसान लोक निर्माण विभाग को पहुंचा है, वहीं जल शक्ति विभाग को 488 करोड़ का नुकसान आंका गया है। मानूसन सीजन के पिछले आठ हफ़्तों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 243 लोगों की मौत हुई है और 30 लोग लापता हैं। इनमें भूस्खकन से पांच, बाढ़ से 8, बादल फटने से 22, पानी में बहने से 26 और ऊंचाई से फिसलने से 35 लोगों की जान गई है।
रिपोर्ट : यूके शर्मा