हिमाचल में ठंड की दस्तक, किन्नौर में सीजन की पहली बर्फबारी; चार जिलों में बाढ़ का अलर्ट

पहाड़ी क्षेत्रों के तापमान में कमी आने से ठंड ने दस्तक दे दी है। शिमला और मनाली में सुबह-शाम ठंड महसूस की जा रही है।


हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का असर बना हुआ है। राज्य के कई हिस्सों में बादल जमकर बरस रहे हैं। राजधानी शिमला और आसपास के क्षेत्रों में बीती रात से बारिश का दौर जारी है। वहीं, जनजातीय जिला किन्नौर की ऊंची पहाड़ियों में सीजन का पहला हिमपात हुआ है। किन्नौर जिला के सीमांत गांव छितकुल के नरदुम में लगभग दो इंच बर्फबारी हुई है। मौसम के इन तेवरों से पहाड़ी क्षेत्रों के तापमान में कमी आने से ठंड ने दस्तक दे दी है। शिमला और मनाली में सुबह-शाम ठंड महसूस की जा रही है।
मौसम विभाग ने मैदानी और मध्यम उंचाई वाले इलाकों में आज बिजली चमकने के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटों के दौरान यानी 14 सितंबर सुबह 5ः30 बजे तक चार जिलों कुल्लू, शिमला, किन्नौर और सिरमौर में बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है। इसे देखते हुए लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने लोगों को भूस्खलन संभावित इलाकों का रूख न करने और नदी-नालों से दूरी बनाए रखने का परामर्श दिया है। लाहौल-स्पीति व किन्नौर सहित अन्य उच्च पर्वतीय इलाकों में 15 से 18 सितंबर तक मौसम साफ रहेगा, जबकि अन्य हिस्सों में बारिश होने के आसार हैं।
भूस्खलन से 117 सड़कों पर आवाजाही ठप, शिमला में सबसे ज्यादा 81 सड़कें बंद
भारी बारिश ने एक बार फिर लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। विभिन्न स्थानों पर हुए भूस्खलन से कई सड़कें अवरूद्व हो गई हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शुक्रवार सुबह तक राज्य की 117 सड़कें भूस्खलन से अवरूद्व हैं। शिमला जिला में सबसे ज्यादा 81 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा मंडी में 21, हमीरपुर में 10, कुल्लू में तीन, बिलासपुर व सिरमौर में एक-एक बाधित है। इसके अलावा 34 ट्रांसफार्मर भी बंद पड़े हैं। इनमें मंडी व शिमला जिलों में नौ-नौ, कुल्लू में आठ, किन्नौर में छह और चंबा में दो ट्रांसफार्मरों के खराब होने से बिजली गुल है।
मानसून सीजन में हुए हादसों में 303 लोगों की गई जान, 740 घरों को नुकसान
मानसून ने प्रदेश में भारी तबाही मचाई है। मानसून सीजन के पिछले 78 दिनों में बारिश से जुड़े हादसों में 303 लोगों की मौत हुई है। इनमें सड़क दुर्घटनाओं में 137 और अन्य वर्षा जनित हादसों में 165 लोगों की जान गई। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सवा दो माह में बादल फटने से 23, डूबने से 29, बाढ़ से आठ, भूस्खलन से छह, करंट लगने से 18, उंचाई से फिसलने से 42 लोगों ने जान गंवाई। मानसून सीजन में बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन की 94 घटनाएं हुईं।
रिपोर्ट : यूके शर्मा