हिमाचल में दो दिन बाद हुई जोरदार बरसात, छह जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की सक्रियता का असर दिख रहा है। राज्य के कई हिस्सों में रविवार को जमकर बरसात हुई। राजधानी शिमला में दोपहर के समय करीब तीन घंटे तक झमाझम बारिश का दौर चला। मौसम विभाग ने अगले दो दिन राज्य के अधिकांश हिस्सों में मौसम के साफ रहने का अनुमान जताया है। इसक बाद मॉनसून फिर जोर पकड़ेगा और कई जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान है। विभाग ने 18 सितंबर को छह जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश की चेतावनी दी है। इसे लेकर कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। 19 से 21 सितंबर तक मौसम के खराब रहने के आसार हैं।
शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉक्टर कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि अगले दो दिन मॉनसूनी गतिविधियों में कमी रहेगी। मैदानी क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा, जबकि मध्य पर्वतीय व उच्च पर्वतीय इलाकों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा होने की संभावना है। 18 सितंबर को मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में मेघ गर्जन व आकाशीय बिजली गिरने के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। अलर्ट के मद्देनजर उन्होंने लोगों को घरों से बाहर निकलने पर सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही स्थानीय लोगों व बाहर से आने वाले सैलानियों को नदी-नालों से दूरी बनाए रखने की हिदायत दी गई है।
सितंबर में मॉनसून मेहरबान, सामान्य से 5% ज्यादा बरसे बादल
प्रदेश में सितंबर के महीने में मॉनसून मेहरबान बना हुआ है। सितंबर के शुरुआती दो हफ्तों में सामान्य से पांच प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। शिमला, सिरमौर, सोलन, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर और बिलासपुर जिलों में सामान्य से अधिक बरसात हुई। वहीं कांगड़ा, उना, चंबा, लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों में सामान्य से कम बादल बरसे। प्रदेश में मॉनसून सीजन के दौरान सामान्य से 20 प्रतिशत कम बारिश रिकॉर्ड हुई है।
बीते 24 घंटों के दौरान सोलन जिले के कसौली में सबसे ज्यादा 53 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इसके अलावा धर्मपुर में 26, रेणुका में 20, करसोग में 10, चौकी में 9, नाहन व कल्पा में 8-8, सराहन, कांगड़ा व धर्मशाला में 6-6, सांगला में 4, कंडाकघाट, कसौल, शिमला, जागेंद्रनगर, डल्हौजी व मनाली में 1-1 मिमी वर्षा हुई।
भूस्खलन से 38 सड़कों पर आवाजाही ठप, 11 बिजली ट्रांसफार्मर खराब
मॉनसूनी बारिश से हुए भूस्खलन से कई स्थानों पर अभी भी सड़कें बंद पड़ी हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार रविवार शाम तक प्रदेश में भूस्खलन से 38 सड़कें बंद रहीं। हालांकि राज्य के सभी नेशनल हाईवे पर यातायात सुचारू रूप से चल रहा है। कांगड़ा जिले में सबसे ज्यादा 10 सड़कें अवरूद्व हैं। इसी तरह मंडी व शिमला में 8-8, लाहौल-स्पीति में 5, किन्नौर व कुल्लू में 3-3 और सिरमौर में एक सड़क ठप है। वहीं बिजली गिरने से राज्य में 11 ट्रांसफार्मर भी खराब पड़े हैं। चंबा व कुल्लू में 4-4 और लाहौल-स्पीति में 3 ट्रांसफार्मरों के खराब होने से बिजली गुल है।