Published On: Mon, May 26th, 2025

हरियाणा में फर्जी डिग्री स्कैम मास्टरमाइंड की करोड़ों की कोठी: सपना चौधरी शूटिंग कर चुकी, लग्जरी लाइफ का शौकीन; कंप्यूटर सेंटर संचालक कैसे करोड़पति बना – Faridabad News

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मोनाड यूनिवर्सिटी में फर्जी मार्कशीट और डिग्रियों की सप्लाई करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड संदीप सहरावत और उसकी पलवल में आलीशान कोठी।

हरियाणा के पलवल का रहने वाला संदीप सहरावत, उत्तर प्रदेश के हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी में फर्जी मार्कशीट और डिग्रियों की सप्लाई करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड है और फिलहाल यूपी STF की गिरफ्त में है। उसके गिरोह का भंडाफोड़ हो चुका है, जिसमें यूनिवर्स

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हरियाणा के अलावा यूपी, राजस्थान, दिल्ली सहित कई राज्यों में इस गिरोह को चलाने वाला संदीप अपनी काली कमाई की शान-ओ-शौकत दिखाता था। VIP जिंदगी जीने वाला संदीप सहरावत खुद को बिजनेसमैन बताता था।

पलवल के चिरावड़ी गांव में कई एकड़ में बनी उसकी आलीशान कोठी, फुल बॉडी स्कैनर जैसे हाई सिक्योरिटी सिस्टम, अंदर खड़ी लग्जरी गाड़ियां और चप्पे-चप्पे पर लगे CCTV कैमरे, उसकी काली कमाई की कहानी बयां करते हैं। बताया जाता है कि उसकी कोठी में सपना चौधरी भी अपने गाने की शूटिंग कर चुकी हैं।

मात्र 12वीं क्लास तक पढ़े संदीप ने कुछ साल में ही अकूत संपत्ति हासिल कर ली थी। एक छोटा सा कंप्यूटर सेंटर चलाने वाला कैसे फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां बनाने वाले गिरोह का सूत्रधार बना? दैनिक भास्कर की पूरी रिपोर्ट पढ़ें…

3 पॉइंट में जानिए कौन है संदीप सहरावत….

  • पिता किसान थे, 12वीं तक ही पढ़ाई: संदीप सहरावत मूल रूप से पलवल के भमरौला गांव का रहने वाला है। गांव के लोगों के मुताबिक संदीप के पिता बिजेंद्र एक किसान थे। हाल में ही उनका स्वर्गवास हुआ है। संदीप का एक बड़ा भाई है और एक बहन है। संदीप ने केवल 12वीं तक ही पढ़ाई की है। इसके बाद उसने आगे की पढ़ाई नहीं की। इधर-उधर काम करता रहता, लेकिन धंधा जमा नहीं। फिर संदीप ने कंप्यूटर डिप्लोमा किया।
  • कंप्यूटर सेंटर खोला, मार्कशीट बनाने का काम शुरू: गांव के लोगों के मुताबिक करीब 15 साल पहले संदीप ने हथीन में एक कंप्यूटर सेंटर खोला था, जिसके साथ वह बच्चों को नकली मार्कशीट और बोर्ड के पेपर में पास करवाने के पैसे लेने लगा। संदीप का ये काला धंधा धीरे-धीरे चल निकला और उसने हथीन से सेंटर को बंद करके बल्लभगढ़ में खोल लिया। इसके बाद उसने यहां पर अपना जाल फैलाया और दूसरे लोगों को भी इस काम में शामिल किया।
  • पकड़ा गया, छूटते ही खुद का काम शुरू किया: STF के सूत्रों के मानें तो संदीप ने धीरे-धीरे अपने काम को फैला लिया। संदीप पहले दिल्ली के रोशनलाल गिरोह के साथ काम करता था । मगर, पकड़े जाने के बाद जमानत पर छूटते ही संदीप ने बल्लभगढ़ के मुकेश कुमार के साथ मिलकर खुद का काम शुरू कर दिया। मुकेश प्रिटिंग प्रेस चलाता था, जो फर्जी मार्कशीट और डिग्रियों की छपाई करता था।
हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी और उसके चांसलर विजेंद्र सिंह हुड्‌डा।

हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी और उसके चांसलर विजेंद्र सिंह हुड्‌डा।

3 पॉइंट्स में जानिए कैसे पकड़ा गया संदीप…

1. PHD की फर्जी डिग्री से पाई नौकरी STFके सूत्रों ने बताया हरियाणा की एक यूनिवर्सिटी में एक शख्स की नौकरी लगी। उसने जो PHD की डिग्री लगाई, वो मोनाड यूनिवर्सिटी हापुड़ से थी। जांच में ये डिग्री फर्जी पाई गई। ये शिकायत STF लखनऊ को हुई। STF मुख्यालय ने मामले की जांच मेरठ टीम को नहीं दी, बल्कि लखनऊ टीम से ही ये पूरा ऑपरेशन वर्कआउट कराया। 17 मई को यूपी STFने संदीप को सूचना के आधार पर गिरफ्तार कर लिया।

2. अब तक 11 की हो चुकी गिरफ्तारी संदीप से पूछताछ करने पर पुलिस ने कुछ और लोगों को पकड़ा है। इनमें मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा, चांसलर नितिन कुमार सिंह, चेयरमैन के पीए मुकेश ठाकुर, वेरिफिकेशन डिपार्टमेंट के हेड गौरव शर्मा, एडमिशन डायरेक्टर इमरान, अकाउंटेंट अनिल बत्रा, वेरिफिकेशन डिपार्टमेंट के हेड विपुल ताल्यान, कुलदीप और सनी कश्यप शामिल हैं। इन सभी को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद बल्लभगढ़ से मुकेश कुमार नाम के एक और आरोपी को पकड़ा गया। इस मामले में अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

3. पांच हजार में छपाई, 4-4 लाख में बेची फर्जी मार्कशीट संदीप ने STF को बताया कि वह हरियाणा में फर्जी मार्कशीट छापता है और उसे एक मार्कशीट के बदले 5 हजार रुपए मिलते हैं। संदीप के पास से बीए, बीएससी की कुल 8 फर्जी मार्कशीट मिली हैं। उसका एक साथी राजेश है, जिसका काम छपी हुई फर्जी मार्कशीटें यूनिवर्सिटी तक पहुंचाना है। यूनिवर्सिटी ये फर्जी मार्कशीट 50 हजार से लेकर 4 लाख रुपए तक में स्टूडेंट्स को बेचती थी। संदीप के तार यूपी, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली सहित कई राज्यों में जुड़े हुए हैं। यूपी STFको अपनी जांच के दौरान इस गिरोह के पास से 1300 से ज्यादा फर्जी मार्कशीट-डिग्रियां रिकवर हुई हैं। STFअब जांच कर रही है कि ये फर्जी मार्कशीट-डिग्रियां किन-किन लोगों को बेची गई हैं।

पलवल के गांव चिरावड़ी में संदीप सहरावत की कोठी।

पलवल के गांव चिरावड़ी में संदीप सहरावत की कोठी।

अब जानिए संदीप की लग्जरी लाइफ के बारे में…

2014 में बनाई कई एकड़ में शानदार कोठी गांववालों के अनुसार, संदीप ने इस गैर-कानूनी धंधे की कमाई से पलवल में अपने लिए साल 2014 में कई एकड़ में एक शानदार कोठी बनाई। यह कोठी गांव चिरवाड़ी के पास घोड़ी रोड पर है। इस जैसी कोठी आसपास के इलाके में नहीं है। कोठी पर सुरक्षा को लेकर एक वीआईपी के घर से भी ज्यादा इंतजाम किए गए हैं। वह फॉर्च्यूनर समेत तीन से चार लग्जरी गाड़ियों से चलता था।

गांव की लड़की से की लव मैरिज गांववालों के मुताबिक, संदीप आमतौर पर बाहर ही रहता है, यहां पर उसकी पत्नी दो बच्चों के साथ रहती है। संदीप ने अपने गांव की लड़की के साथ लव मैरिज की थी, जिसको लेकर बहुत बवाल मचा था, जिसके बाद साल 2014 में संदीप यहां पर शिफ्ट हो गया था। कोठी के बाहर पूरी बॉडी को स्कैन करने वाले कैमरे लगे हैं। आरोपी की कोठी के चारों ओर हाई रेजोल्यूशन वाले कैमरे लगाए गए हैं। मेन गेट पर बॉडी स्कैनर तक लगवा रखा है, जिसकी मॉनिटरिंग संदीप की पत्नी करती है। उसकी अनुमति के बगैर कोई अंदर घुस नहीं सकता।

हरियाणवीं फिल्मों की हो चुकी है यहां शूटिंग ग्रामीणों ने बताया कि संदीप की कोठी में कई हरियाणवीं फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। फेमस लोक कलाकार सपना चौधरी भी यहां आ चुकी हैं। उन्होंने अपने गाने की शूटिंग यहां की थी। कोठी की दीवारों को इतना ऊंचा बनाया गया है कि आने-जाने वाले को कुछ नजर नहीं आता।

कौन है विजेंद्र सिंह हुड्डा?

एक हलफनामे के अनुसार- 46 साल का विजेंद्र सिंह हुड्डा मेरठ में शिवलोकपुरी का रहने वाला है। हालांकि, STF की FIR कॉपी में उसका एड्रेस मेरठ के सिल्वरपुरी को दिखाया गया है। जबकि वह रहता मेरठ के गंगानगर क्षेत्र स्थित डिफेंस कॉलोनी में है। इसी पॉश कॉलोनी में मेरठ के सांसद अरुण गोविल समेत तमाम VIP रहते हैं।

साल- 2017 के आसपास तक विजेंद्र हुड्डा कई मीडिया हाउस में शेयर होल्डर की भूमिका में रहा। साल-2018 में विजेंद्र हुड्डा का बसपा नेता संजय भाटी से संपर्क हुआ और बाइक बोट कंपनी खोल ली। इसमें वह कई हजार करोड़ का घपला करके भाग निकला। सालभर से ज्यादा वक्त तक विजेंद्र हुड्डा ने लंदन में फरारी बिताई। इस दौरान उस पर इनाम भी घोषित हुआ। कोर्ट से राहत मिलने के बाद विजेंद्र हुड्डा ने पॉलिटिक्स में हाथ आजमाया।

साल-2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुड्डा ने लोकदल (राष्ट्रीय लोकदल नहीं) जॉइन कर ली। लेकिन, ऐन वक्त पर उसने बसपा के टिकट पर बिजनौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। यहां उसे करारी हार मिली। फिलहाल विजेंद्र हुड्डा हापुड़ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी का चांसलर है। हालांकि यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में उसका कहीं कोई जिक्र नहीं है। हुड्डा के कई और भी कॉलेज हैं। अब वह मेरठ में एक नया कॉलेज खोलने की तैयारी कर रहा था।



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