हरियाणा के हर विभाग में नोडल अफसरों की नियुक्ति होगी: पेडिंग केसों की डेली मॉनिटरिंग करेंगे; लिटिगेशन पॉलिसी में प्रस्ताव, 27 मई को मीटिंग बुलाई – Haryana News

हरियाणा की अदालतों में पेडिंग केसों की बढ़ती संख्यसा को देखते हुए सरकार ने लिटिगेशन पॉलिसी लाने जा रही है। इसका ड्राफ्ट लगभग तैयार कर लिया गया है। पॉलिसी के तहत हर विभाग में लीगल बैकग्राउंड वाले नोडल अफसरों की नियुक्ति की जाएगी। यह नियुक्ति राज्य और ज
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इस पॉलिसी के जरिए प्रदेश के लोगों के अधिकारों को सुरक्षित किया जाएगा साथ ही सरकार के द्वारा प्रभावी और जिम्मेवार शिकायत निवारण तंत्र को बनाना है। इस नई पॉलिसी के जरिए सभी विभाग जो पब्लिक सेक्टर हैं, इससे जोड़ेगी। इस पॉलिसी के तहत जो भी विभाग इससे जुड़ेंगे उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
27 मई को मीटिंग बुलाई
लिटिगेशन पॉलसी को फाइनल बनाने के लिए 27 मई को एक बुलाई गई है। इस मीटिंग में पॉलिसी के ड्रॉफ्ट को फाइनल किया जाएगा। इस मीटिंग की अध्यक्षता मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी करेंगे। लिटिगेशन पॉलिसी के तहत किसी महकमें में समयबद्ध तरीके से केसों को निपटाने का काम किया जाएगा।
इस पॉलिसी को लागू करने के लिए सरकार में चीफ सेक्रेटरी ऑफिस, एजी ऑफिस, लॉ एंड लेजिसलेटिव डिपार्टमेंट, होम डिपार्टमेंट, पब्लिक सेक्टर डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष, लॉ अफसर, डिपार्टमेंट आफ प्रोसिक्यूशन शामिल हैं।
थ्री लेयर बनाया गया प्रपोजल
इस पॉलिसी को इम्प्लीमेंट करने का जो प्रस्ताव किया गया है वह तीन स्तरीय है। स्टेट लेवल एमपावर्ड कमेटी, डिपार्टमेंट लेवल एमपावर्ड कमेटी, डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी को शामिल किया गया है। ये कमेटियां अपने अपने अधिकार क्षेत्रों में पड़ने वाले लीगल केसों की मॉनिटरिंग करेंगी। जो डिस्ट्रिक्ट लेवल एमपावर्ड कमेटी हर महीने अपनी रिपोर्ट देंगे।
डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी को डीसी हेड करेगा। डिपार्टमेंट एमपावर्ड कमेटी का गठन प्रशासकीय सचिव की अध्यक्षता में किया जाएगा। स्टेट लेवल एमपावर्ड कमेटी को चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में बनाई जाएगी। एडवोकेट जनरल ऑफिस का भी इस कमेटी में इन्वाल्वमेंट रहेगा।
शिकायतों पर 7 दिन में शुरू करनी होगी कार्रवाई
इस पॉलिसी में प्रस्ताव किया गया है कि सभी विभाग शिकायत निवारण कमेटियां गठित करेंगी। ताकि जो अनावश्यक रूप से कानूनी केस हैं उनसे बचा जो सके। कमेटी यह भी तय करेगी कि लोगों की शिकायत को गंभीरता से निपटारा हो। जिससे भविष्य में सरकार को कानूनी दिक्कतें न आएं। पॉलिसी के नोटिफिकेशन के बाद 14 दिन के भीतर ही इन कमेटियों का गठन किया जाएगा। कमेटी को जो भी शिकायत मिलेगी उस पर सात दिन में कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके साथ ही कमेटी 30 दिन के भीतर जो भी केस से संबंधित सिफारिश है उसे उच्चाधिकाारियों को भेजेगी।
कमेटियां ये भी सुनिश्चत करेंगी कि विभागों में जो भी पेडिंग केस हैं उनको लोक अदालत में लाया जाए और उनका निस्तारण कराया जाए।
यहां पढ़िए कौन होगा नोडल अधिकारी और क्या होंगे उसके काम…
1. ये होगी नोडल ऑफिसर की योग्यता
सरकार के प्रत्येक विभाग में लॉ बैक ग्राउंड और स्पेशलिस्ट एक सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर होगा, जिसे इस पॉलिसी के तहत नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया जाएगा। नोडल अधिकारी की नियुक्ति राज्य स्तर और जिला स्तर पर की जाएगी। वह अदालती मामलों के एक्टिव मैनेजमेंट और अदालती मामलों की कार्यवाही की निरंतर निगरानी के लिए जिम्मेदार होगा और यह सुनिश्चित करेगा कि विभिन्न अदालतों में मामलों के संचालन में विभाग की ओर से कोई देरी न हो।
2. ये होंगे नोडल अधिकारी के काम…
– प्रत्येक रिट या नोटिस पर विचार कर कर्मचारी या आमजन को प्रत्युत्तर देगा। इसके अलावा AG ऑफिस से कानूनी नोटिस, याचिकाएं, पत्र संबंधित नोडल अधिकारी को भेजे जाएंगे, जो संबंधित प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्ष के ध्यान में लाने के लिए जिम्मेदार होंगे।
– इसके बाद आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए अपील, रिट याचिका, नागरिक संशोधन, नियमित द्वितीय अपील, सेटलमेंट मामले या राज्य सरकार की ओर से कोई अन्य मामला दायर करने के लिए मंजूरी जारी की जा सके।
– इससे प्रक्रियात्मक देरी से बचने के लिए सीधे कानून कार्यालय और विधायी, प्रशासनिक सचिवों के साथ बातचीत की जा सकेगी। न्यायालयों से आदेश प्राप्त होने पर वह सुनिश्चित करेगा कि सभी कागजात संबंधित अधिकारियों को उत्तर दाखिल करने के लिए शीघ्रता से भेजे जाएं।
– इसके अलावा वह समय-सीमा बताएगा जिसके भीतर कार्रवाई की जानी है और कार्रवाई न होने की स्थिति में वह संबंधित अधिकारियों के सामने उस मामले को उठाएगा।
– नोडल अफसर हर 15 दिन में मामलों की समीक्षा करेगा। इनमें उत्तर दाखिल करना और न्यायालय के आदेशों, निर्देशों पर काम करने के साथ ही एलपीए, एसएलपी, आरएसए, एफएओ, आरएफए और सीआर दाखिल करेगा।