Published On: Thu, Dec 19th, 2024

सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली में पेड़ों की गिनती का आदेश: कहा- कैपिटल सिटी की स्थिति बहुत विनाशकारी, हर रोज 3000 मीट्रिक टन सॉलिड वेस्ट निकल रहा


नई दिल्ली10 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- MCD एरिया में 3000 मीट्रिक टन कचरा ट्रीट नहीं किया जा रहा है। 2027 तक ये 6000 मीट्रिक टन हो जाएगा। - Dainik Bhaskar

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- MCD एरिया में 3000 मीट्रिक टन कचरा ट्रीट नहीं किया जा रहा है। 2027 तक ये 6000 मीट्रिक टन हो जाएगा।

दिल्ली में पेड़ों की गिनती की जाएगी। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ए एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने ट्री सेंसस (Tree Census) आदेश दिया। दिल्ली ट्री अथॉरिटी से बेंच ने कहा- 50 या उससे अधिक पेड़ों की कटाई के लिए सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (CEC) मंजूरी की परमिशन लेनी होगी।

बेंच ने दिल्ली के एयर पॉल्यूशन पर कहा- कैपिटल सिटी में बहुत ही विनाशकारी स्थिति है। कोर्ट में दोनों पक्षों के नोकझोंक से कुछ नहीं होगा। दिल्ली सरकार इसके सुधार के लिए कदम उठाए। कोर्ट ये टिप्पणी दिल्ली एयर पॉल्यूशन की सुनवाई के दौरान सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का मुद्दा उठने पर आई। इस पर बेंच ने चिंता भी जताई।

जस्टिस अभय एस ओका ने कहा- MCD एरिया में 3000 मीट्रिक टन कचरा ट्रीट नहीं किया जा रहा है। 2027 तक ये 6000 मीट्रिक टन हो जाएगा। मिस्टर चीफ सेक्रेटरी कृपया 27 जनवरी तक एक एफिडेविट दायर करें, जिसमें हमें बहुत ईमानदारी से बताया जाए कि 2016 के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नियमों में किन समयसीमाओं का पालन किया गया और किनका नहीं।

साथ ही बेंच ने कहा है कि एफिडेविट में गाजीपुर-भलस्वा में कचरे की अवैध डंपिंग के चलते लगने वाली आग रोकने के लिए उठाए गए कदमों का डिटेल भी दें। बेंच ने निर्माण कार्य रोकने की बात भी कही, जिससे सॉलिड वेस्ट प्रोडक्शन को कंट्रोल किया जा सके।

दिल्ली में पेड़ों की गणना (Tree Census) कराने का आदेश जस्टिस ए एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने दिल्ली वृक्ष प्राधिकरण से कहा- पेड़ों की गणना के लिए वन अनुसंधान संस्थान (FRI) को शामिल करें और गणना स्पेशलिस्ट्स की मदद लें।

बेंच ने कहा- पेड़ हमारे पर्यावरण का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। एहतियातन सरकार को पर्यावरण क्षरण के कारणों का अनुमान लगाना, उन्हें रोकना और उनको खत्म करना चाहिए। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना भी शामिल है।

कोर्ट का ये आदेश 1985 में दायर पर्यावरणविद् एमसी मेहता की जनहित याचिका पर आया। 18 दिसंबर को कोर्ट ने कहा था कि पेड़ों पर कानून उन्हें काटने के लिए नहीं बल्कि बचाने के लिए हैं।

बेंच ने कहा-

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पेड़ काटने की परमिशन से जुड़े डॉक्यूमेंट मिलने के बाद CEC एडिशनल डॉक्युमेंट के लिए ट्री अफसर को कभी भी बुला सकेगी। CEC एप्लिकेशन और दूसरी चीजों पर करेगा। इसके बाद तय करेगा कि पेड़ काटने की परमिशन देनी चाहिए या नहीं। अगर देनी चाहिए तो किन नियम और शर्तों के साथ दी जाए। हम ये स्पष्ट करते हैं कि 50 या अधिक पेड़ों को गिराने की अनुमति देते समय जब तक कि कोई अपवाद न हो पेड़ लगाने की शर्त लगाई जानी चाहिए। नहीं तो कटाई की परमिशन नहीं दी जानी चाहिए।

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CEC की परमिशन के बिना पेड़ नहीं काटे जाएंगे को बेंच ने एक एजेंसी नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा, जो दिल्ली की ग्रीनरी को बढ़ाने की दिशा में कदम सुझा सके। इसने राष्ट्रीय राजधानी में पेड़ों की गणना की आवश्यकता पर प्रकाश डाला था और कहा था कि वह वृक्ष अधिकारी द्वारा किए जाने वाले कार्यों की निगरानी के लिए एक प्राधिकरण बनाना चाहती है।

कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगर ट्री अफसर 50 या उससे अधिक पेड़ों को काटने की परमिशन दे देता है, लेकिन CEC की परमिशन के बिना पेड़ नहीं काटे जाएंगे। पेड़ों की गणना तीन स्पेशलिस्ट रिटायर IFS ईश्वर सिंह, सुनील लिमये के अलावा ट्री एक्सपर्ट प्रदीप सिंह की सहायता से की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट में पहली की सुनवाइयों में क्या हुआ…

12 दिसंबर: सुप्रीम कोर्ट ने को GRAP- 3 के कुछ उपायों को भी लागू करने के निर्देश दिए थे। इनमें पानी का छिड़काव, मशीनों से सड़कों की सफाई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस में बढ़ोतरी करना शामिल है।

5 दिसंबर: GRAP- 4 के प्रतिबंधों को कम करके GRAP- 2 में बदलने की इजाजत दी थी। साथ ही CAQM को निर्देश दिया था कि AQI 350 से ज्यादा होने पर GRAP- 3 और 400 से ज्यादा होने पर GRAP- 4 के प्रतिबंध लागू किए जाएं। इन्हीं निर्देशों के आधार पर आज यह कार्रवाही हुई है।

2 दिसंबर: पाबंदियां लागू होने के बाद मजदूरों को कितना भुगतान किया अगले तीन दिन में AQI का स्तर फिर देखेंगे। सुधार होने पर GRAP- 4 की पाबंदियां हटाने पर फैसला लिया जाएगा। कोर्ट ने दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी सरकार​​​​​​ के चीफ सेक्रेटरी से पूछा था कि, ‘ GRAP- 4 पाबंदियां लागू होने के बाद कितने कंस्ट्रक्शन मजदूरों को कितना भुगतान किया। 5 दिसंबर को वे सुनवाई में मौजूद रहें।’ दिल्ली सरकार ने बताया कि उसने 90,000 कंस्ट्रक्शन मजदूरों को तत्काल 5,000 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है।

25 नवंबर: कमीशन बताए कि स्कूल कैसे खुलें अगले दो दिनों में AQI का स्तर फिर देखेंगे, अगर कुछ सुधार होता है तो GRAP- 4 के क्लॉज 5 और 8 को हटाने पर विचार कर सकते हैं। सवाल यह है कि क्या GRAP- 4 के मानदंडों में छूट की आवश्यकता है। जब तक कोर्ट इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि AQI में लगातार गिरावट हो रही है, GRAP- 3 या GRAP- 2 में जाने की अनुमति नहीं दे सकते। साथ ही कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली में 113 एंट्री पॉइंट पर चेकिंग का क्या स्टेटस है।

22 नवंबर: सरकार ने ट्रकों की एंट्री बैन पर कुछ नहीं किया कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली सरकार की कोशिशों से संतुष्ट नहीं हैं। सरकार ने ट्रकों की एंट्री रोकने के लिए कुछ नहीं किया है। अदालत ने आगे कहा, ‘113 एंट्री पॉइंट पर सिर्फ 13 CCTV क्यों हैं। केंद्र इन सभी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस तैनात करे। एक लीगल टीम बनाई जाए जो यह देखे कि क्या वाकई में वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई जा रही है या नहीं। इसके लिए हम बार एसोसिएशन के युवा वकीलों को तैनात करेंगे।’

18 नवंबर: 12वीं तक के क्लासेस ऑनलाइन करें सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 10वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन कर दिए हैं। 11वीं और 12वीं के बच्चों के फेफड़े अलग है क्या। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दिल्ली-NCR रीजन में सरकारों को निर्देश दिया था कि AQI का स्तर नीचे लाने के लिए GRAP- 3 और GRAP- 4 के सभी जरूरी प्रतिबंधों को लागू किया जाए।

14 नवंबर: खतरनाक हालत में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए बेंच ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) से पूछा था कि एयर क्वालिटी के सीवियर कैटेगरी में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए। दरअसल एमिकस क्यूरी ने कहा था- CAQM को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उन्होंने AQI को खराब होने देने से पहले GRAP- 3 को क्यों नहीं लागू किया।

11 नवंबर: कोई धर्म प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधि का समर्थक नहीं, स्वच्छ हवा मौलिक अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली के दौरान पटाखों पर बैन के आदेश के उल्लंघन पर कहा था कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों का समर्थन नहीं करता है। दिल्ली सरकार दो हफ्तों में यह तय करे कि पटाखा बैन को पूरे साल के लिए बढ़ाया जाए या नहीं। कोर्ट ने कहा- स्वच्छ वातावरण में रहना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।

4 नवंबर: कुछ ऐसा करना होगा जिससे अगले साल भी पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश का उल्लंघन न हो बेंच ने कहा कि हमें कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे, जिससे अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के आदेशों का उल्लंघन न हो। बेंच ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि बैन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कैंपस सील करने जैसी सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

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दिल्ली में 16 दिसंबर की दोपहर 2:30 बजे AQI का लेवल 366 रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने शहर में GRAP-3 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) प्रतिबंध फिर से लागू किया गया। NCR इलाकों में भी ये प्रतिबंध लागू हैं। AQI का यह लेवल हवा की बहुत खराब श्रेणी को दिखाता है। पूरी खबर पढ़ें…

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