Published On: Wed, Nov 20th, 2024

सेंटर संचालक की SSC के फ्लाईंग ऑब्जर्वर से थी सांठगांठ: एग्जाम को-ऑर्डिनेटर ने सेंटर की पकड़ी थी गड़बड़ियां; फर्जी कैंडिडेट को 80 से 1.50 लाख रुपए मिलते – Purnia News


पूर्णिया में SSC एमटीएस परीक्षा सेंटर पर पुलिस ने रेड कर 35 फर्जी अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था। अब इस मामले में नया मामला सामना आया है। सेंटर संचालक वैशाली का विवेक, कटिहार का रौशन और नालंद का राहुल राज, इन तीनों की SSC की तरफ से बहाल सेंटर के फ्ल

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इसी की मदद से 3 लाख रुपए देकर तीनों मालिकों को सेंटर मिला। हर कैंडिडेट से 10 लाख रुपए डील हुई थी।

इसमें 5 लाख रुपए पहले जबकि बाकी के रकम परीक्षा पास होने के बाद देने थे। बाकी के 5 लाख मेरिट लिस्ट बनने के बाद देने थे। एग्जाम में बैठने के लिए फर्जी कैंडिडेट को 80 से 1.50 लाख तक दिए जाने थे। हालांकि सेंटर संचालक और उसके पार्टनर के अलावा फ्लाइंग ऑब्जर्बर को इसमें से कितने रुपए मिलते इसका अब तक पता नहीं चल सका है।

कर्मियों की मदद से फर्जी छात्रों को सेंटर में घुसाया गया था। आधार कार्ड, एडमिट कार्ड में छेड़‌छाड़ किया था। ऑरिजिनल कैंडिडेट की जगह अपना फोटो एडमिट कार्ड पर लगा लिया था। फर्जीवाड़े का खुलासा सेंटर पर बहाल को-ऑर्डिनेटर की मदद से हुआ। जिसने पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी।

मामला सदर थाना क्षेत्र के गुलाबबाग के हसदा रोड जीरो माइल स्थित पूर्णिया डिजिटल ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर का है।

सूचना के आधे घंट के बाद पहुंची पुलिस

सेंटर के समन्वयक सुरेश प्रसाद यादव ने पुलिस को बताया है कि SSC की ओर से नवंबर 4, 5, 11, 12, 13 और 14 नवंबर को सेंटर पर ड्यूटी लगाई गई थी। 13 नवंबर को ड्यूटी के दौरान मुझे सेंटर पर बैठे कैंडिडेट और स्टाफ की गतिविधि देखकर संदेह हुआ। सेंटर के आगे से डायल-112 की पुलिस जा रही थी। 4:30 बजे मैंने उन्हें सूचना दी कि SSC की परीक्षा में गड़बड़ी हो रही।

ठीक आधे घंटे बाद शाम करीब 5 बजे सदर थाना की पुलिस परीक्षा केंद्र पर पहुंची।

5:30 बजे परीक्षा खत्म होते ही पुलिस ने सेंटर का मुख्य दरवाजा बंद कर दिया। इसी बीच साइबर थाना और मरंगा थाना के अलावा आस-पास के कई थाने से पुलिस ऑफिसर सेंटर पर पहुंच गए। समन्वयक और पुलिस ऑफिसर ने बारी-बारी से कैंडिडेट के बायोमेट्रिक मिलान किया।

इसमें ऑरिजनल कैंडिडेट की जगह पर एग्जाम देने वाले 12 फर्जी कैंडिडेट पकड़े गए। इनके पास फर्जी एडमिट कार्ड, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मिले।

कैंडिडेट की जगह अपनी फोटो लगाई

फर्जी छात्रों में पटना के मनेर निवासी मंजीत कुमार 32, दिवाकर कुमार 25 (नालंदा), अभिषेक कुमार 27 ( मनेर, पटना), धर्मवीर कुमार 28 (नालंदा), मनदीप कुमार 32 (गया), अमर कुमार 27 (नालंदा), बिकांत कुमार 34 (नालंदा), राजन सिंह 26 (रांची), दीपू कुमार 27 (नालंदा), अमित कुमार 28 (पटना), दीपक कुमार 25 (अरवल), नीतिश कुमार 28 (नालंदा) शामिल है।

जिन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में इन्होंने बताया कि वे फर्जी छात्र हैं दूसरे के बदले में परीक्षा देने आये थे। उनलोगों ने आधार कार्ड, एडमिट कार्ड में छेड़‌छाड़ किया। साथ ही ऑरिजिनल कैंडिडेट की जगह अपना फोटो एडमिट कार्ड पर लगा लिया था। ओरिजिनल कैंडिडेट बगल के कमरे में बैठे थे।

सात स्टाप को किया था गिरफ्तार

बगल के फ्लैट में पुलिस पहुंची। कमरे में ऑरिजिनल कैंडिडेट बैठे मिले। यहीं से एग्जाम हॉल में In-Out का बायोमेट्रिक किया जा रहा था। एक्जाम हॉल में एंट्री से पहले सेंटर के मालिक विवेक कुमार और उनका पार्टनर रौशन कुमार, राहुल राज और कुछ अन्य सहयोगियों की मदद से एडमिट कार्ड का रॉल नंबर सेंटर के कर्मी को उपलब्ध कराया गया।

इसके बाद वे सभी सेंटर पर बहाल आशीष मिश्रा (सारण), शंकर कुमार पटेल (कटिहार), सोनू कुमार (पटना), बब्लू कुमार (नालंदा), प्रियांशु कुमार रंजन (आलमगंज ,पटना), बिक्की (नालंदा), और सातवें स्टाफ आदित्य कुमार अमन (अररिया) के सहयोग से फर्जी तरीके से एग्जाम सेंटर में फर्जी कैंडिडेट दाखिल हो गए।

पुलिस ने इसके बाद सभी 7 स्टाफ को अरेस्ट कर लिया। ऑरिजिनल कैंडिडेट और फर्जी कैंडिडेट को सेंटर तक पहुंचाने वाले दो लोगों को सेंटर से भागने के क्रम में पकड़ा गया। ये लोग सेंटर के मालिक के करीबी थे।

फर्जी कैंडिडेट ने इनकी पहचान रौशन कुमार (बेलसर, वैशाली), कुणाल कुमार (लखीसराय) के रूप में की।

गालाबबाग के होटल में ठहरे थे कैंडिडेट

फर्जी कैंडिडेट्स ने बताया कि सेंटर संचालक विवेक कुमार (बेलसर, वैशाली), पार्टनर रौशन कुमार (डुमर, कटिहार), राहुल राज (नूरनाराथ, नालंदा) ने हमलोगों को सेंटर तक पहुंचाया। इनके ठहरने का इंतजाम गुलाबबाग के होटल शाइन में था।

ओरिजिनल कैंडिडेट एग्जाम हॉल के बगल की बिल्डिंग के जिस फ्लैट में बैठे थे वो फ्लैट सुरेश चन्द्र साहा के नाम से रजिस्टर्ड है। बायोमेट्रिक से छेड़छाड़ किया गया था। इस कमरे में 14 ऑरिजिनल कैंडिडेट पाए गए।

ऑरिजिनल कैंडिडेट में रविरंजन कुमार 29 जनदाहा (वैशाली), बिकाश कुमार 25 (सुपौल), संदीप कुमार 29 (वैशाली), मो. तैय्यब अंसारी 30 (भोजपुर), इजमामुल हक 23 (मुंगेर), छोटू कुमार 25 (नालंदा), रूपेश कुमार 23 (खगड़िया), धर्मेन्द्र कुमार 31 (जहानाबाद), आकाश कुमार 23 (लखीसराय), धीरज कुमार 28 (वैशाली), अभिषेक कुमार 20 (वैशाली), प्रिंस कुमार 25 (वैशाली), रजनीश कुमार 27 (नालंदा), संजीत कुमार 25 (पटना) को गिरफ्तार किया गया।

फ्लैट से फर्जीवाड़ा में इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस नेटवर्क वायर को जब्क किया गया। फ्लैट के बाहर लगी गाड़ी में कई सारे एटीएम, 60,000 रुपए चेक और 4 लाख 20 हजार 400 रुपए कैश बरामद किया गया।

सेंटर के आगे रेड के दौरान तैनात जवान।

सेंटर के आगे रेड के दौरान तैनात जवान।

जॉब कंसलटेंसी चलाते थे

वहीं सेंटर के कर्मियों ने पूछताछ में बताया कि सेंटर संचालक विवेक कुमार और उसका पार्टनर रौशन कुमार, राहुल राज की SSC मध्य क्षेत्र के प्रयाग राज दफ्तर में बहाल कार्यरत इजहार आलम से नजदीकियां हैं। यही इस सेंटर का पलाईंग ऑब्जर्बर हैं। इसी की सांठगांठ से सेंटर पर फर्जीवाड़ा हो रहा था। सेंटर मैनेज कराने से लेकर परीक्षा पास कराने तक के लिए सेंटर संचालक ने पटना के एक युवक से मिलकर ऑरिजनल कैंडिडेट्स से साढ़े दस लाख की डील की थी।

सेंटर संचालक विवेक कुमार और उसका पार्टनर रौशन कुमार, राहुल राज अपने जिले में छोटे स्तर पर जॉब कंसलटेंसी चलाने का काम करते हैं। इसी के जरिए वे एक दूसरे से मिले थे और फिर नजदीकियां बढ़ी।

25 नवंबर को बाद पूछताछ की जाएगी

साइबर डीएसपी अनुराग कुमार ने कहा कि इससे जुड़ा मामला साइबर थाना में दर्ज किया गया है। 35 गिरफ्तारियां की गई है। सेंटर संचालक फरार हैं। गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। इनके पकड़े जाने के बाद ही आगे की कड़ी खुलेगी। इसमें फ्रॉड, आईटी एक्ट और पब्लिक एग्जामिनेशन प्रिवेंशन एक्ट 2024 इनके ऊपर लगाया गया है। आगे 25 नवंबर के बाद कैंडिडेट को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।

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