हिमाचल के मौसम पर बड़ा अपडेट, अगले 5 दिन कैसा रहेगा मौसम? एक राहत
हिमाचल प्रदेश में मानसून की सक्रियता बनी हुई है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में रविवार को भी बारिश जारी है। राजधानी शिमला में सुबह से बादल छाए हुए हैं। दोपहर के समय यहां बादलों का बरसना शुरू हो गया। बीते 24 घण्टों के दौरान राज्य के कई स्थानों पर मानसून की हल्की से मध्यम बारिश हुई है। बादलों के बरसने से कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। हालांकि मौसम विभाग ने अगले 5 दिन बारिश से राहत मिलने का अपडेट दिया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार सुबह तक भुस्खलन से एक नेशनल हाइवे और 61 सड़कें ठप रहीं। मंडी में 31, शिमला में 13, कांगड़ा में 10, किन्नौर में तीन, कुल्लू में दो और सिरमौर और ऊना में एक-एक सड़क बंद है। किन्नौर जिला के निगुलसरी में सड़क धंसने से नेशनल हाइवे संख्या-5 पिछले दो दिन से बंद है। इसके अलावा भारी बारिश और भूस्खलन से तीन पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। ऊना, लाहौल-स्पीति और कांगड़ा जिला में एक-एक पुल को नुकसान हुआ है। कुल्लू जिला में छह और चम्बा जिला में पांच बिजली ट्रांसफार्मर भी खराब पड़े हैं। लाहौल-स्पीति में एक पेयजल स्कीम भी ठप पड़ गई है।
कहां हुई कितनी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घण्टों के दौरान ऊना में सर्वाधिक 50 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। इसके अलावा मंडी के गोहर में 40, कांगड़ा के बैजनाथ में 30, शिमला के कुफ़री में 20, सांगला में 17, जुब्बड़हट्टी व मंडी में 15-15, निचार व बिजाहि में 14-14, कल्पा में आठ और बरठीं में सात मिमी वर्षा हुई।
कब मिलेगी राहत
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक आगामी पांच दिनों में मानसून के धीमा रहने से भारी बारिश से राहत मिलेगी। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आगामी 14 सितंबर तक राज्य के अधिकांश भागों में बारिश की संभावना जताई है। हालांकि इस दौरान किसी तरह का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में पिछले दो माह से अधिक समय से सक्रिय मानूसन ने तबाही मचाई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक मानसून सीजन में बादल फटने व बाढ़ आने की 51 घटनाएं हुईं, जबकि 42 जगह भूस्खलन हुआ। इन घटनाओं में 36 लोगों की मौत हुई और 30 लापता हैं। छह लोग घायल हुए हैं। इन हादसों में 83 घर, 17 दुकानें और 23 पशुशालाएँ पूरी तरह ध्वस्त हो गईं। मानसून में वर्षा से जुड़े हादसों में 288 लोगों की जान गई और 450 घायल हुए। इस दौरान चल व अचल सम्पति को 1304 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। लोकनिर्माण विभाग को सबसे ज्यादा 617 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 509 करोड़ की क्षति आंकी गई है।