Published On: Wed, Jul 17th, 2024

हाईकोर्ट ने ममता को गवर्नर पर अपमानजनक टिप्पणी से रोका: कहा- बोलने की आजादी के नाम पर किसी की प्रतिष्ठा धूमिल नहीं कर सकते


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कोलकाता17 मिनट पहले

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पश्चिम बंगाल के गवर्नर ने 28 जून को ममता समेत 4 लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट में मानहानि का केस दर्ज किया था। - Dainik Bhaskar

पश्चिम बंगाल के गवर्नर ने 28 जून को ममता समेत 4 लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट में मानहानि का केस दर्ज किया था।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और तीन अन्य लोगों पर गवर्नर सीवी आनंद बोस के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर रोक लगाई है। कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार मनमाना नहीं है। बोलने की आजादी की आड़ में अपमानजनक बयान देकर किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा धूमिल नहीं कर सकते।

जस्टिस कृष्ण राव ने मंगलवार (16 जुलाई) को अपने आदेश में कहा कि 14 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी। तब तक किसी पब्लिकेशन या सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिए गवर्नर के खिलाफ अपमानजनक या गलत बयानबाजी नहीं की जाएगी।

कोर्ट ने कहा कि अगर इस स्टेज पर अंतरिम आदेश नहीं दिया गया, तो आरोपियों को बयानबाजी जारी रखने की छूट मिल जाएगी। जस्टिस कृष्ण राव ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक पद पर हैं। वे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सीएम ममता की तरफ से किए जा रहे व्यक्तिगत हमलों का जवाब नहीं दे सकते।

गवर्नर पर लगे यौन शोषण के आरोपों से जुड़ा मामला
दरअसल, बंगाल गवर्नर ने ममता बनर्जी, TMC नेता कुणाल घोष और और दो विधायकों- सयंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। पूरा विवाद बंगाल गवर्नर पर लगे यौन शोषण के आरोपों और पिछले महीने दो TMC विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह स्थल को लेकर विवाद से जुड़ा है।

ममता ने बंगाल गवर्नर पर लगे यौन शोषण के आरोपों के बाद 27 जून को कहा था कि महिलाएं राजभवन जाने से डरती हैं। इसलिए, उन्होंने विधायकों का शपथ ग्रहण विधानसभा में कराने की मांग की, जबकि राज्यपाल राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने के पक्ष में थे।

गवर्नर ने 28 जून को सीएम ममता पर मानहानि केस किया
ममता की इस टिप्पणी पर गवर्नर आनंद बोस ने 28 जून को ममता समेत 4 लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट में मानहानि का केस दर्ज किया। बोस ने अपने ऊपर गलत टिप्पणियों को लेकर ममता की आलोचना की।

3 जुलाई को मामले पर पहली बार सुनवाई होनी थी। हालांकि, उस दिन कोर्ट ने निर्देश दिया कि जिन मीडिया हाउस की रिपोर्ट मानहानि का आधार थी, उन्हें मामले में पक्ष बनाया जाना चाहिए। फिर, सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई तय की गई।

4 जुलाई को राज्यपाल के वकील ने कोर्ट को बताया कि मामले की सुनवाई कलकत्ता हाईकोर्ट के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं की गई है। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी और अगली तारीख 10 जुलाई तय की। 10 जुलाई को जस्टिस कृष्ण राव ने मानहानि की याचिका को अपनी कोर्ट में रजिस्टर करने की इजाजत दी।

15 जुलाई को मामले की सुनवाई हुई थी। तब ममता बनर्जी अपने बयान पर कायम रहीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि महिलाओं ने यहां राजभवन में जाने को लेकर डर जताया था। ममता ने कहा कि उनकी टिप्पणी में कुछ भी अपमानजनक नहीं है।

आनंद बोस बोले- सीएम-गवर्नर की लड़ाई में जनता का नुकसान
बंगाल गवर्नर ने मंगलवार (16 जुलाई) को हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी जताई और कहा, ‘मैंने ममता बनर्जी को हमेशा सम्मान देने की कोशिश की है। हालांकि, उन्होंने जो टिप्पणी की, मुझसे उसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। मैं सिर्फ यही कहूंगा कि नफरत की इस राजनीति को रोकना चाहिए। अगर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच तनाव भरे संबंध होंगे, तो नुकसान लोगों को होगा।’

हालांकि, ममता के वकील ने संजय बासु ने कहा कि वे हाईकोर्ट के आदेश को हाईअर बेंच के सामने चुनौती देंगे। संजय बासु ​​​​​के मुताबिक, ​’मुख्यमंत्री को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है, जिसकी गारंटी भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत दी गई है। एक जन प्रतिनिधि और एक महिला के रूप में वह अपनी आंखें बंद नहीं कर सकती हैं। वह महिलाओं की पीड़ा और शिकायतों से बेखबर नहीं रह सकती हैं।’

गवर्नर बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दो केस

पहला केस: राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर राजभवन की महिला कर्मी ने 2 मई को यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उसने मामले को लेकर हरे स्ट्रीट थाने में लिखित शिकायत दी। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, महिला का आरोप है कि वो 24 मार्च को स्थायी नौकरी का निवेदन लेकर राज्यपाल के पास गई थी। तब राज्यपाल ने बदसलूकी की। गुरुवार को फिर यही हुआ तो वह राजभवन के बाहर तैनात पुलिस अधिकारी के पास शिकायत लेकर गई। पूरी खबर पढ़ें…

दूसरा केस: राज्यपाल बोस के खिलाफ सेक्शुअल हैरेसमेंट का एक और केस सामने आया। उन पर एक ओडिसी क्लासिकल डांसर ने दिल्ली के एक 5 स्टार होटल में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। शिकायत अक्टूबर 2023 में दर्ज कराई गई थी। 14 मई को मामला तब सामने आया, जब बंगाल पुलिस ने राज्य सरकार को मामले की जांच रिपोर्ट सौंपी। ओडिसी डांसर ने अपनी शिकायत में बताया है कि वह विदेश यात्रा से जुड़ी दिक्कतों को लेकर राज्यपाल से मदद मांगने गई थी। पूरी खबर पढ़ें…

ममता बोलीं- राज्यपाल के पास बैठना भी पाप

बंगाल की CM ममता बनर्जी ने 11 मई को हावड़ा में एक रैली में कहा कि राज्यपाल आनंद बोस के बारे में अभी तक सब कुछ सामने नहीं आया है। एक और वीडियो और पेन ड्राइव है।

ममता ने कहा- अगर अब राजभवन बुलाया जाएगा तो मैं नहीं जाऊंगी। अगर राज्यपाल मुझसे बात करना चाहते हैं तो वह मुझे सड़क पर बुला सकते हैं। मैं उनसे वहीं मिलूंगी। उनके पास बैठना भी अब पाप है।

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2 मई 2024 की रात। PM नरेंद्र मोदी कोलकता स्थित राजभवन पहुंचने वाले थे। रात यहीं गुजारकर अगले दिन उन्हें पश्चिम बंगाल के कई चुनावी कार्यक्रमों में शामिल होना था। PM के पहुंचने से कुछ घंटे पहले एक महिला ने आरोप लगाया कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने दो अलग-अलग मौकों पर उसका यौन उत्पीड़न किया है। पूरी खबर पढ़ें…

प.बंगाल के गवर्नर बोस बोले- दीदीगिरी बर्दाश्त नहीं करूंगा, यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कहा- ममता बनर्जी गंदी राजनीति कर रही हैं

पश्चिम बंगाल के गवर्नर आनंद बोस ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों को TMC की साजिश बताया है। सोमवार (6 मई) को केरल दौरे से लौटने के बाद कोलकाता एयरपोर्ट पर आनंद बोस ने कहा- मैं दीदीगिरी बर्दाश्त नहीं करूंगा। ममता बनर्जी राज्य में गंदी राजनीति कर रही है। पूरी खबर पढ़ें…

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