Published On: Wed, May 28th, 2025

हरियाणा में बना बिना बूथ वाला टोल प्लाजा: कर्मचारी भी तैनात नहीं, 50 मीटर करीब आते ही कटेगा टोल टैक्स; 9 हजार करोड़ से बनी रोड – gurugram News

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गुरुग्राम में तैयार किया मानव रहित टोल प्लाजा।

हरियाणा के गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस वे पर मानव रहित टोल प्लाजा बनकर तैयार है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की ओर से गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर बजघेड़ा में इसके संचालन की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही आज यानी बुधवार से एयरपोर्ट से

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हालांकि अभी तक NHAI की ओर से ₹9,000 करोड़ की लागत से निर्मित द्वारका एक्सप्रेसवे पर बनाए गए इस टोल प्लाजा पर शुल्क की घोषणा नहीं की गई। मगर, माना जा रहा है कि इस प्रीमियम एक्सप्रेसवे पर दरें दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की तरह हो सकती हैं, जहां प्रति किलोमीटर 2 रुपए से अधिक शुल्क है।

बता दें कि यह टोल प्लाजा हरियाणा का दूसरा मानव रहित टोल प्लाजा है। इससे पहले सोनीपत में मानव रहित टोल प्लाजा की शुरुआत हो चुकी है। स्वचालित टोल सिस्टम से जहां टोल वसूली में पारदर्शिता और तेजी आएगी, वहीं बिना रुके सफर करने से समय की बचत होगी।

गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर बजघेड़ा टोल प्लाजा पर लगाया गया वाहन शुल्क का बोर्ड।

गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर बजघेड़ा टोल प्लाजा पर लगाया गया वाहन शुल्क का बोर्ड।

यहां जानिए मानव रहित टोल प्लाजा की खासियतें…

  • एडवांस टोल मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा गया : सामान्य टोल प्लाजा पर लगे बूम की जगह यहां मॉडर्न सेंसर युक्त बूम बैरियर इंस्टॉल किए गए हैं, जिसे एडवांस टोल मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा गया है। जैसे ही वाहन इन सेंसर की रेंज में पहुंचेगा तो फास्टैग से शुल्क कट जाएगा और वाहन के पहुंचने से पहले ही बूम बैरियर उठ जाएंगे। सभी एक्जिट और एंट्री पॉइंट पर भी सेंसर लगेंगे। नया सिस्टम पूरी तरह से मानव रहित है और प्रत्येक लेन में हाई रेजोल्यूशन कैमरे और सेंसर लगाए गए हैं, जिनकी रेंज करीब 50 मीटर है यानी इस दूरी में आते ही एक भी गाड़ी बिना टोल शुल्क के नहीं निकल सकेगी।
  • प्रत्येक गाड़ी की एक यूनिक आईडी जनरेट होगी : स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली पर भी काम किया गया है, जिसके बाद फास्टैग और बूम बैरियर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी यानी टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा। इस तकनीक के जरिए हाईवे पर चढ़ते ही प्रत्येक गाड़ी की एक यूनिक आईडी जनरेट होगी। जैसे ही यह गाड़ी टोल प्लाजा के सेंसर की रेंज में आएगी तो टोल शुल्क का भुगतान बैंक खाते से हो जाएगा। हालांकि यह सुविधा टोल के पूरी तरह से स्वचालित होने के बाद ही शुरू होगी।
  • कंट्रोल रूम में इंजीनियर रहेगा तैनात : एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही टोल प्लाजा पूरी तरह स्वचालित हो जाएगा, यहां बनाए गए कंट्रोल रूम में इंजीनियर की ड्यूटी रहेगी। किसी तरह की तकनीकी खामी होती है तो उसे तुरंत ठीक किया जाएगा। यहां मैनुअल कुछ भी नहीं होगा। फिलहाल कुछ समय तक दोनों तरफ एक-एक लेन कैश की रखी गई है, लेकिन बाद में इसे भी बंद किया जाएगा।
  • अभी टोल भुगतान धीमा, लगती है काफी देरी बजघेड़ा टोल प्लाजा पर पुराने जमाने का टोल बूथ था। ​​​ जहां पर एक कर्मचारी की तैनाती की जाती थी। नंबर प्लेट रीडर कैमरे और सेंसर लगे हुए थे। कैमरे और सेंसर से फास्टैग से टोल शुल्क कटता था, जिसके बाद बूम बैरियर खुलते थे। इस प्रक्रिया में टाइम लगता है। कई बार तो फास्टैग स्कैन नहीं होता था और मैनुअल तरीके से इसे स्कैन करना पड़ता था। बिना फास्टैग लगे वाहन भी टोल चुकाए बिना भी निकल जाते थे।
द्वारका एक्सप्रेसवे का ड्रोन व्यू।

द्वारका एक्सप्रेसवे का ड्रोन व्यू।

अब जानिए द्वारका एक्सप्रेसवे की खासियतें…

दिल्ली के महिपालपुर को गुरुग्राम से जोड़ेगा 29 किलोमीटर लंबा द्वारका एक्सप्रेसवे, जिसे उत्तरी परिधीय सड़क (NPR) भी कहते हैं, दिल्ली के महिपालपुर को गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा से जोड़ता है। ये एक्सप्रेसवे 18.9 किलोमीटर हरियाणा में और 10.1 किलोमीटर दिल्ली में है।

हवाई अड्‌डे से सेक्टर-21 तक सीधी कनेक्टिविटी यह एक्सप्रेसवे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाई अड्डे (IGIA) और द्वारका सेक्टर 21 रेलवे स्टेशन तक सीधी कनेक्टिविटी देता है। 2007 में इसकी नींव रखी गई थी, लेकिन कई कारणों से इसमें देरी हुई। अब यह ₹9,000 करोड़ की लागत से तैयार हो चुका है। इसमें भूमि अधिग्रहण, निर्माण और मॉडर्न तकनीकों का खर्च शामिल है।

भारत की पहली 8-लेन एलिवेटेड सड़क भारत का पहला 8-लेन शहरी एलिवेटेड एक्सप्रेसवे है, जिसमें 75% हिस्सा (लगभग 21.4 किमी) एलिवेटेड है। 19 किमी गुरुग्राम खंड में 8-लेन फ्लाईओवर सिंगल पिलर पर बना है, जो जमीन की बचत करता है। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाई अड्डे (IGI) के टर्मिनल 3 तक 3.6 किमी लंबी 8-लेन टनल भी है, जो भारत में सबसे लंबी और चौड़ी है।

20 से ज्यादा फ्लाईओवर और पुल इसके अलावा इस एक्सप्रेस में कई अन्य विशेषताएं हैं, जिनमें 20 से ज्यादा फ्लाईओवर और पुल हैं। 2 रेल ओवरब्रिज/अंडरपास हैं। 11 वाहन अंडरपास बनाए गए हैं, ताकि वाहनों की आवाजाही सरलता से हो। 20 भूमिगत पैदल यात्री क्रॉसिंग है। इसके अलावा 2.5 मीटर चौड़ा साइकिल/बाइक पथ भी बनाया गया है।

गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस वे।

गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस वे।

द्वारका एक्सप्रेस वे से ये मिलेंगे लाभ…

ट्रैफिक भीड़ में कमी और समय की बचत होगी द्वारका एक्सप्रेस वे के कारण दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे (NH-48) पर ट्रैफिक 30-50% तक कम होगा, क्योंकि यह वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है। इसके अलावा दिल्ली के महिपालपुर और गुरुग्राम के खेरकी दौला के बीच सफर भी आसान होगा। द्वारका से मानेसर तक की यात्रा 15 मिनट और मानेसर से IGI हवाई अड्डा (टर्मिनल 3) तक 20 मिनट में सफर पूरा हो सकेगा।

कनेक्टिविटी में सुधार होगा द्वारका एक्सप्रेस वे ​​​​​​से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, सेंट्रल परिधीय सड़क (CPR), और दक्षिणी परिधीय सड़क (SPR) से सीधा कनेक्शन है। न्यू गुरुग्राम (सेक्टर 36, 37, 104, 106, 109) और दिल्ली के द्वारका को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। 3.6 किमी की ब्लास्ट-प्रूफ टनल से हवाई अड्डे तक सीधी और तेज पहुंच होगी। यह दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यात्रा समय को 45 मिनट से एक घंटे तक कम करेगा।

आर्थिक गलियारा साबित होगा द्वारका एक्सप्रेस वे से न्यू पालम विहार और गुरुग्राम के आसपास के क्षेत्रों में आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। सेक्टर 104, 106, 109 में प्रॉपर्टी की मांग और कीमतों में वृद्धि होगी। इसके अलावा गुरुग्राम में व्यापार और उद्योगों के लिए बेहतर लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी साबित होगा। मानेसर और सोहना जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।



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