Published On: Mon, Jun 24th, 2024

हरियाणा BJP ने चुनाव प्रभारी को हार की वजहें गिनाईं: कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे, खराब होने पर विधानसभा का टिकट कटेगा; रूठों को मनाएंगे – Haryana News


लोकसभा चुनाव में हरियाणा में 5 सीट हारने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का रुख सख्त हो गया है। विधानसभा चुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहली बैठक में ही मुख्यमंत्री सहित मंत्री, विधायकों को पार्टी नेतृत्व के मंस

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उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए लोकसभा चुनाव में जो गलतियां हुई हैं, उन्हें विधानसभा में दूर कर लिया जाए। जिन विधानसभाओं में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है, वहां बड़े बदलाव किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा 44 विधानसभाओं में ही जीत दर्ज कर पाई थी।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि सूबे के कुछ शहरी क्षेत्र ऐसे भी रहे, जहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इनमें अंबाला सिटी, जगाधरी, रोहतक, आदमपुर, सिरसा शहर जैसी सीटें शामिल हैं।

विधानसभा चुनाव में पुराने फॉर्मूले पर लौटेगी BJP…

माइक्रो मैनेजमेंट पर करेगी फोकस

विधानसभा चुनाव में हरियाणा भाजपा ‘माइक्रो मैनेजमेंट’ के फॉर्मूले पर चलेगी और बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता के घर तक पहुंचेगी। यानी इस बार भाजपा हरियाणा जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। विपक्ष के लिए ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया जाएगा, जिसे भेदना आसान नहीं होगा। भाजपा ने अपने पहले कार्यक्रम में ही संकेत दिए हैं कि इस बार किसी भी दूसरे दल के लिए भाजपा को टक्कर देना इतना आसान नहीं होगा।

जिस तरह केंद्रीय नेताओं ने हर कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री कहा है, उससे साफ है कि इस बार विधानसभा चुनाव में हर कार्यकर्ता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी।

कार्यकर्ताओं को मिलेगी तवज्जो

रविवार को हरियाणा दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि नेता में जो भी कमी हो, वह कमी कार्यकर्ता बताएंगे। कार्यकर्ता के कहने पर फीडबैक लेने के बाद उस कमी को ठीक किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर बड़ा बदलाव करने से भी भाजपा पीछे नही हटेगी। इसका सीधा-सीधा मतलब ये है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा लंगर-लंगोट कसकर मैदान में उतर चुकी है।

सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में मिले फीडबैक के बाद हरियाणा भाजपा में बड़े बदलाव होने तय माने जा रहे हैं।

रूठों को मनाएंगे धर्मेंद्र प्रधान

हरियाणा लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद रिव्यू मीटिगों में यह भी बात सामने आई है कि सूबे में पार्टी की हार में रूठे नेताओं की भी अहम भूमिका रही। जिसके बाद अब केंद्रीय नेतृत्व ने रोहतक में हुई मीटिंग में यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि पार्टी के हर नाराज नेता को मनाया जाएगा। धर्मेंद्र प्रधान ने मंच से ही नाराज अनिल विज की आवाज लगा दी, जिसके बाद उन्होंने विज को मंच पर बुलाकर उन्हें अपने साथ बिठाया।

इस संकेत के बाद कार्यकर्ताओं में यह मैसेज जरूर गया है कि पार्टी में किसी भी नेता की अनदेखी नहीं की जाएगी।

चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान रविवार को हरियाणा दौरे पर थे। रोहतक से उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंका।

चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान रविवार को हरियाणा दौरे पर थे। रोहतक से उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंका।

अब यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन

11.06% वोट शेयर घटा

हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है।

रिजर्व सीटों पर BJP का बुरा हाल

हरियाणा में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से मात्र 4 सीटों पर ही BJP को जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। AAP ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं।

AAP ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि BJP ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं।

इन मंत्रियों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी

भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई।

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