Published On: Sun, Dec 8th, 2024

सुखबीर बादल का हमलावर नारायण चौड़ा अमृतसर कोर्ट में पेश: 3 दिनों का रिमांड बढ़ा; पुलिस बोली-लखीमपुर खीरी में हथियार कराने हैं बरामद – Amritsar News


रिमांड खत्म होने के बाद नारायण सिंह चौड़ा कोर्ट लेकर पहुंची पुलिस।

पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले नारायण सिंह चौड़ा को आज पुलिस अमृतसर कोर्ट में लेकर पहुंची है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद नारायण सिंह चौड़ा का 3 दिनों का रिमांड और बढ़ गया है। 4 दिसंबर को हुए हमले के बाद चौड़ा को अमृतस

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जानकारी के अनुसार पुलिस ने कोर्ट में 10 दिन के रिमांड की मांग रखी थी। लेकिन पुलिस ने सिर्फ 3 दिन का रिमांड दिया। पुलिस ने कोर्ट में बताया कि चौड़ा की तरफ से माना गया है कि कुछ हथियार उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रखे हैं। जिन्हें रिकवर करवाने की जरूरत है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सिर्फ तीन दिन का रिमांड ही हासिल कोर्ट की तरफ से दिया गया।

इस मामले में पुलिस ने नारायण सिंह चौड़ा के दोनों बेटों जगजीत सिंह बाजवा और बलजिंदर सिंह बाजवा से भी पूछताछ की है। बीते दिन दोनों के बेटों से भी घंटों तक पूछताछ की गई है। गौरतलब है कि नारायण सिंह चौड़ा के दोनों ही बेटे पेशे से वकील हैं और दोनों की तरफ से ही नारायण सिंह चौड़ा के हक में एप्लिकेशन भी मूव की गई थी।

सजा पूरी करते समय सुखबीर पर हुआ था हमला।

सजा पूरी करते समय सुखबीर पर हुआ था हमला।

सेवादार बने सुखबीर पर करीब आकर चलाई थी गोली, सुरक्षाकर्मी ने बचाया

अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में बीते बुधवार को पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने फायरिंग की थी। सुखबीर गोल्डन टेंपल के गेट पर सेवादार बनकर बैठे थे। डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को माफी और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी जैसी गलतियों पर सिखों की सर्वोच्च अदालत अकाल तख्त ने उन्हें यह सजा दी है।

वारदात के वक्त हमलावर ने जैसे ही चंद कदमों की दूरी से सुखबीर पर गोली चलाई। उसी समय सिविल वर्दी में तैनात उनके सुरक्षाकर्मियों ने उसका हाथ पकड़कर ऊपर उठा दिया। जिससे गोली गोल्डन टेंपल की दीवार पर जा लगी। इससे सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए।

इसके बाद हमलावर ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। सुखबीर बादल को तुरंत सुरक्षा घेरे में ले लिया गया। गोल्डन टेंपल के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

अब नारायण सिंह चौड़ा के बारे में पढ़िए….

पाकिस्तान से हथियारों की तस्करी करने लगा

नारायण सिंह चौड़ा का जन्म 4 अप्रैल 1956 को गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक एरिया के चौड़ा गांव में हुआ। पंजाब में आतंकवाद के दौर से ही नारायण सिंह काफी एक्टिव रहा। वह साल 1984 में पाकिस्तान गया जहां उसकी मुलाकात ऐसे कई संगठनों से हुई जो भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। उसने पाकिस्तान में रहते हुए गुरिल्ला वॉर पर किताब और देशद्रोही साहित्य भी लिखा। पंजाब में आतंकवाद के दौरान आतंकी गुरिल्ला वॉर की तरह ही वारदात किया करते थे।

यही नहीं, चौड़ा पंजाब में आतंकवाद के शुरुआती दौर में हथियारों और विस्फोटकों की स्मगलिंग भी करता रहा। उस दौरान पंजाब में हुई कई आतंकी गतिविधियों में उसकी अहम भूमिका रही।

तीन जिलों में UAPA के केस

नारायण सिंह चौड़ा के खिलाफ 8 मई 2010 को अमृतसर के सिविल लाइन थाने में आर्म्स एक्ट के तहत तकरीबन एक दर्जन मामले दर्ज किए गए। अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ जिले में उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के केस भी दर्ज हैं। अमृतसर में आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज एक केस में वह कोर्ट से बरी भी हो चुका है।

2013 में गिरफ्तार हुआ पंजाब पुलिस ने नारायण सिंह चौड़ा को 28 फरवरी 2013 को तरनतारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया था। उसके साथ तरनतारन के ही पंडोरी गांव से सुखदेव सिंह और गुरिंदर सिंह भी अरेस्ट किए गए। इन तीनों से पूछताछ के बाद पंजाब पुलिस ने मोहाली के कुराली गांव में रेड करके RDX और हथियारों का जखीरा बरामद किया था। इस केस में नारायण सिंह चौड़ा को जमानत मिली हुई है।

बुड़ैल जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड

नारायण सिंह चौड़ा पर आरोप है कि वह 2004 में चंडीगढ़ में हुए बुड़ैल जेल ब्रेक कांड का मास्टरमाइंड है। तब पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भ्यौरा और जगतार सिंह तारा जेल के अंदर सुरंग खोदकर फरार हो गए थे।

आरोप है कि नारायण सिंह चौड़ा जेल में इन लोगों से नियमित रूप से मिलने जाता था। वह इन्हें खाने-पीने के अलावा कपड़े और जरूरत के दूसरे सामान भी उपलब्ध करवाता था। बुड़ैल जेल ब्रेक की इन्वेस्टिगेशन के दौरान पुलिस ने उसे अरेस्ट भी किया था। उस दौरान की गई पूछताछ में खुलासा हुआ कि नारायण सिंह चौड़ा पगड़ी देने के बहाने बेअंत सिंह के हत्यारों से मिलता था।

हवारा और उसके साथियों ने जेल में कई महीने तक अपनी बैरक से जेल की बाहरी दीवार तक सुरंग खोदी। 21 और 22 जनवरी 2004 की दरम्यानी रात इस सुरंग से ही वह जेल की बाहरी दीवार तक पहुंचे और फिर पगड़ी वाले कपड़े की मदद से ही जेल की दीवार फांदी थी। आरोप है कि जेल से भागने में उनकी मदद के लिए चौड़ा ने जेल में बिजली सप्लाई करने वाली तारों पर चेन डालकर बत्ती गुल कर दी थी। पुलिस जांच में यह भी पता चला था कि इन लोगों के लिंक पाकिस्तान में बैठे कुछ आतंकियों के साथ भी थे।

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