सुप्रीम कोर्ट में याचिका-ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा दिया जा रहा: एक्टर-क्रिकेटर भी शामिल; कोर्ट बोला- कोई कानून जुआ खेलने से नहीं रोक सकता

नई दिल्ली1 घंटे पहले
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फोटो AI जनरेटेड है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि लोग इंडियन प्रीमियर लीग की आड़ में सट्टा लगा रहे हैं और जुआ खेल रहे हैं। हम जानते हैं कि इसे रोका जाना चाहिए, लेकिन शायद आप इस गलतफहमी में हैं कि इसे कानून के जरिए रोका जा सकता है।
कोर्ट ऑनलाइन ऐप को रेगुलेट करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “जिस तरह हम लोगों को हत्या करने से नहीं रोक सकते, उसी तरह कोई कानून लोगों को सट्टेबाजी और जुआ खेलने से नहीं रोक सकता।
बेंने कहा कि वह केंद्र से पूछेगी कि वह इस मुद्दे पर क्या कर रही है। इसके लिए केंद्र को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। बेंच ने मामले में अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से मदद की मांग की और कहा कि जरूरत पड़ी तो वह बाद में सभी राज्यों से जवाब मांगेगी।

कोर्ट ने कहा- यह समाज का विचलन है, हम मजबूर हैं
बेंच ने इन हालात को समाज का विचलन बताते हुए अपनी मजबूरी व्यक्त की और कहा कि कानून के लागू होने से लोगों को सट्टा लगाने से नहीं रोका जा सकता। हमने अपने बच्चों को इंटरनेट दे दिया है। वे इसे अपने स्कूलों में भी ले जाते हैं। माता-पिता एक टीवी देखते हैं, बच्चे दूसरा देखते हैं। यह पूरी तरह से सामाजिक विचलन है। क्या किया जा सकता है। जब लोग अपनी मर्जी से सट्टे में लिप्त हैं।
याचिका में दावा- ऑनलाइन ऐप बच्चों को फंसा रहे
याचिकाकर्ता के ए पॉल ने आरोप लगाया है कि कई ऑनलाइन इन्फ्लूएंसर, एक्टर और क्रिकेटर ऑनलाइन ऐप का प्रचार कर रहे हैं और बच्चों को फंसा रहे हैं। पॉल ने दावा किया कि वे उन लाखों माता-पिता की तरफ से याचिका लेकर आए हैं, जिनके बच्चे पिछले कुछ सालों में मर चुके हैं।
पॉल ने कहा कि सिगरेट के मामले में, पैकेट पर धूम्रपान के नुकसान दिखाती तस्वीरें थीं, लेकिन सट्टेबाजी से जुड़े ऐप के मामले में ऐसी कोई सावधानी नहीं बरती गई। यहां तक कि भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटरों ने भी मौजूदा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान इन ऐप का प्रचार किया।
तेलंगाना का जिक्र
पॉल ने कहा कि तेलंगाना में 1023 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की है, क्योंकि 25 बॉलीवुड और टॉलीवुड एक्टर/प्रभावशाली लोगों ने मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ किया है। तेलंगाना में प्रभावशाली लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, क्योंकि यह मामला मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
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