Published On: Sun, Dec 22nd, 2024

सुप्रीम कोर्ट बोला- शादी विश्वास पर आधारित रिश्ता है: इसका मकसद खुशी और सम्मान है, विवाद नहीं; 20 साल से अलग दंपति को तलाक मंजूर किया


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नई दिल्ली37 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शादी का रिश्ता आपसी भरोसे, साथ और साझा अनुभवों पर टिका होता है। अगर ये चीजें लंबे समय तक नहीं हों, तो शादी सिर्फ कागजों पर रह जाती है।

कोर्ट ने आगे कहा कि शादी का उद्देश्य दोनों की खुशी और सम्मान है, न कि तनाव और विवाद।

कोर्ट ने यह टिप्पणी मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखते हुए की, जिसमें 20 साल से अलग रह रहे सॉफ्टवेयर इंजीनियर दंपति को तलाक देने का आदेश दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने तलाक मंजूर करते हुए पत्नी को 50 लाख रुपए का देने का आदेश दिया। इसके साथ ही बेटी की पढ़ाई और भविष्य के खर्चों के लिए भी 50 लाख रुपए देने को कहा। यह रकम पति को चार महीने के अंदर चुकानी होगी।

कोर्ट ने कहा;-

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जब कोई शादी दोनों पक्षों के लिए दुख और तनाव का कारण बन जाए, तो उसे जबरदस्ती चलाना सही नहीं है। इस मामले में पति-पत्नी को अलग होकर अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करने का मौका दिया जाना चाहिए।

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शादी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की 3 टिप्पणियां

  1. पति-पत्नी पिछले 20 सालों से अलग रह रहे हैं।
  2. दोनों के बीच रिश्ते इतने खराब हो चुके हैं कि इसे ठीक करना मुमकिन नहीं है।
  3. लंबे समय से अलगाव और झगड़े इस बात का सबूत हैं कि यह शादी टूट चुकी है।

पत्नी 20 साल से मायके से नहीं लौटी तो पति ने तलाक मांगा

इस दंपति की शादी 30 जून 2002 को हुई थी। 2003 में उनके घर एक बेटी का जन्म हुआ। बेटी के जन्म के बाद पत्नी अपने मायके गईं, लेकिन फिर वापस नहीं लौटीं। तब से पति-पत्नी अलग रह रहे हैं।

पति ने तलाक के लिए अदालत का रुख किया और कहा कि पत्नी ने उनके और उनके परिवार पर झूठे आरोप लगाए और शिकायतें दर्ज कराईं, जिससे उन्हें मानसिक और भावनात्मक तकलीफ हुई। पत्नी ने इस तलाक का विरोध किया था, लेकिन अदालत ने उनकी दलीलें खारिज कर दीं।

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