हरियाणा के गुरुकुल वाले गांवों में नहीं खुलेंगे शराब ठेके: कीमतों में 15% का इजाफा, शहर में कालेजों से घटी दूरी, 500 से कम आबादी में नहीं होगा ठेका – Rewari News

हरियाणा के उन गांवों में शराब ठेके नहीं खोले जाएंगे, जहां पर गुरुकुल चल रहे हैं। आबकारी विभाग की नई एक्साइज पॉलिसी में इसका प्रावधान किया गया है। गुरुकुल शिक्षा में शराब को व्यसन बताते हुए उससे दूर रहने की बात कही जाती है। आर्य जगत के लोगों द्वारा भी
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हरियाणा के शहरों में कालेजों से शराब ठेकों की दूरी अब कम हो गई है। पहले कालेज से 150 मीटर की दूरी तक शराब ठेका नहीं खोला जा सकता था, लेकिन अब यह दूरी घटकर केवल 75 मीटर रह गई है। प्रदेश के ग्रामीण एरिया के 2 किलोमीटर में केवल 1 शराब ठेका ही खोला जाएगा। इस दूरी में कोई दूसरी सब ब्रांच भी नहीं खोली जा सकती। उसके लिए भी इससे अधिक दूरी चाहिए। वहीं शराब ठेका गांव की बाहरी फिरनी से 100 मीटर की दूरी पर होगा। फिर भी अगर कोई घर नजदीक आता है तो उसके मुखिया से एनओसी लेनी होगी।
अंग्रेजी शराब के रेट कर 15% तक बढ़ जाएंगे, क्योंकि इस बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है और ठेकों की रिजर्व प्राइस में भी इजाफा हुआ है जिस कारण अंग्रेजी शराब के रेट में करीब 15% तक का इजाफा होगा।

500 से कम आबादी में नहीं खुलेगा ठेका
500 से कम आबादी वाले गांवों में शराब ठेका नहीं खुलेगा। 500 से 5 हजार की आबादी तक एक ठेका खोला जा सकता है। अगर आबादी 5 हजार से अधिक होती है तो दूसरा ठेका भी उस गांव में खुल सकता है। 500 से 1000 आबादी के लिए लाइसेंस फीस 3 लाख रुपए, 1000 से 10000 तक 5 लाख रुपए तथा 10001 से अधिक के लिए 7 लाख रुपए लाइसेंस फीस देनी होगी।
शराबबंदी के लिए नियम विभाग के नियमों के अनुसार जिस भी गांव में बीते 2 साल में एक बार भी अवैध शराब की बिक्री का मामला पकड़ा गया तो शराब ठेका बंद करने की अनुमति नहीं मिलेगी। अगर गांव में एक भी केस नहीं है तो ग्राम सभा का प्रस्ताव पास कर आबकारी विभाग को भेजना होगा, उसके बाद ही उस पर विचार किया जाएगा।
सुबह 8 से रात 11 बजे तक बेच सकेंगे शराब
हरियाणा के ग्रामीण एरिया में शराब ठेकेदार अप्रैल से अक्टूबर तक सुबह 8 से रात 11 बजे तक तथा नवंबर से मार्च तक सुबह 8 से रात 10 बजे तक शराब बेच सकेंगे। वहीं शहरी एरिया में सुबह 8 से रात 12 बजे तक शराब बिक्री पर कोई रोक नहीं है।

DSP से कम पुलिस अधिकारी नहीं कर सकेगा जांच
किसी भी लाइसेंसशुदा शराब ठेके पर कोई पुलिसकर्मी जांच के लिए नहीं जा सकेगा। अगर किसी केस में जांच के लिए जाना होगा तो DSP रैंक का अधिकारी शराब ठेके पर जाएगा। जिसके साथ एक्साइज विभाग का AETO साथ रहेगा। पूरी जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवानी होगी। जिसकी एक कॉपी 7 दिन में DETC ऑफिस को सौंपी जाएगी।
एडवांस सिक्योरिटी में कमी
शराब का ठेका आवंटन के दिन जमा की जाने वाली एडवांस सिक्योरिटी मनी को बोली राशि के 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया गया है। समग्र सुरक्षा राशि की आवश्यकता क्षेत्र के लिए लाइसेंस शुल्क के 15 प्रतिशत से संशोधित कर कुल सुरक्षा राशि को 11 प्रतिशत कर दिया गया है। बोलीदाता अब बोली राशि का केवल 5 प्रतिशत सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा करने के बाद कोटा उठाना शुरू कर सकते हैं, जो कि पहले 7 प्रतिशत था। लाइसेंस शुल्क का 91 प्रतिशत अब मासिक किस्त में देय है, शेष 9 प्रतिशत पॉलिसी वर्ष के अंतिम दो महीनों में जमा की गई सुरक्षा राशि से समायोजित किया जाएगा।