Published On: Tue, Nov 26th, 2024

सीनियर आर्मी अफसर की रिपोर्ट- महिला COs बहुत शिकायती: ईगो प्रॉब्लम, मनमाने फैसले; पुरुषों जैसी ट्रेनिंग नहीं इसलिए जूनियर्स की प्रॉब्लम नहीं समझतीं


नई दिल्ली5 मिनट पहले

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भारतीय सेना के एक सीनियर अधिकारी ने महिला कमांडिंग अफसरों (COs) के कामकाज के रिव्यू के बाद कहा कि वे बहुत ज्यादा शिकायत करती हैं। मीडिया में ये रिपोर्ट 26 नवंबर को सामने आई है।

दावा किया गया है कि इस रिपोर्ट को 17 कॉर्प्स में टेन्योर खत्म कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल राजीव पुरी ने बनाया है, जिसे 1 अक्टूबर को ईस्टर्न कमांड के कमांडर-इन-चीफ को एक खत के रूप में भेजा गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला COs में ईगो प्रॉब्लम रहती है। वे छोटी-छोटी बात का सेलिब्रेशन करती हैं। जूनियर्स के लिए उनका व्यवहार ‘टॉक्सिक’ रहता है। ये रिपोर्ट सामने आने के बाद आर्मी के भीतर और बाहर चर्चा शुरू हो गई है।

रिपोर्ट में महिला COs पर 00 ऑब्जर्वेशन, पहले सेना में उनकी मौजूदगी ग्राफिक्स में जान लीजिए…

रिपोर्ट में महिला COs पर 5 फीडबैक

1. महिला कमांडर कम संवेदनशील रिपोर्ट में कहा गया, “महिला CO अपने अधिकारियों, जूनियर्स और जवानों के लिए कम संवेदनशील होती हैं। ज्यादातर महिला कमांडर अपने और जूनियर के बीच किसी भी मतभेद को अपने आदेश की अवहेलना मानती हैं। अपनी टीम से बातचीत किए बिना खुद ही सारे निर्णय लेने पर यकीन करती हैं। वे अपने काम करने के तरीके पर ही ज्यादा जोर देती हैं।”

2. जूनियर्स के लिए ठीक व्यवहार नहीं रिपोर्ट के मुताबिक, एक महिला कमांडर ने अपने सूबेदार मेजर (SM) को आदेश दे रखा था कि वे जब भी आए, SM ही उनकी गाड़ी का दरवाजा खोले। जब तक SM दरवाजा खोलने नहीं आता, वह महिला अधिकारी अपनी गाड़ी में ही बैठी रहती हैं।

3. जूनियर के काम का श्रेय लेती हैं COs लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने लेटर में लिखा, “कई मौकों पर महिला COs अपने जूनियर्स को अपमानजनक तरीकों से भी संबोधित करती हैं, जिसके चलते कई यूनिटों का माहौल खराब हुआ है। वे जूनियर्स के कामों का श्रेय लेती हैं।”

4. पुरुषों जैसी ट्रेनिंग नहीं इसीलिए परेशानी रिपोर्ट में कहा गया, “पुरुष अधिकारी CO के पद पर आने से पहले कड़ी ट्रेनिंग से होकर गुजरते हैं। वे कई तरह के कोर्स कर चुके होते हैं। महिलाओं को इतने मौके नहीं मिलते। महिलाओं को पुरुषों की तरह हाई प्रेशर का अनुभव भी नहीं होता। इसके चलते उन्हें अपने जूनियर्स की समस्याओं और उनकी स्थिति का अंदाजा नहीं होता। वे उन्हें बेहतर नहीं समझ पाती।”

5. महिला-पुरुष में भेदभाव किए बिना पावर दी जाए लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा, “जेंडर इक्वैलिटी की जगह जेंडर न्यूट्रैलिटी पर जोर देना चाहिए। महिलाओं को समान अधिकार देने के बजाय, महिला-पुरुष में भेदभाव किए बिना शक्तियां दी जानी चाहिए। महिलाओं के काम की लगातार निगरानी और लीडरशिप में आ रही कमियों का समाधान निकालना चाहिए।”

2022 में लेफ्टिनेंट जनरल राजीव पुरी (तब मेजर जनरल) को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया था।

2022 में लेफ्टिनेंट जनरल राजीव पुरी (तब मेजर जनरल) को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया था।

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